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UP IAS Transfers: यूपी में दो आईएएस अफसरों का तबादला: परिवहन विभाग में बदलाव

UP Govt Transfers Two IAS Officers: उत्तर प्रदेश सरकार ने दो आईएएस अधिकारियों के विभागीय जिम्मेदारियों में बड़े फेर-बदल किए हैं। वरिष्ठ अधिकारी अर्चना अग्रवाल को अपर मुख्य सचिव (परिवहन) व अध्यक्ष राज्य परिवहन निगम की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं अमित गुप्ता से प्रमुख सचिव परिवहन व अध्यक्ष राज्य सड़क परिवहन निगम का प्रभार वापस लिया गया है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Oct 24, 2025

Transfers (फोटो सोर्स )

Transfers (फोटो सोर्स )

 UP IAS Transfers  News:  राज्य शासन द्वारा दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के दायित्वों में बड़े फेर-बदल किए गए हैं, जहाँ बदलावों को सरकार के प्रबंधन और विभागीय कार्यक्षमता दोनों दृष्टिकोण से देखा जा रहा है। इस क्रम में, वरिष्ठ अधिकारी अर्चना अग्रवाल को नए पोस्ट-ऑफ-चार्ज दिए गए हैं, जबकि अमित गुप्ता को मुख्य सचिव पद सहित अन्य जिम्मेदारियों से हटाया गया है।

कौन कौन सी बदल गई है जिम्मेदारी

अर्चना अग्रवाल को अपर मुख्य सचिव (परिवहन) तथा अध्यक्ष उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम का पद सौंपा गया है। अमित गुप्ता से प्रमुख सचिव परिवहन व अध्यक्ष राज्य सड़क परिवहन निगम का प्रभार वापस ले लिया गया है। हालांकि, उन्हें प्रमुख सचिव स्टांप एवं पंजीयन विभाग का कार्यभार पूर्ववत देखने की जिम्मेदारी दी गई है। इस बदलाव से यह संकेत मिलता है कि राज्य सरकार परिवहन विभाग तथा उसके सम्बंधित उपक्रमों में नए नेतृत्व के साथ दिशा-निर्धारण करना चाहती है।

अर्चना अग्रवाल :

अर्चना अग्रवाल 1990 बैच की आईएएस अधिकारी हैं, दर्जनों वर्षों से प्रशासनिक पदों पर कार्यरत रही हैं। उन्होंने 16 फरवरी 2016 को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कार्य किया था और 16 अक्टूबर 2025 को केंद्र से वापस अपनी गृह प्रदेश उत्तर प्रदेश में जॉइनिंग दी थी। उनकी नियुक्ति परिवहन विभाग में इस महत्वपूर्ण नेतृत्व पद पर इसलिए भी देखी जा रही है क्योंकि इस विभाग के सामने सड़क-परिवहन, बस सेवा, निगम वित्तीय स्थिति, लॉजिस्टिक्स एवं यातायात सुधार जैसे चुनौतियां हैं।

अमित गुप्ता : 

अमित गुप्ता 2000 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें पहले प्रमुख सचिव, स्टाम्प एवं पंजीयन विभाग के साथ-साथ पहले इस्य प्रसारण था कि वे प्रमुख सचिव परिवहन तथा अध्यक्ष राज्य सड़क परिवहन निगम भी थे।

हालांकि इस नवीन निर्णय के तहत उनसे परिवहन विभाग व निगम अध्यक्षता का काम वापस लिया गया है। उन्हें वर्तमान में स्टाम्प और पंजीयन विभाग का कार्यभार देखना जारी रहेगा। यह बदलाव विभागीय प्राथमिकताओं एवं नेतृत्व-शैली में सरकार द्वारा चाहे जा रहे परिवर्तन की ओर संकेत कर रहा है।

क्यों हुआ यह फेरबदल

  • जब विभागों में बदलाव किए जाते हैं, तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं -
  • विभाग की कार्यप्रणाली में बदलाव लाना।
  • नए नेतृत्व से तेजी व रणनीतिक दिशा देना।
  • किसी अधिकारी की विशेष प्रतिभा को उस विभाग में लगाना जहाँ चुनौती अधिक हो।
  • राजनीतिक व प्रशासनिक समन्वय को बेहतर बनाना।

परिवहन विभाग जैसे बड़े एवं जटिल विभाग में बस सेवा, सड़क नेटवर्क, यात्री सुविधा, निगमों की वित्तीय स्थिति एवं शासन-निर्मित नीतियों का क्रियान्वयन शामिल है। ऐसे में सरकार यह चाह सकती है कि जिम्मेदारी किसी ऐसे अधिकारी को मिले जिनके अनुभव व दृष्टिकोण इस बदलाव की दिशा में हों, संभवतः यही कारण माना जा रहा है कि अर्चना अग्रवाल को यह जिम्मेदारी सौंपी गई।

क्या होंगे अगले कदम

  • अर्चना अग्रवाल को अब परिवहन विभाग की समीक्षा, रणनीति निर्धारण, निगमों का वित्तीय स्वास्थ्य, बस सेवाओं का विस्तार एवं ट्रैफिक प्रबंधन जैसे कार्यों की जिम्मेदारी मिली है।
  • अमित गुप्ता स्टांप एवं पंजीयन विभाग में focus रखेंगे, जहाँ भूमि-रजिस्ट्री, स्टांप शुल्क, पंजीकरण प्रक्रिया, डिजिटल डॉक्यूमेंटेशन आदि शामिल हैं।
  • परिवहन निगम सहित राज्य-स्तरीय बस संचालन, राज्य सड़क परिवहन निगम (SRTC) के वित्तीय सुधार, सेवा विस्तार व नीतिगत बदलाव सरकार की प्राथमिकताओं में रहेंगे।
  • प्रशासनिक रूप से यह देखना होगा कि नए नेतृत्व के आने के बाद इन विभागों में कार्य-दक्षता व जन-सेवा गुणवत्ता में कितना बदलाव आता है।

असर और विश्लेषण

  • प्रशासनिक संकेत: सरकार यह दिखाना चाहती है कि वह विभागीय नेतृत्व बदलने में सक्रिय है, खासकर जहाँ निर्माण-कार्य, सेवा वितरण या निगम प्रबंधन में सुधार की जरूरत हो।
  • विभागीय प्राथमिकता: परिवहन जैसे विभाग को नए नेतृत्व देना संकेत हो सकता है कि अगले कुछ समय में इस विभाग में तेज कार्रवाई व सुधार की योजना है।
  • अधिकारी-प्रबंधन: अधिकारियों की जिम्मेदारियों में बदलाव से उनके अनुभव का इस्तेमाल नए क्षेत्रों में भी किया जाता है और उनकी विशेषज्ञता को नए परिवेश में लगाना होता है।
  • सुधार की दिशा: बसों, सड़क परिवहन निगमों, पंजीकरण एवं स्टांप व्यवस्था में जन-प्रतिक्रिया अक्सर रहती है,इसलिए सरकार इन क्षेत्रों में सुधार को प्राथमिकता देती दिख रही है।

चुनौतियां और अवसर

  • परिवहन विभाग में बसों की संख्या, राज्य-सड़क परिवहन निगम की माली हालत, यात्री-सुविधा, सड़क नेटवर्क आदि बड़ी चुनौतियाँ हैं। नए मुख्य सचिव व अध्यक्ष को इनका सामना करना होगा।
  • पंजीयन-स्टांप विभाग में डिजिटलकरण, भ्रष्टाचार-रहित प्रक्रिया, समय-बचत, ऑनलाइन सुविधा बढ़ाने जैसे अनेक अवसर मौजूद हैं। अमित गुप्ता को इन अवसरों पर काम करने का अवसर मिलेगा।
  • कुल मिलाकर, बदलाव से यह उम्मीद की जाती है कि अधिक जवाबदेही, तेज निर्णय-प्रक्रिया एवं बेहतर सेवा वितरण सामने आए।