पुलिस की गिरफ्त में आरोपी। Photo- Patrika
डीडवाना। सोशल मीडिया पर अपराधियों के स्टाइल, वीडियो या फोटो को आकर्षक ढंग से पेश करना अब महंगा पड़ सकता है। चाहे इंस्टाग्राम हो, फेसबुक या यूट्यूब, अगर कोई व्यक्ति अपराधियों को फॉलो करता है, उनके कारनामों को महिमामंडित करता है या उनकी छवि को ‘हीरो’ जैसा बनाकर समाज में पेश करता है, तो अब पुलिस उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
जिला पुलिस ने इस सिलसिले में अभियान छेड़ दिया है और अब तक 38 लोगों को पूछताछ के लिए पकड़ा जा चुका है। जिला पुलिस की सोशल मीडिया सेल इन प्लेटफॉर्म्स पर लगातार निगरानी रख रही है। इसका मकसद समाज में यह स्पष्ट संदेश देना है कि अपराधियों की प्रशंसा या प्रचार किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस का मानना है कि सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को अपराध की ओर प्रेरित करने वाले तत्वों की समय रहते पहचान कर रोकना बेहद जरूरी है।
हाल के दिनों में यह देखा गया कि कुछ सोशल मीडिया यूजर्स अपराधियों और गैंगस्टरों के अकाउंट्स को फॉलो कर रहे हैं। न केवल फॉलो कर रहे हैं, बल्कि उनके वीडियो और तस्वीरें शेयर करके उनकी गतिविधियों की तारीफ भी कर रहे हैं। इससे समाज में गलत संदेश जा रहा है और कुछ युवा इस ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसी चिंता को देखते हुए पुलिस ने यह अभियान चलाया है ताकि ऐसे रुझानों को समय रहते रोका जा सके।
मकराना थाना क्षेत्र में कुचामन हत्याकांड से जुड़े आरोपियों और अन्य गैंगस्टरों से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट्स को फॉलो करने और संपर्क में रहने वाले 27 लोगों की पहचान कर उन्हें धारा 170 बीएनएसएस के तहत गिरफ्तार किया गया। पूछताछ जारी है और यदि आपराधिक संपर्क सिद्ध होते हैं तो आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इसी तरह डीडवाना क्षेत्र में सोशल मीडिया पर अपराधियों की गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले 11 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। इन सभी से गहन पूछताछ की जा रही है। कुल मिलाकर अब तक 38 लोगों को चिन्हित कर जांच में लिया गया है।
जिला पुलिस इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर), फेसबुक और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर अपराध से जुड़े कंटेंट पर विशेष नजर रख रही है। साइबर इंटेलिजेंस टूल्स और मॉनिटरिंग सिस्टम की मदद से जिले के डिजिटल वातावरण को अपराध मुक्त बनाए रखने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। यह पूरा अभियान जिला पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर के निर्देशन में चलाया जा रहा है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डीडवाना हिमांशु शर्मा, परबतसर के एएसपी जिनेन्द्र जैन, डीडवाना के डीएसपी धरम पूनिया और मकराना के डीएसपी भवानी सिंह इसकी निगरानी कर रहे हैं।
इनका कहना
अपराध पर मौन भी अपराध है। सोशल मीडिया पर अपराधियों को फॉलो करना या उनका प्रचार करना अपराध को बढ़ावा देना है। हर जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है कि वह ऐसे ट्रेंड्स का विरोध करें और कानून का समर्थन करें। अपराधियों को ‘हीरो’ नहीं, ‘खतरा’ समझें और कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
Updated on:
17 Oct 2025 04:16 pm
Published on:
17 Oct 2025 04:14 pm
बड़ी खबरें
View Allकुचामन शहर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग