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UP STF Action: शराब में डूबा था चुनाव का षड्यंत्र, STF ने खोला गुप्त जाल, 75 लाख की शराब बरामद

UP STF News: लखनऊ में यूपी एसटीएफ को बड़ी सफलता मिली है। अंतरराज्यीय स्तर पर अवैध अंग्रेजी शराब की तस्करी करने वाले गिरोह के सदस्य विश्वेंद्र को गिरफ्तार कर 575 पेटी शराब बरामद की गई। इसकी कीमत करीब 75 लाख रुपये बताई जा रही है। शराब बिहार चुनाव में इस्तेमाल की जानी थी, पर एसटीएफ ने बड़ा खेल रोक दिया।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Nov 01, 2025

यूपी एसटीएफ की बड़ी सफलता: अवैध शराब तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

यूपी एसटीएफ की बड़ी सफलता: अवैध शराब तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

UP STF Illegal Liquor Trade: उत्तर प्रदेश एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने एक बार फिर अवैध शराब के काले कारोबार पर बड़ी चोट की है। शुक्रवार देर रात लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र के ओमेक्स कट, कल्ली पश्चिम किसान पथ से एसटीएफ ने एक अंतरराज्यीय गिरोह के सक्रिय सदस्य विश्वेंद्र को गिरफ्तार किया है। उसके पास से 575 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब बरामद की गई है, जिसकी अनुमानित बाजार कीमत करीब 75 लाख रुपये बताई जा रही है। यह गिरोह हरियाणा और पंजाब से अवैध शराब की भारी खेप मंगाकर बिहार में सप्लाई करता था। बिहार में आगामी चुनावों के दौरान इन शराब की पेटियों का इस्तेमाल मतदाताओं को लुभाने के लिए किया जाना था, लेकिन एसटीएफ की सतर्कता से यह बड़ा षड्यंत्र नाकाम हो गया।

गिरफ्तार तस्कर से पूछताछ में बड़े नामों का खुलासा

एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त विश्वेंद्र से की गई पूछताछ में इस तस्करी नेटवर्क से जुड़े कई अहम नामों का खुलासा हुआ है। विश्वेंद्र ने बताया कि वह सोनू राठी, गुरनीत सिंह गोगिया और अतुल के साथ मिलकर यह संगठित गिरोह चलाता था। गिरोह के सदस्य हरियाणा और पंजाब से अवैध अंग्रेजी शराब ट्रकों में छिपाकर लाते थे और फिर गुप्त रास्तों से बिहार भेजते थे, ताकि बिहार में लागू शराबबंदी कानून को दरकिनार किया जा सके। इन अभियुक्तों ने पिछले कुछ महीनों में सैकड़ों पेटी शराब की सप्लाई बिहार के सीमावर्ती जिलों में की थी। गिरोह के पास अपना परिवहन नेटवर्क, गोदाम और सुरक्षित वितरण चैनल था। इस बार भी यह खेप बिहार भेजी जानी थी, लेकिन एसटीएफ ने सूचना मिलते ही योजना को नाकाम कर दिया।

इंटेलिजेंस इनपुट पर की गई सटीक कार्रवाई

एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह ऑपरेशन गुप्त सूचना के आधार पर चलाया गया था। टीम को इनपुट मिला था कि एक बड़ा गिरोह लखनऊ के रास्ते अवैध शराब की खेप बिहार भेजने वाला है। इसी सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसटीएफ ने कल्ली पश्चिम क्षेत्र में घेराबंदी की और संदिग्ध ट्रक को रोक लिया। तलाशी लेने पर ट्रक के अंदर छिपाई गई 575 पेटियां अंग्रेजी शराब की बरामद हुईं। अभियुक्त मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया जबकि गिरोह के बाकी सदस्य मौके से फरार हो गए। पुलिस ने फरार आरोपियों की तलाश में कई स्थानों पर दबिश दी है।

बिहार चुनाव से जुड़ा कनेक्शन

जांच में यह भी सामने आया है कि यह अवैध शराब बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं में वितरण के लिए भेजी जा रही थी। गिरोह के पास से बरामद शराब की बोतलों पर हरियाणा और पंजाब के टैक्स मार्किंग पाए गए हैं, जो यह साबित करता है कि खेप को इन राज्यों से अवैध रूप से बिहार भेजा जा रहा था। एसटीएफ ने बिहार पुलिस को इस गिरोह के तार और संभावित ठिकानों की जानकारी साझा कर दी है ताकि आगे की जांच और कार्रवाई की जा सके।

कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच

गिरफ्तार अभियुक्त विश्वेंद्र के खिलाफ धारा 60(2) एक्साइज एक्ट, धारा 420, 467, 468, 471 आईपीसी और अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसटीएफ अब गिरोह के बाकी सदस्यों  सोनू राठी, गुरनीत सिंह गोगिया और अतुल की तलाश में जुटी है। इनके बैंक खातों, मोबाइल कॉल डिटेल और ट्रांसपोर्ट नेटवर्क की जांच की जा रही है। एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि इस गिरोह का नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है और यह पिछले कई वर्षों से सक्रिय है। यह भी जांच की जा रही है कि इस नेटवर्क को किसी राजनीतिक या स्थानीय स्तर पर संरक्षण तो नहीं मिल रहा था।

एसटीएफ की बड़ी उपलब्धि, अपराध पर लगाम

यह कार्रवाई यूपी एसटीएफ की हाल की बड़ी सफलताओं में से एक मानी जा रही है। प्रदेश में चुनावी सीजन से पहले शराब माफिया के खिलाफ यह ऑपरेशन न केवल एक बड़ा झटका है बल्कि यह संकेत भी देता है कि यूपी में अवैध कारोबार पर अब कड़ी निगरानी रखी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि अवैध शराब की सप्लाई न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है बल्कि इससे चुनाव की निष्पक्षता और जन सुरक्षा पर भी असर पड़ सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुलिस और एसटीएफ ने प्रदेश में अवैध शराब तस्करी और नकली शराब निर्माण के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया है।