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Public Beat Thief Lucknow: लखनऊ में चोर की तालिबानी पिटाई, भीड़ ने पेड़ से बांधा- वीडियो वायरल

Lucknow के तालकटोरा क्षेत्र में बाइक चोरी करते तीन चोरों में से एक स्थानीय लोगों के हाथ लग गया। भीड़ ने उसे पकड़कर पेड़ से बांधा और जमकर पिटाई की। दो चोर फरार हो गए। वायरल वीडियो के बाद मौके पर पहुंची तालकटोरा पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया और मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Oct 23, 2025

तालकटोरा में चोरी करते पकड़ा गया युवक, भीड़ की मार से पुलिस ने बचाया (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

तालकटोरा में चोरी करते पकड़ा गया युवक, भीड़ की मार से पुलिस ने बचाया (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

Talibani Punishment in Lucknow: राजधानी लखनऊ में एक बार फिर भीड़ द्वारा कानून हाथ में लेने का मामला सामने आया है। तालकटोरा इलाके में सोमवार देर शाम मोटरसाइकिल चोरी करने आए तीन युवक स्थानीय लोगों के हत्थे चढ़ गए। इनमें से एक आरोपित को लोगों ने पकड़कर पेड़ से बांध दिया और जमकर पिटाई की। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं, चोरी में शामिल दो आरोपी बाइक लेकर मौके से फरार हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पकड़े गए आरोपित को थाने ले जाकर मेडिकल परीक्षण कराते हुए जेल भेजने की तैयारी कर रही है।

कैसे हुई पूरी वारदात

सूत्रों के अनुसार तालकटोरा इलाके के एक मोहल्ले में तीन युवक एक मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए और वहां खड़ी एक अन्य बाइक को तोड़-फोड़कर चोरी करने लगे। आस-पास के लोगों को शक हुआ तो उन्होंने तुरंत घेराबंदी कर दी। जब चोर भागने लगे तो एक युवक को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया जबकि दो मोटरसाइकिल लेकर चंपत हो गए। लोडिंग गतिविधि और संदिग्ध हरकत देखकर मोहल्ले के निवासियों ने चोरी की कोशिश को नाकाम कर दिया।

स्थानीय लोगों का गुस्सा - कानून हाथ में

पकड़े गए युवक की लोगों ने रस्सी से बांधकर पिटाई कर दी। वीडियो में दिख रहा है कि आरोपित रहम की गुहार लगा रहा है, लेकिन भीड़ उसे लगातार थप्पड़ और डंडों से मारती दिखाई दे रही है। सवाल उठता है कि क्या भीड़ को न्याय देने का अधिकार है। भीड़ हिंसा (Mob Lynching) एक गंभीर अपराध है और इसमें शामिल व्यक्तियों पर भी कड़ी कार्यवाही हो सकती है।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सोमवार को यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ। कई यूजर्स ने भीड़ की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि अपराधियों को पुलिस के हवाले करना चाहिए, तालिबानी सजा नहीं। वहीं कुछ लोगों ने चोरी की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और कहा कि आम जनता में गुस्सा बढ़ना स्वाभाविक है।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

सूचना मिलते ही तालकटोरा पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपित युवक को भीड़ से बचाकर थाने ले गई। थाना तालकटोरा पुलिस ने बताया कि आरोपित युवक को गिरफ्त में लेकर आगे की जांच की जा रही है। फरार दो आरोपियों की तलाश चल रही है। घटना में भीड़ द्वारा मारपीट करने की भी जांच की जाएगी। पुलिस ने तीनों आरोपियों पर मोटरसाइकिल चोरी, प्रयास, और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। वहीं भीड़ में शामिल कुछ अज्ञात लोगों की भी पहचान की जा रही है, ताकि कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।

इलाके में बढ़ती चोरी की वारदातें--पुलिस पर सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों से चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। लोगों ने गश्त बढ़ाने और सुरक्षा मजबूत करने की मांग की है। एक निवासी ने बताया कि हर दूसरे दिन बाइक चोरी, मोबाइल झपट्टा की खबरें मिलती हैं। हम पुलिस को खबर करते हैं लेकिन चोर पकड़े नहीं जाते। इसी वजह से लोग अब खुद कार्रवाई करने लगे हैं। पुलिस के अनुसार जल्द ही क्षेत्र में सर्विलांस सिस्टम, रात्रि पेट्रोलिंग और सीसीटीवी कैमरों में सुधार किया जाएगा।

कानूनी नजरिए से क्या है मामला?

कानून के मुताबिक चोरी के आरोपी को पकड़कर पुलिस को सौंपना नागरिकों का अधिकार और कर्तव्य है, लेकिन-

  • किसी भी तरह की निजी सजा देना अपराध
  • Mob Justice पर सख्त कार्रवाई
  • वीडियो में नजर आने वाले व्यक्तियों की पहचान संभव

कानून विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि भीड़ कानून हाथ में लेगी तो दोषी खुद बन जाएगी। समाज में कानून और न्यायपालिका का सम्मान रहना अनिवार्य है।

लखनऊ पुलिस ने आम नागरिकों से अपील जारी की -

  • किसी भी संदिग्ध की सूचना तुरंत पुलिस को दें
  • स्वयं दंडित करने की कोशिश न करें
  • वीडियो साझा करते समय अफवाह न फैलाएं

बढ़ते अपराध और जनता की नाराज़गी - एक बड़ी चुनौती

शहर में लगातार बढ़ रही आपराधिक गतिविधियां पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बनती जा रही हैं। जनता सुरक्षा चाहती है और अपराधियों को तुरंत सज़ा की अपेक्षा रखती है। इसी असंतुलन की वजह से कई बार लोग न्यायालय और कानून की प्रक्रिया से पहले ही अपराधी जैसा व्यवहार करने लगते हैं। यह स्थिति लोक तांत्रिक न्याय व्यवस्था के लिए चिंताजनक है।