जोधपुर जिला क्रिकेट संघ (डीसीए) की मान्यता रद्द (फोटो-पत्रिका)
जोधपुर। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की एडहॉक कमेटी ने जोधपुर जिला क्रिकेट संघ (डीसीए) की मान्यता रद्द कर दी है। वर्तमान में डीसीए के अध्यक्ष धनंजय सिंह खींवसर हैं। डीसीए की मान्यता रद्द होने से जोधपुर के क्रिकेट से जुड़े अन्य लोगों में हलचल मच गई है। आरसीए कन्वीनर दीनदयाल कुमावत ने बताया कि लोकपाल में कमेटी के तीन और सदस्यों के खिलाफ आरसीए के संविधान के खिलाफ काम करने को लेकर शिकायत की है। जिसमें प्रतापगढ़ के पिंकेश जैन, अलवर के मोहित यादव और सीकर के आशीष तिवाड़ी शामिल हैं।
कुमावत ने बताया कि आरसीए की वार्षिक साधारण सभा 5 सितंबर 2025 को 21 दिन के पूर्व नोटिस के साथ आयोजित की गई थी। इसमें लोकपाल की नियुक्ति का एजेंडा शामिल था। उस बैठक में सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से मुझे लोकपाल नियुक्त करने का अधिकार दिया था। इसलिए 12 अक्टूबर को बुलाई गई बैठक में पारित प्रस्तावों का कोई औचित्य नहीं है।
कुमावत ने बताया कि धनंजय सिंह खींवसर नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रहते हुए जोधपुर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी बन गए। जबकि यह नियमों का उल्लंघन है। इसके साथ ही आरसीए के रिकॉर्ड के मुताबिक जोधपुर जिला क्रिकेट संघ की किसी भी प्राथमिक इकाई में धनंजय सिंह न तो सदस्य हैं, न ही निर्वाचित पदाधिकारी। इसी आधार पर आरसीए की ओर से जोधपुर जिला क्रिकेट संघ की सदस्यता को 12 अक्टूबर 2025 से पहले ही निरस्त कर दिया गया और लोकपाल को भी भेज दिया था।
कुमावत ने बताया कि रविवार को एडहॉक कमेटी के चार सदस्यों की बैठक आयोजित हुई। जो पूर्णतया अवैध है। वहीं उनकी ओर से लिए गए फैसले प्रभावहीन हैं। कुमावत ने कहा कि बैठक बुलाने का अधिकार संयोजक के पास होता है। राजस्थान खेल अधिनियम 2005 और आरसीए संविधान के अनुसार किसी भी बैठक को आहूत करने का अधिकार केवल संयोजक या अध्यक्ष के पास होता है। ऐसी किसी बैठक के लिए अति आवश्यक परिस्थितियों में भी लिखित आवेदन और कारण बताना अनिवार्य है। लेकिन इस मामले में ऐसा कोई आवेदन या सूचना नहीं दी गई। कुमावत ने आरोप लगाया कि यह बैठक उनकी जानकारी और सहमति के बिना पीठ पीछे आयोजित की गई है, इसलिए इस तथाकथित बैठक में पारित सभी प्रस्ताव पूर्णतः शून्य, आधारहीन और प्रभावहीन हैं।
डीसीए के अध्यक्ष धनंजय सिंह खींवसर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि सरकार की ओर से गठित एडहॉक समिति में सदस्य स्वरूप महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसका निर्वहन मैं आज भी पूर्ण निष्ठा, पारदर्शिता और ईमानदारी से कर रहा हूं। ऐसे में संयोजक दीनदयाल कुमावत की ओर से लिए गए गलत निर्णयों और भ्रष्टाचारपूर्ण कार्यप्रणाली के विरुद्ध चार सदस्य पहले ही आपत्ति दर्ज करा चुके हैं। वहीं सोमवार को एडहॉक समिति के कन्वीनर डीडी कुमावत की ओर से जोधपुर डीसीए की मान्यता रद्द करने की घोषणा की गई है, जो पूर्णतया असंवैधानिक है। जिला क्रिकेट संघ की मान्यता रद्द करने का अधिकार कन्वीनर के पास नहीं है। वहीं बताया कि खेल नीति और आरसीए के संविधान के अनुसार जोधपुर जिला क्रिकेट संघ भी पूर्ण मान्यता प्राप्त एवं वैध है।
Published on:
13 Oct 2025 10:46 pm
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