घर की दिवाली अब बनी महंगी, आसमान छू रहे टिकट के दाम (फोटो सोर्स : AI)
UP Diwali Travel 2025: त्योहारों का मौसम आते ही देशभर के लोग अपने घरों की ओर रुख करने लगते हैं, लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए दिवाली और छठ पर्व पर घर लौटना बेहद महंगा और मुश्किल साबित हो रहा है। ट्रेनों में लंबी वेटिंग और स्पेशल ट्रेनों को अनुमति न मिलने के कारण यात्रियों को मजबूरन हवाई जहाजों का सहारा लेना पड़ रहा है, जिसका नतीजा है- आसमान छूते टिकट दाम और जेब पर भारी पड़ता सफर।
त्योहारी सीजन में एयरलाइंस ने किराए में भारी बढ़ोतरी की है। लखनऊ से मुंबई की सीधी उड़ान का किराया 25,723 रुपये तक पहुंच गया है, जबकि आम दिनों में यही टिकट ₹4,500 से ₹5,000 में मिल जाता था। इसी तरह लखनऊ से दिल्ली का किराया भी 6 गुना तक बढ़ गया है। इंडिगो, एअर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की सीधी उड़ानों में सीटें लगभग फूल हैं।
एयरलाइन से जुड़े अधिकारियों के अनुसार -
इन आंकड़ों से साफ है कि त्योहारों के दौरान हवाई सफर आम लोगों की पहुंच से बाहर होता जा रहा है।
त्यौहारी भीड़ को देखते हुए उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन ने 52 स्पेशल ट्रेनों का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा है। इन ट्रेनों को पटना, कोलकाता, चंडीगढ़, जम्मू, अहमदाबाद, दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख रूटों पर चलाने की योजना है। हालांकि, मंडल के सीनियर डीसीएम कुलदीप तिवारी के अनुसार, प्रस्ताव भेजे जाने के बावजूद अब तक बोर्ड से अनुमति नहीं मिली है। जैसे ही बोर्ड से मंजूरी मिलेगी, सभी 52 स्पेशल ट्रेनें तुरंत पटरी पर उतरेंगी। रैक और बोगियों की व्यवस्था पूरी कर ली गई है,”-कुलदीप तिवारी, सीनियर डीसीएम, लखनऊ मंडल।
दशहरा बीत चुका है और अब दिवाली व छठ पर्व सिर पर हैं, लेकिन ट्रेनों की कन्फर्म बुकिंग पाने में यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। अधिकांश रूटों पर वेटिंग 200 से 300 तक पहुंच चुकी है। रेलवे सूत्र बताते हैं कि स्पेशल ट्रेनों के बिना लाखों यात्रियों को या तो महंगे हवाई किराए देने होंगे या सड़क मार्ग से घंटों का सफर तय करना पड़ेगा।
दैनिक यात्री एसोसिएशन के अध्यक्ष एस.एस. उप्पल का कहना है कि रेलवे की ओर से यदि स्पेशल ट्रेनों की मंजूरी जल्द नहीं मिली तो स्थिति और भी गंभीर हो जाएगी। यात्रियों को मजबूरी में हवाई जहाज का टिकट लेना पड़ रहा है, जो उनकी आर्थिक स्थिति पर भारी पड़ रहा है। सिर्फ लखनऊ ही नहीं, बल्कि वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर और प्रयागराज से भी बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार मुंबई, दिल्ली और पंजाब लौटते हैं। ट्रेनों में टिकट न मिलने से इन शहरों के हवाई किराए में भी तेज उछाल देखा जा रहा है।
त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने और सीमित उड़ानों के कारण हवाई किराए में यह अप्रत्याशित उछाल आया है।
रेलवे सूत्रों के मुताबिक, बोर्ड की स्वीकृति मिलते ही ट्रेनों को चरणबद्ध तरीके से संचालित किया जाएगा। अनुमान है कि दीपावली से एक सप्ताह पहले कुछ रूटों पर राहत मिलने लगेगी। हालांकि, अभी तक आधिकारिक मंजूरी नहीं मिलने के कारण यात्रियों में अनिश्चितता बनी हुई है।
लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पर पिछले एक सप्ताह में यात्रियों की संख्या में 35% तक वृद्धि दर्ज की गई है। एयरलाइन काउंटरों पर लंबी कतारें हैं। कई यात्रियों ने बताया कि वे पहले ट्रेन से जाना चाहते थे, लेकिन कन्फर्म टिकट न मिलने पर उन्हें फ्लाइट बुक करनी पड़ी। हम पांच लोग मुंबई जा रहे हैं। टिकट का खर्च 1.25 लाख रुपये तक पहुंच गया है। पहले ट्रेन से जाते थे, पर अब कोई विकल्प नहीं,”अनिल कुमार, यात्री।
लखनऊ से दिल्ली और मुंबई के बीच चलने वाली वोल्वो और प्राइवेट बसों का किराया भी 30 से 40 प्रतिशत बढ़ा है। बस ऑपरेटरों का कहना है कि यात्रियों की संख्या बढ़ने के बावजूद डीजल के दामों और हाईवे टोल के चलते किराया बढ़ाना पड़ा है।
दिवाली जैसे त्योहारी मौसम में घर वापसी हर भारतीय परिवार की भावनाओं से जुड़ी होती है, लेकिन बढ़ते किराए और अनिश्चित ट्रेनों ने यात्रियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। हर साल दिवाली पर घर जाते हैं, लेकिन इस बार टिकट मिलना मुश्किल है। बच्चे घर पर इंतजार कर रहे हैं, पर किराया देखकर मन टूट गया,”विनोद मिश्रा, प्रवासी कामगार, मुंबई।
त्योहारी मौसम में यूपी के लोगों के लिए घर लौटना अब एक आर्थिक परीक्षा बन गया है। न ट्रेन की टिकट मिल रही है, न सस्ती उड़ान। ऐसे में अगर स्पेशल ट्रेनों को जल्द मंजूरी नहीं मिली, तो हजारों यात्रियों की दिवाली घर से दूर मनाने की नौबत आ सकती है।
Published on:
16 Oct 2025 01:32 pm
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