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बस के साथ जिंदा जल गए 2 मासूम बेटे और 1 बेटी, मौसी की भी मौत, जिंदगी-मौत के बीच झूल रहे माता-पिता

एक ही परिवार के 6 जने जैसलमेर से गांव लौटने के लिए बस में हुए थे सवार, डीएनए जांच में मासूम भाई बहन की मौत की पुष्टि हुई

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Jaisalmer bus fire death

मृतक भाई-बहन। फाइल फोटो- पत्रिका

जोधपुर। जैसलमेर में बस दुखान्तिका में जैसलमेर के पास भंबरों की ढाणी में रहने वाले एक ही परिवार के चार जने जिंदा जल चुके हैं। इनमें तीन मासूम भाई-बहन व एक मौसी शामिल हैं। वहीं, बच्चों के माता-पिता महात्मा गांधी अस्पताल में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

जैसलमेर में भंबरों की ढाणी के रफीक खान का कहना है कि ढाणी में रहने वाले पीर मोहम्मद, अपनी पत्नी इमामन, पुत्र यूनुस (8), इरफान व पुत्री हसीना (7) और साली भगा बानो के साथ मंगलवार को किसी काम से जैसलमेर गए थे। अपराह्न तीन बजे निजी ट्रैवल्स एजेंसी की बस में जैसलमेर से गांव के लिए सवार हुए थे। गांव जैसलमेर से 31 किमी दूर है।

जैसलमेर से करीब बीस किमी दूर पहुंचने पर बस में आग लग गई थी। सभी छहों जने जल गए थे। हसीना व इरफान जिंदा जल गए थे। जिनकी डीएनए जांच से शिनाख्त हो पाई। जबकि पीर मोहम्मद, पत्नी इमामन, साली भगा बानो व पुत्र यूनुस गंभीर रूप से झुलस गए थे। इन्हें जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया था, जहां बुधवार को यूनुस और गुरुवार को भगा बानो की मृत्यु हो गई। पीर मोहम्मद और पत्नी इमामन अभी भी बर्न यूनिट में भर्ती हैं। पत्नी 80-85 प्रतिशत झुलसी हुई है। पीर मोहम्मद की हालत भी गंभीर है।

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एक दिन में तीन शव सुपुर्द ए खाक

परिजन का कहना है कि यूनुस का शव पोस्टमार्टम के बाद बुधवार को गांव ले जाया गया था, जहां सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। वहीं डीएनए से शिनाख्त के बाद हसीना व इरफान की मृत्यु की पुष्टि हुई। तत्पश्चात गंभीर झुलसी भगा बानो का भी दम टूट गया। तीनों शव देर शाम भंबरों की ढाणी ले जाए गए, जहां सुपुर्द-ए-खाक किए गए।