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Fake Sweets on Diwali: दिवाली की मिठास में जहर! लखनऊ में 1600 किलो नकली बर्फी और टोफू जब्त

Fake Sweets: दिवाली की मिठास में इस बार भी मिलावट का कड़वा स्वाद घुल रहा है। राजधानी लखनऊ में खाद्य विभाग ने 1600 किलो बर्फी और 135 किलो टोफू पनीर नष्ट किया है। त्योहार के सीजन में कुछ लालची व्यापारी मुनाफे के लालच में लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। सावधानी ही सुरक्षा है।

4 min read

लखनऊ

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Ritesh Singh

Oct 18, 2025

दिवाली पर बरतें सावधानी: पैसों के भूखे भेड़िए कर रहे सेहत से खिलवाड़, मिठाई से लेकर टोफू-पनीर तक सब मिलावटी

दिवाली पर बरतें सावधानी: पैसों के भूखे भेड़िए कर रहे सेहत से खिलवाड़, मिठाई से लेकर टोफू-पनीर तक सब मिलावटी

Fake Sweets on Diwali 2025: दिवाली का त्योहार खुशियों, मिठास और रोशनी का पर्व है, लेकिन इस रोशनी में कुछ ऐसे अंधेरे भी हैं जो आम जनता की सेहत को निगल रहे हैं। त्योहार की चहल-पहल के बीच कुछ लालची व्यापारी मुनाफे के चक्कर में लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। मिठाई से लेकर दूध, घी, पनीर और अब तो टोफू तक, हर चीज में मिलावट का जहर घोला जा रहा है।

राजधानी लखनऊ में मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ खाद्य विभाग ने एक बड़ा अभियान छेड़ रखा है। इस अभियान के तहत विभाग की टीम ने 1600 किलो अधोमानक सूजी की बर्फी और हलवा तथा 135 किलो खराब क्वालिटी का टोफू पनीर जब्त कर नष्ट कराया है। विभाग का कहना है कि यह सारा माल बाजार में बेचा जाने वाला था, जो आम जनता की थाली तक पहुंचकर सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता था।

1600 किलो बर्फी और हलवा नष्ट, कीमत 1.76 लाख रुपये

त्योहारों पर मिठाई की मांग बढ़ने के साथ ही नकली मिठाई बनाने वालों की सक्रियता भी चरम पर होती है। इसी सिलसिले में आर्यांश गृह उद्योग, सरोसा भरोसा (लखनऊ) में खाद्य विभाग की टीम ने छापा मारा। यहाँ रखे गए 1600 किलो सूजी की बर्फी और हलवा की क्वालिटी जांच में फेल हो गई। यह उत्पाद अधोमानक पाए गए- यानी इनमें उपयोग किया गया घी, दूध, रंग और सुगंध सभी घटिया दर्जे के थे।

सहायक आयुक्त (खाद्य द्वितीय) विजय प्रताप सिंह ने बताया कि इन मिठाइयों की अनुमानित कीमत लगभग 1.76 लाख रुपये है। जांच में पाया गया कि इन उत्पादों में न केवल खराब गुणवत्ता के पदार्थ इस्तेमाल किए गए थे बल्कि मिठाई को लंबे समय तक टिकाने के लिए रासायनिक तत्व भी मिलाए गए थे, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं।

135 किलो खराब टोफू पनीर भी हुआ नष्ट

खाद्य विभाग की टीम ने दूसरी कार्रवाई नारायण फूड प्रोडक्ट्स, वृंदावन कॉलोनी (लखनऊ) में की। यहाँ 135 किलो टोफू पनीर मानक के अनुरूप नहीं पाया गया। टीम ने मौके पर ही इस खराब पनीर को नष्ट कराया। इसकी बाजार कीमत 17,420 रुपये बताई गई। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा पनीर शरीर में संक्रमण और फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ा सकता है। जांच में पाया गया कि पनीर बनाने में इस्तेमाल पानी दूषित था, और जमाने के लिए सस्ते व हानिकारक केमिकल का उपयोग किया गया था।

डेयरी उत्पादों के भी लिए गए सैंपल

मिलावट का जाल केवल मिठाई या टोफू तक सीमित नहीं है। खाद्य विभाग ने शहर और आस-पास के क्षेत्रों में डेयरी उत्पादों की जांच भी शुरू की है। टीम ने पनीर पाल दूध डेयरी, मोहनलालगंज से पनीर और घी के सैंपल लिए। वहीं यादव दूध डेयरी, मोहनलालगंज से भी घी के नमूने जांच के लिए भेजे गए। कुल मिलाकर विभिन्न दुकानों और डेयरियों से आठ सैंपल लिए गए हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद संबंधित व्यापारियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।

खाद्य विभाग ने दी सख्त चेतावनी

सहायक आयुक्त खाद्य विजय प्रताप सिंह ने कहा कि मिलावटखोरों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। उन्होंने साफ कहा कि त्योहार के नाम पर किसी को भी लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जेल और भारी जुर्माना दोनों शामिल हैं। उन्होंने उपभोक्ताओं से भी अपील की कि वे खाद्य पदार्थ खरीदते समय सावधानी बरतें, बिना ब्रांड की या बिना पैकिंग की मिठाइयां खरीदने से बचें और शक होने पर तुरंत खाद्य विभाग को सूचना दें।

दिवाली की मिठास में छिपा ज़हर

त्योहारों पर मिठाइयों की बिक्री कई गुना बढ़ जाती है। इस मौके का फायदा उठाकर कुछ कारोबारी घटिया घी, सिंथेटिक दूध, और नकली रंगों का इस्तेमाल कर मिठाई तैयार करते हैं। कई जगह डिटर्जेंट पाउडर से दूध की झाग बनाई जाती है। सिंथेटिक दूध में यूरिया और डिटर्जेंट मिलाकर उसे गाढ़ा किया जाता है। चांदी का वर्क जो मिठाई पर लगाया जाता है, कई बार एल्युमिनियम का होता है, जो शरीर के लिए खतरनाक है। डॉक्टरों के अनुसार ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से फूड पॉइजनिंग, लीवर और किडनी की समस्या, त्वचा रोग और यहां तक कि कैंसर जैसी बीमारियां तक हो सकती हैं।

 स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के पोषण विशेषज्ञ डॉ. अजय वर्मा बताते हैं कि त्योहारों में अधिकतर मिठाइयों में सिंथेटिक रंग और रासायनिक सुगंध मिलाई जाती है। ये तत्व बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से हानिकारक होते हैं। यदि मिठाई या पनीर की गंध या रंग अजीब लगे, तो उसे खाने से बचें। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता घर में बने घी, दूध और शुद्ध चीनी से बनी मिठाइयां ही खाएँ। बाजार से खरीदते समय हमेशा एफएसएसएआई (FSSAI) नंबर और पैकेजिंग की तिथि अवश्य जांचें।

कैसे पहचानें मिलावटी मिठाई या पनीर

  • मिठाई का रंग - बहुत अधिक चमकीला या अस्वाभाविक दिखे तो समझिए उसमें कृत्रिम रंग मिलाया गया है।
  • घी की खुशबू - असली घी में हल्की मिठास की गंध होती है, जबकि नकली में केमिकल जैसी गंध आती है।
  • नीर की बनावट - अगर पनीर बहुत कठोर या बहुत चिकना लगे, तो उसमें डिटर्जेंट या अन्य रसायन मिलाए जा सकते हैं।
  • दूध की झाग- बहुत अधिक झाग उठना या जल्दी फटना मिलावट का संकेत है।

सरकार का अभियान जारी रहेगा

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने स्पष्ट किया है कि दिवाली और उसके बाद भी सघन जांच अभियान जारी रहेगा। सभी जिलों में टीमें तैनात हैं और मिठाई, दूध, घी, पनीर, तेल तथा मसालों की जांच की जा रही है। विभाग ने कहा है कि जिन दुकानों पर खराब क्वालिटी या नकली उत्पाद पाए गए, उनके खिलाफ FSSAI अधिनियम 2006 के तहत मुकदमे दर्ज किए जाएंगे। दोषी पाए जाने पर लाइसेंस रद्द किया जा सकता है और जुर्माने के साथ जेल की सजा भी हो सकती है।

जनता के लिए संदेश

  • त्योहार पर जब पूरा देश मिठास और रोशनी में डूबा है, ऐसे में जरुरी है कि हम अपनी सावधानी को ढाल बनाएं।
  • सस्ती मिठाई या दिखने में आकर्षक पनीर खरीदने के लालच में अपनी सेहत को दांव पर न लगाएं।
  • विश्वसनीय दुकानों से ही खरीदारी करें, और शक होने पर खाद्य विभाग की हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराएं।