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BSP Mission 2027: कांशीराम की राह पर मायावती का नया संकल्प- मिशन 2027 की तैयारी तेज़

BSP Mission: बसपा सुप्रीमो मायावती आज लखनऊ में पार्टी पदाधिकारियों की अहम बैठक को संबोधित करेंगी। कांशीराम पुण्यतिथि पर हुई ‘परिवर्तन रैली’ की सफलता के बाद यह बैठक बसपा के लिए नई दिशा तय करने वाली मानी जा रही है। मायावती संगठन सुदृढ़ीकरण और 2027 की तैयारियों पर अहम निर्देश देंगी।

4 min read

लखनऊ

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Ritesh Singh

Oct 16, 2025

बसपा की बड़ी बैठक आज मायावती देंगी आंदोलन को नई दिशा (फोटो सोर्स : Ritesh Singh )

बसपा की बड़ी बैठक आज मायावती देंगी आंदोलन को नई दिशा (फोटो सोर्स : Ritesh Singh )

BSP Chief Mayawati Holds Key Meeting in Lucknow: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती आज राजधानी लखनऊ में पार्टी के राज्य स्तरीय पदाधिकारियों की एक अहम और रणनीतिक बैठक को संबोधित करेंगी। यह बैठक पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होगी, जिसमें प्रदेशभर से वरिष्ठ नेताओं, जिला अध्यक्षों, जोनल समन्वयकों और प्रमुख पदाधिकारियों की उपस्थिति रहेगी।

बसपा ने बुधवार को जारी अपने आधिकारिक बयान में बताया कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य 9 अक्टूबर को कांशीराम जी की 19वीं पुण्यतिथि पर आयोजित ‘परिवर्तन संकल्प रैली’ की ऐतिहासिक सफलता पर कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देना और पार्टी की आगामी राजनीतिक रणनीति को तय करना है।

कांशीराम की विरासत से जुड़ी नई प्रेरणा

बसपा के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में आयोजित रैली को पार्टी ने अब तक की सबसे सफल सभाओं में से एक बताया था। इस रैली में मायावती ने कहा था कि “बसपा केवल चुनाव जीतने की पार्टी नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की लड़ाई का आंदोलन है।”

आज होने वाली बैठक में उसी आंदोलन की निरंतरता और उसकी रणनीतिक दिशा पर चर्चा होगी। बसपा सूत्रों के अनुसार, मायावती कार्यकर्ताओं से आने वाले चुनावों के लिए तैयार रहने का आह्वान कर सकती हैं, विशेष रूप से 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर संगठनात्मक तैयारियों पर जोर दिया जाएगा।

पार्टी संगठन को नए जोश से भरने की कोशिश

बसपा की हाल की गतिविधियों को देखकर यह स्पष्ट है कि पार्टी अब संगठन को पुनः सक्रिय और मजबूत करने के अभियान में जुट गई है। इस बैठक में प्रत्येक जोन के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी और यह देखा जाएगा कि कांशीराम पुण्यतिथि रैली में किन जिलों ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया।

जानकारी के अनुसार मायावती पदाधिकारियों से यह भी पूछ सकती हैं कि पार्टी संदेश गांव-गांव तक कितनी गहराई से पहुँचा और नए मतदाताओं, विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं के बीच बसपा का जनाधार कितना सशक्त हुआ है। मायावती जी इस बैठक में कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देने के साथ-साथ उन्हें आगामी चुनावों के लिए ‘सक्रिय संघर्ष मोड’ में लाने का संदेश देंगी,”बसपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया।

‘बहुजन एकता’ की नई परिभाषा

पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में ‘बहुजन एकता’ को नए सिरे से परिभाषित करने की कोशिश होगी। मायावती संभवत यह बताएं कि आज के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य में बसपा को किन मुद्दों पर जनता से जुड़ना चाहिए। बसपा लंबे समय से “सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय” की नीति पर चलती रही है। मायावती का फोकस अब दोबारा उस मूल विचारधारा, सामाजिक न्याय, समता और आत्मसम्मान को मजबूत करने पर है। बसपा के लिए यह समय आत्ममंथन और पुनर्गठन का है। कांशीराम जी की विचारधारा को आज की युवा पीढ़ी तक पहुँचाना ही इस बैठक का मुख्य उद्देश्य है,” एक पार्टी पदाधिकारी ने कहा।

भविष्य की कार्ययोजना और संगठन विस्तार

बसपा अब आने वाले वर्षों के लिए अपने संगठन को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय करने, बूथ स्तरीय समितियों के पुनर्गठन और महिला मोर्चा व युवा विंग की मजबूती जैसे कदमों पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, मायावती कार्यकर्ताओं को यह निर्देश दे सकती हैं कि वे 2026 तक हर बूथ पर 25 सक्रिय सदस्यों की टीम तैयार करें, ताकि 2027 के विधानसभा चुनाव में पार्टी अपनी उपस्थिति को मजबूती से दिखा सके। साथ ही, पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जाति समुदाय के बीच संवाद अभियान तेज करने पर भी बल दिया जाएगा।

2024 के अनुभव से 2027 का खाका

हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में बसपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी थी। पार्टी को न तो सीटें मिलीं और न ही राज्य में उसका वोट शेयर पहले जैसा रहा। मायावती ने तब कहा था कि “यह हार निराशा का नहीं, आत्मविश्लेषण का समय है।” आज की बैठक में इसी आत्मविश्लेषण को आगे बढ़ाते हुए 2024 के अनुभवों से 2027 का खाका तैयार किया जा सकता है। पार्टी यह देखना चाहती है कि किन क्षेत्रों में संगठन कमजोर हुआ और किस प्रकार से कार्यकर्ताओं का मनोबल दोबारा ऊँचा किया जा सकता है।

दलित-बहुजन आधार को पुनर्स्थापित करने पर जोर

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बसपा अब अपने मूल मतदाता वर्ग,दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों  के बीच दोबारा पकड़ बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। मायावती कई बार यह कह चुकी हैं कि “बसपा किसी जाति या धर्म की नहीं, बल्कि बहुजन समाज की पार्टी है। इस बैठक में यह भी तय किया जा सकता है कि किस प्रकार से गांवों और कस्बों में जन संवाद यात्राएं चलाई जाएँ ताकि पार्टी की विचारधारा को पुनः जनता के बीच मजबूती से स्थापित किया जा सके।

महिलाओं और युवाओं पर फोकस

सूत्रों के अनुसार, बैठक में महिलाओं और युवाओं की भूमिका पर विशेष चर्चा होगी। मायावती चाहती हैं कि महिला मोर्चा और छात्र संगठन आने वाले समय में बसपा का नया चेहरा बनें। संभावना है कि पार्टी महिला कार्यकर्ताओं को सशक्त करने के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविरों और नेतृत्व विकास कार्यक्रमों की घोषणा करे।

संगठन में अनुशासन और एकजुटता पर बल

मायावती पार्टी के अनुशासन को हमेशा प्राथमिकता देती रही हैं। बैठक में यह दोहराया जा सकता है कि कार्यकर्ताओं को किसी भी परिस्थिति में पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी नहीं करनी है। बसपा सुप्रीमो अक्सर कहती हैं कि हमारा संघर्ष व्यक्ति के लिए नहीं, विचार के लिए है। जो इस विचारधारा से भटक जाएगा, उसका बसपा में स्थान नहीं रहेगा।

राजनीतिक संदेश: “2027 की तैयारी अभी से”

बसपा के इस बैठक को कई राजनीतिक पर्यवेक्षक “मिशन 2027” की शुरुआती दस्तक मान रहे हैं। कांशीराम की पुण्यतिथि की सफलता ने पार्टी में जोश भरा है, और अब संगठनात्मक रूप से उसे दिशा देने की बारी है। लखनऊ में होने वाली यह बैठक केवल धन्यवाद ज्ञापन का मंच नहीं, बल्कि आगामी रणनीति का प्रारूप तय करने का अवसर भी है।