
Gold and Silver Jewelry (फोटो सोर्स : AI)
Gold and Silver Price Update: आगामी 45 दिनों में देश का स्वर्ण उद्योग नई ऊँचाइयों को छूने जा रहा है। ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (AIJGF) के ताज़ा अनुमान के अनुसार इस अवधि में लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये मूल्य का सोना बिकने की संभावना है। यह अब तक के सबसे बड़े सीज़नल स्वर्ण व्यापारों में से एक होगा। AIJGF की रिपोर्ट बताती है कि देशभर में लगभग 50 लाख शादियाँ होने वाली हैं, और प्रत्येक विवाह में औसतन ₹3 लाख मूल्य का सोना खरीदे जाने का अनुमान है। मौजूदा बाजार दर (₹1.25 करोड़ प्रति किलोग्राम) के अनुसार, यह बिक्री लगभग 120 टन सोने के बराबर होगी।
भारत में पारंपरिक रूप से शादी-ब्याह के सीजन को “सोना खरीदने का मौसम” माना जाता है। देश की सांस्कृतिक परंपरा में स्वर्ण आभूषण न केवल सजावट का हिस्सा हैं, बल्कि “समृद्धि और शुभता” के प्रतीक माने जाते हैं। इस बार की खासियत यह है कि आर्थिक स्थिरता और शादियों की बड़ी संख्या ने बाजार को असाधारण गति दी है।
AIJGF के उत्तर प्रदेश संयोजक विनोद माहेश्वरी ने कहा कि यह महज आभूषणों की खरीद-फरोख्त नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। यह मांग कारीगरों, कुटीर उद्योगों और लघु व्यवसायों के लिए रोजगार और उत्पादन के नए अवसर लाएगी।”
भारत में स्वर्ण व्यापार केवल एक पारिवारिक परंपरा नहीं, बल्कि देश के GDP में अहम योगदान देने वाला क्षेत्र है। AIJGF के अनुसार, इस बार की संभावित बिक्री से सरकार को हज़ारों करोड़ रुपये का कर-राजस्व प्राप्त होगा। इसके अलावा, लाखों सुनार, ज्वेलरी डिज़ाइनर, कारीगर और छोटे व्यापारी भी इस सीज़न से प्रत्यक्ष लाभान्वित होंगे। इस व्यापारिक उछाल का एक अन्य असर यह भी होगा कि खुदरा क्षेत्र में नकदी का प्रवाह बढ़ेगा, जिससे बाजार में स्थिरता और उपभोक्ता भरोसा दोनों बढ़ेंगे।
स्वर्ण उद्योग से जुड़े कारीगरों और हस्तशिल्पियों के लिए यह समय बेहद महत्वपूर्ण है। AIJGF का कहना है कि सोने के गहनों की मांग बढ़ने से लाखों कारीगरों को निरंतर काम मिलेगा। देश के कारीगर समुदाय विशेष रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, और महाराष्ट्र में उत्साह का माहौल है।
विनोद माहेश्वरी ने कहा कि सोने की बढ़ती मांग का सीधा असर ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में रोजगार पर पड़ता है। इस बार के सीजन से न केवल स्वर्णकारों को काम मिलेगा, बल्कि संबंधित परिवहन, पैकिंग, और फिनिशिंग उद्योगों को भी लाभ होगा।
AIJGF ने इस अवसर पर सरकार से कुछ महत्वपूर्ण नीतिगत सुधारों की अपील भी की है।
इनमें प्रमुख हैं --
विनोद माहेश्वरी ने कहा कि सरकार यदि नीतिगत स्थिरता और व्यापार सुगमता पर ध्यान दे, तो भारत आने वाले वर्षों में विश्व स्वर्ण उद्योग का नेतृत्व कर सकता है।”
भारत दुनिया के सबसे बड़े स्वर्ण उपभोक्ताओं में से एक है। विश्व स्तर पर भारत की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत मानी जाती है। शादी-ब्याह, त्योहारी सीजन, और धार्मिक आयोजनों के कारण भारत में हर वर्ष 800 से 900 टन सोना खपत होता है। स्वर्ण उद्योग भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने से गहराई से जुड़ा है,यहाँ सोना न केवल आभूषण के रूप में, बल्कि “सुरक्षित निवेश” के रूप में भी देखा जाता है।
वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत लगभग US$2,350 प्रति औंस और भारतीय बाजार में ₹6,250 से ₹6,400 प्रति ग्राम के बीच है। विश्लेषकों का कहना है कि शादी के सीजन में मांग बढ़ने से कीमतों में हल्का उछाल देखने को मिल सकता है। हालांकि, AIJGF का अनुमान है कि बढ़ी हुई आपूर्ति और सरकारी स्थिर नीति से मूल्य स्थिर रहेगा।
आने वाले 45 दिनों में होने वाली इस ऐतिहासिक बिक्री से न केवल व्यापारी लाभान्वित होंगे, बल्कि सरकार के लिए भी यह एक राजस्व संग्रह का स्वर्ण अवसर साबित होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि GST संग्रह में वृद्धि और रोजगार सृजन में तेजी इस पूरे सीजन की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।
AIJGF ने देशभर के स्वर्ण व्यापारियों से अपील की है कि इस ऐतिहासिक अवसर पर केवल व्यापारिक लाभ पर नहीं, बल्कि औपचारिकता, नवाचार और जिम्मेदार व्यापार पर भी ध्यान दें। संघटन का मानना है कि यदि सभी व्यापारी डिजिटल बिलिंग और पारदर्शी मूल्य निर्धारण को अपनाते हैं, तो भारत का स्वर्ण उद्योग विश्व में एक नई मिसाल पेश कर सकता है।
Published on:
01 Nov 2025 10:09 am
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