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BSP Mayawati: मायावती ने हटाया गाजियाबाद जिलाध्यक्ष: चंदा विवाद एवं होर्डिंग फाड़ने के बाद मनोज जाटव बने नए प्रमुख

BSP सुप्रीमो मायावती ने गाजियाबाद के जिलाध्यक्ष नरेंद्र मोहित को हटाकर उनकी जगह मनोज जाटव को नियुक्त किया है। मेरठ मंडल प्रभारी विजय सिंह की शिकायत तथा 23 अक्टूबर को पार्टी कार्यालय की होर्डिंग फाड़ने की घटना को कार्रवाई की प्रमुख वजह बताया जा रहा है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Oct 24, 2025

लगातार दूसरे दिन कार्रवाई से बसपा में खलबली, अंदरूनी कलह और आरोपों की जंग उजागर (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

लगातार दूसरे दिन कार्रवाई से बसपा में खलबली, अंदरूनी कलह और आरोपों की जंग उजागर (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

BSP Mayawati Ghaziabad Politics: बहुजन समाज पार्टी ( BSP ) सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को एक और बड़ा संगठनात्मक बदलाव कर दिया। गाजियाबाद के जिलाध्यक्ष नरेंद्र मोहित को पद से हटाकर मनोज जाटव को नया जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। लगातार दूसरे दिन हुई इस कड़ी कार्रवाई ने पार्टी के भीतर हलचल पैदा कर दी है। सूत्रों के मुताबिक इस बदलाव की वजह मेरठ मंडल प्रभारी विजय सिंह की शिकायत है। आरोप है कि 9 अक्टूबर की रैली के लिए कार्यकर्ताओं से नकद चंदा लिया गया, जबकि पार्टी की ओर से बिना नकद सहयोग लेने के निर्देश थे। साथ ही 23 अक्टूबर को पार्टी कार्यालय में लगी मायावती की होर्डिंग फाड़े जाने को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच विवाद हुआ।

पहले शमसुद्दीन, अब नरेंद्र - लगातार दो दिन में एक्शन

बीते गुरुवार मायावती ने लखनऊ-कानपुर मंडल प्रभारी रहे शमसुद्दीन को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने बसपा सुप्रीमो के लगातार 37 फोन कॉल रिसीव नहीं किए। अब नरेंद्र मोहित पर गाजियाबाद संगठन में अव्यवस्था और चंदा विवाद को लेकर कार्रवाई की गई है। इस लगातार अनुशासनात्मक रुख से यह संदेश साफ है कि मायावती संगठन में ढिलाई या मनमानी कतई बर्दाश्त नहीं करेंगी। पार्टी कैडर में इसे लेकर दहशत और असमंजस की स्थिति है।

पुरानी रंजिश बनी विवाद की असली जड़?

सूत्र बताते हैं कि 70 वर्षीय मेरठ मंडल प्रभारी विजय सिंह . 44 वर्षीय गाजियाबाद जिलाध्यक्ष रहे नरेंद्र मोहित के बीच खटास 2023 से ही बनी हुई है। कभी विजय सिंह गाजियाबाद जिलाध्यक्ष थे और नरेंद्र उनके जूनियर महासचिव। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले संगठनात्मक बदलाव में मोहित को विजय सिंह से बड़ा पद दे दिया गया। यहीं से “सीनियर बनाम जूनियर” का संघर्ष शुरू हुआ।

पार्टी सूत्रों के शब्दों में

विजय सिंह को लगता है कि नरेंद्र मोहित ने उनका हक छीनकर पद पाया है। माहौल ऐसा बन गया कि अवसर मिलते ही दोनों एक-दूसरे को नुकसान पहुँचाने की रणनीति में रहते थे।

होर्डिंग विवाद बना कार्रवाई का ट्रिगर

गाजियाबाद राजनगर स्थित बसपा कार्यालय में मायावती और नरेंद्र मोहित की बड़ी होर्डिंग लगी थी। 23 अक्टूबर को यह अचानक हटाई गई। आरोप है कि विजय सिंह समर्थकों ने इसे हटाकर विवाद को हवा दी। इसने दोनों नेताओं की खींचतान को नया रूप दे दिया।

'मोहित नाम' का भ्रम और उसका खामियाजा

गाजियाबाद में बसपा संगठन में मोहित नाम के तीन प्रमुख चेहरे

  • मोहित वाल्मीकि- पहले भीम आर्मी, अब मोदीनगर प्रभारी
  • मोहित जाटव - पहले AAP व पीस पार्टी, अब संगठन विस्तार में
  • नरेंद्र मोहित - हटाए गए जिलाध्यक्ष

चंदा वसूली की शिकायत में बताया जा रहा है कि विजय सिंह ने ‘मोहित’ नाम का फायदा उठाकर शिकायत सीधे नरेंद्र के खिलाफ दिए जाने को सुनिश्चित किया।

कौन हैं नरेंद्र मोहित?- संघर्ष और उतार-चढ़ाव से भरा सफर

  • पेशे से वकील
  • 14 साल की उम्र से बसपा से जुड़ाव
  • बूथ अध्यक्ष → सेक्टर अध्यक्ष → जिला कार्यकारिणी सदस्य
  • 2020 में जिला उपाध्यक्ष
  • 2024 में मेरठ मंडल प्रभारी

जिलाध्यक्ष बनना और हटना - सिर्फ 1 साल में दो बार

  • वर्तमान में उन्हें कोई नया जिम्मा नहीं मिला है।नरेंद्र मोहित का बयान-पद बड़ा या छोटा मायने नहीं रखता, बहनजी जो जिम्मेदारी देंगी, निभाऊंगा।”
  • एक साल में चार जिलाध्यक्ष -गाजियाबाद संगठन में अस्थिरता

गाजियाबाद में जिला अध्यक्ष पद पर

  • दयाराम सेन
  • नरेंद्र मोहित
  • फिर दयाराम
  • फिर नरेंद्र
  • अब मनोज जाटव

लगातार बदलाव यह दर्शाता है कि 

  • संगठन कमजोर,
  • स्थानीय स्तर पर अंदरूनी राजनीति बहुत तेज
  • चुनावी तैयारी प्रभावित
  • 2027 विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा पुनर्गठन

मायावती ने मंडलीय व्यवस्था खत्म कर

  • 9 नए जोन बनाए
  • हर जोन में 2 प्रभारी नियुक्त - मुख्य व सहायक
  • जिम्मेदारियों का तेज पुनर्वितरण शुरू

नए प्रभारी -

  • गोरखपुर-अयोध्या-लखनऊ : घनश्याम चंद्र खरवार
  • प्रयागराज : गया चरण दिनकर (मुख्य), विजय प्रताप (सहायक)
  • मेरठ- सहारनपुर- कानपुर : मुनकाद अली
  • मिर्जापुर : भीम राजभर, गुड्डू राम (सहायक)
  • यानी चुनाव से पहले बसपा मिशन-2027 मोड में सक्रिय है।