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Heavy Rain in UP: धान डूबा, उम्मीदें भी भीग गईं, बारिश ने छीन ली किसानों की मुस्कान, CM योगी ने दिए राहत के आदेश

CM Yogi Orders Emergency Relief as Heavy Rains Ravage UP: लगातार हो रही बारिश ने उत्तर प्रदेश के हालात बिगाड़ दिए हैं। खेतों में लबालब पानी, सड़कों पर कीचड़ और टूटे घर, आम जनता परेशान है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कर राहत कार्यों की निगरानी करने, फसल नुकसान का आकलन कर तत्काल राहत राशि देने के निर्देश दिए हैं।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Nov 01, 2025

राहत कार्यों की रफ़्तार पर नजर: मुख्यमंत्री (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

राहत कार्यों की रफ़्तार पर नजर: मुख्यमंत्री (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

Heavy Rainfall: उत्तर प्रदेश में लगातार तीसरे दिन तक जारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। वाराणसी, बलिया, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, अयोध्या, गोरखपुर, लखनऊ, प्रयागराज, सुल्तानपुर सहित 20 से अधिक जिलों में शुक्रवार से रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला जारी है। गांवों में खेतों में पानी भर गया है, और कई स्थानों पर कटी पड़ी धान की फसलें पूरी तरह जलमग्न हो चुकी हैं। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौसम की स्थिति को देखते हुए सभी जिलाधिकारियों (DM) को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।उन्होंने कहा है कि “किसी भी जनहानि या फसल हानि की स्थिति में राहत और मुआवजा कार्यों में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

क्षेत्र का सर्वे करें, राहत कार्यों पर नज़र रखें-- सीएम का सख्त निर्देश

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि जिन जिलों में भारी वर्षा या तूफान का प्रभाव पड़ा है, वहां के जिलाधिकारी स्वयं क्षेत्र का निरीक्षण करें। सीएम ने कहा कि आपदा की स्थिति में फील्ड विजिट अनिवार्य है। राहत शिविरों की व्यवस्था, आवागमन मार्गों की मरम्मत, और प्रभावित गांवों में राहत सामग्री वितरण में किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि प्रभावित किसानों को तत्काल अंतरिम राहत राशि दी जाए। फसल नुकसान का आंकलन राजस्व विभाग और कृषि विभाग के संयुक्त दल द्वारा कराया जाए। राहत रिपोर्ट को शासन को 48 घंटे के भीतर भेजा जाए।

तूफान और बारिश का तीसरे दिन भी असर, जनजीवन प्रभावित

प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में पिछले तीन दिनों से लगातार वर्षा और हवाओं ने स्थिति बिगाड़ दी है। वाराणसी, बलिया, मऊ, देवरिया, आज़मगढ़ और गाजीपुर जैसे जिलों में सुबह से रुक-रुक कर बारिश जारी है। कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित रही और ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे घर गिरने की खबरें भी मिली हैं। प्रयागराज और भदोही में भी तेज़ हवाओं के साथ बारिश ने खेतों में भरे पानी को और बढ़ा दिया। किसानों ने बताया कि धान की कटाई के बाद खेतों में रखी फसल पानी में सड़ने लगी है, जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है। बलिया के किसान राजेश चौबे ने कहा कि पिछले हफ्ते ही धान की कटाई की थी। अब पूरा खेत तालाब बन गया है। मशीन नहीं जा सकती और फसल बर्बाद हो गई।

फसल नुकसान का आंकलन कर रिपोर्ट भेजें- शासन का आदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि विभाग को निर्देश दिए हैं कि सभी जनपदों से फसल क्षति का विस्तृत आंकलन कर राजस्व और राहत विभाग को रिपोर्ट भेजी जाए। उन्होंने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं। फसल क्षति की एक भी रिपोर्ट लंबित नहीं रहनी चाहिए। तत्काल निरीक्षण कर मुआवजा की प्रक्रिया शुरू की जाए। इसके साथ ही सीएम ने बीज, खाद और नई फसल बुवाई से जुड़ी तैयारियों की भी समीक्षा करने को कहा। राजस्व विभाग के अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि जो खेत पूरी तरह जलमग्न हैं, उन्हें आपदा राहत मद में शामिल किया जाए।

किसानों की चिंता- धान कट गया, पर सूखने से पहले भीग गया

बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान धान, आलू और सब्जियों की फसलों को हुआ है। पूर्वांचल के कई इलाकों में किसान धान की कटाई कर खेतों में फसल सूखने के लिए छोड़ चुके थे, लेकिन लगातार बारिश ने उसे खराब कर दिया। गाजीपुर के किसान रामकुमार यादव कहते हैं कि  धान कटा पड़ा था। धूप नहीं निकली तो सूख नहीं पाया, अब तीन दिन की बारिश में सड़ गया। खर्च भी गया, मेहनत भी। मऊ जिले के शिवम सिंह ने कहा कि खेतों में भरा पानी निकलने में तीन-चार दिन लगेंगे। अगर इसी तरह बारिश रही तो नई बुवाई भी मुश्किल हो जाएगी।

गांवों में जलभराव, कच्चे घरों को नुकसान

लगातार हो रही बारिश ने कई गांवों में जलभराव की स्थिति पैदा कर दी है। कुछ निचले इलाकों में घरों में पानी घुस गया है। बस्ती, गोंडा, अंबेडकरनगर और सिद्धार्थनगर जिलों में कच्चे मकान गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग (SDMA) ने बताया कि राहत दल सक्रिय हैं और प्रभावित परिवारों को अस्थायी शेल्टर, खाद्य सामग्री,पीने का पानी और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

प्रशासन सतर्क, SDRF और NDRF अलर्ट पर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि SDRF, NDRF और स्थानीय पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड में रहें। उन्होंने कहा कि किसी भी जिले से आपदा की सूचना मिलने पर राहत टीम तुरंत रवाना हो। किसी गांव या मोहल्ले में फंसे लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए। राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष ने 24 घंटे की हेल्पलाइन नंबर 1070 और 1077 भी सक्रिय कर दी है। साथ ही बिजली विभाग को कहा गया है कि गिरे हुए तारों और पोल की तुरंत मरम्मत करें, ताकि करंट लगने जैसी घटनाओं से बचाव हो सके।

फसल बीमा कंपनियों को भी किया गया अलर्ट

मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग के साथ-साथ बीमा कंपनियों को भी सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों के दावों का निस्तारण त्वरित गति से किया जाए। कृषि विभाग ने कहा कि अगले दो दिनों में बारिश की तीव्रता कम होने की संभावना है, लेकिन प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय सर्वे टीमें लगातार सक्रिय रहेंगी।

मुख्यमंत्री की अपील- सतर्क रहें, अफवाहों से बचें

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। उन्होंने कहा की  जहां भी राहत दल पहुंच रहे हैं, वहां सहयोग करें। बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए। सीएम योगी ने यह भी कहा कि मुख्य सचिव और राहत आयुक्त पूरे हालात पर नज़र रखे हुए हैं और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त संसाधन भेजे जाएंगे।