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लखनऊ : शहर के एक गर्ल्स स्कूल में छात्राओं के साथ शोषण और मानसिक प्रताड़ना का मामला सामने आया। लम्बे समय से प्रताड़ित होती छात्राएं समाधान दिवस के दौरान अपने अभिभावकों के साथ जिला मजिस्ट्रेट ऑफिस गई। वहां पर जिला अधिकारी विशाक जी को अपनी आपबीती सुनाई और वार्डन पर मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। छात्राओं ने सबूत के तौर पर अपने साथ होते शोषण की तस्वीरें भी दिखाई। शिकायत के बात मामला उजागर होने पर शिक्षा संस्थान ने पूरे स्टाफ को ही हटा दिया हैं। साथ ही वार्डन को भी उसके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया।
छात्राओं ने कथित तौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि वार्डन परिसर साफ करने और शौचालय साफ करने के साथ-साथ सब्जियां कांटने और चपाती बेलने जैसे रसोई के कामकाज करने का भी दबाव बनाती थी। छात्राओं ने आरोप लगाते हु्ए आगे कहा कि वार्डन छात्रावास में सामान का वितरण करने में जानबूझकर भेदभाव करने थी और छोटी-छोटी बातों पर भड़कने, मारपीट करने और अभद्र भाषा का प्रयोग करने का भी आरोप लगाया। वार्डन पर धमकाने और स्कूल से निकाल देने की धमकी का भी आरोप लगाया।
खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार कन्नौजिया ने मामले पर बोलते हुए कहा कि शिक्षण, प्रशासनिक और सहायक कर्मचारियों सहित सभी नौ कर्मचारियों का तबादला करके दूसरे स्कूल में भेज दिया गया है। उन्होंने आगे साफ करते हुए कहा कि ये कर्मचारी स्कूल में अस्थाई कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे थे। शिक्षा अधिकारी ने सुनिश्चित किया कि सभी कर्मचारियों के स्थान पर समान संख्या में दूसरे कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है, जिससे स्कूल का कामकाज बाधित न हो।
जिला प्रशासन के द्वारा प्रारंभिक जांच के आधार पर तुरंत कार्रवाई करते हुए, वार्डन को उनके पद से हटाकर दिया गया, जिसके बाद वार्डन को बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) कार्यालय में अटैच किया गया। जिला प्रशासन ने मामले की विस्तृत जांच करने के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन भी किया, जिसकी रिपोर्ट अभी लंबित है।
Updated on:
11 Oct 2025 08:13 pm
Published on:
11 Oct 2025 08:12 pm
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