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प्रेमानंदजी और अखिलेश यादव की विशाल होर्डिंग, लिखा- उनका आशीर्वाद ही हमारी पहचान; तस्वीर ने खींचा सबका ध्यान

Lucknow News: लखनऊ में समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर संत प्रेमानंद महाराज और अखिलेश यादव की तस्वीर वाली होर्डिंग लगाई गई है, जिसमें महाराजजी के स्वस्थ होने की प्रार्थना की गई है। सपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह श्रद्धा का प्रतीक है, राजनीति से जुड़ा कदम नहीं।

3 min read

लखनऊ

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Mohd Danish

Oct 16, 2025

akhilesh yadav premanand maharaj hoarding lucknow

प्रेमानंदजी और अखिलेश यादव की विशाल होर्डिंग | Image Source - Pinterest

Akhilesh Yadav Premanand Maharaj Hoarding in Lucknow: लखनऊ में समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर बुधवार रात एक ऐसी होर्डिंग लगाई गई जिसने शहर भर में चर्चा छेड़ दी। इस पोस्टर में संत प्रेमानंद महाराज और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीरें एक साथ नजर आ रही हैं। होर्डिंग पर लिखा है- “हे प्रभु, दीजिए ऐसी कृपा की छांव, फिर खिले प्रेमानंद जी के मुख पर मुस्कान की छांव… उनका आशीर्वाद ही हमारी पहचान, समाजवादी परिवार करता है प्रार्थना दिन-रात।” यह पोस्टर सपा कार्यकर्ताओं रूमेश यादव और सुजीत यादव द्वारा लगवाया गया है।

देशभर में संत प्रेमानंदजी के लिए हो रही प्रार्थनाएं

वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज की तबीयत खराब होने के बाद देशभर में उनके अनुयायी उनके बेहतर स्वास्थ्य की कामना कर रहे हैं। भक्तों ने मंदिरों, मठों और दरगाहों में उनके लिए प्रार्थना की है। मुरादाबाद से लेकर लखनऊ तक भक्ति और चिंता का माहौल बना हुआ है।

दरगाह पर भी मांगी गई दुआ

इससे पहले मंगलवार को सपा नेता मोहम्मद अखलाक ने मॉल एवेन्यू स्थित दादा मियां की दरगाह पर चादर चढ़ाई और प्रेमानंदजी के लिए दुआ की। अखलाक ने कहा, “प्रेमानंद महाराज जैसे संत समाज को जोड़ने की ताकत रखते हैं। आज उनकी सेहत पूरे देश के लिए चिंता का विषय है।”

होर्डिंग लगाने वालों ने कहा - राजनीति से ऊपर हमारी श्रद्धा

सपा कार्यकर्ता रूमेश यादव ने बताया कि यह पोस्टर किसी राजनीतिक मकसद से नहीं लगाया गया। उन्होंने कहा, “प्रेमानंदजी हमारे आध्यात्मिक गुरु हैं। हम उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना कर रहे हैं, इसमें कोई सियासत नहीं है।” वहीं सुजीत यादव ने कहा कि महाराजजी के प्रवचनों से उन्होंने सकारात्मक सोच और सेवा का भाव सीखा है।

‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ का संदेश या सच्ची भक्ति? जानकारों की राय

वरिष्ठ पत्रकार परवेज अहमद के मुताबिक, सपा की यह पहल भावनाओं के साथ-साथ सियासी संदेश भी देती है। इसे सपा की ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ रणनीति के हिस्से के रूप में भी देखा जा सकता है। उन्होंने कहा, “सपा यह दिखाना चाहती है कि उसकी राजनीति धर्म-विरोधी नहीं, बल्कि समावेशी है, जहां समाजवाद और भक्ति एक साथ चल सकते हैं।”

सपा और कृष्ण-संस्कृति का जुड़ाव

पार्टी लंबे समय से खुद को मथुरा, वृंदावन और कृष्ण-संस्कृति से जोड़ने की कोशिश करती रही है। प्रेमानंद महाराज जैसे संतों के प्रति सम्मान दिखाना इसी सोच का हिस्सा है। प्रेमानंदजी के अनुयायी केवल हिंदू समाज में ही नहीं, बल्कि मुस्लिम समुदाय और अन्य वर्गों में भी बड़ी संख्या में हैं, जिससे उनका संदेश सर्वधर्म समभाव का प्रतीक बन गया है।

वृंदावन में भक्तों से मुलाकात

इसी बीच झांसी से आए पाठक बंधु पिता-पुत्र ने प्रेमानंदजी से मुलाकात की और भक्ति पद सुनाए। उन्होंने “अब तो बिलंब न कीजै लरैती जू…” और “नील लाल गुर कै ध्यान में बैठे कुंजबिहारी…” जैसे पद प्रस्तुत किए। प्रेमानंदजी ने आँखें बंद कर भक्ति में डूबते हुए कहा- “बहुत सुंदर। अंदर ही अंदर प्यारी जू और प्यारे जू का स्मरण करते रहो। यही हमारी साधना है।”

धीरेंद्र शास्त्री ने भी की थी मुलाकात

हाल ही में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वृंदावन पहुंचकर प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की थी। उन्होंने महाराजजी से स्वास्थ्य का हाल पूछा, जिस पर प्रेमानंदजी ने कहा, “शरीर बीमार है, पर हृदय से बात करूंगा।” शास्त्री ने मुस्कुराते हुए कहा- “यह आपकी लीला है, महापुरुष ऐसे ही करते हैं।”

किडनी की बीमारी से जूझ रहे प्रेमानंदजी

प्रेमानंद महाराज 2006 से पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज से पीड़ित हैं। पहली बार उन्हें यह बीमारी तब पता चली जब पेट में दर्द हुआ। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी दोनों किडनी खराब हैं, जिसके बाद वे दिल्ली से वृंदावन आ गए और राधा नाम जप में लीन हो गए। उन्होंने अपनी दोनों किडनियों के नाम कृष्णा और राधा रखे हैं।

घर पर ही होती है डायलिसिस

वह श्री कृष्ण शरणम् सोसाइटी में रहते हैं, जहां उनके दो फ्लैट हैं। एक में वह स्वयं रहते हैं, जबकि दूसरे में डायलिसिस का इंतजाम है। पहले उनकी डायलिसिस अस्पताल में होती थी, लेकिन अब हफ्ते में चार से पांच बार घर पर ही की जाती है। इस दौरान डॉक्टरों की टीम हर बार मौजूद रहती है।

भक्तों के लिए प्रेरणा बने प्रेमानंदजी

किडनी की गंभीर बीमारी के बावजूद प्रेमानंद महाराज का जीवन अनुशासन, भक्ति और सेवा का उदाहरण है। वह लगातार राधा नाम का जाप करते हैं।