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17 वर्षीय दीपक को ढूंढ़ रहा परिवार, सबका रो-रो कर बुरा हाल

बस त्रासदी में मंगलवार को 20 से ज्यादा लोगों ने अब तक अपनी जान गंवा दी है। ऐसे में एक नवयुवक ऐसा भी है, जो अब तक लापता बताया जा रहा है।

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बस त्रासदी में मंगलवार को 20 से ज्यादा लोगों ने अब तक अपनी जान गंवा दी है। ऐसे में एक नवयुवक ऐसा भी है, जो अब तक लापता बताया जा रहा है। जैसलमेर की गांधी कॉलोनी में रहने वाले सुभाष और शारदा हरिजन का 17 वर्षीय पुत्र दीपक मंगलवार को जोधपुर जाने वाली बस में जोधपुर के लिए रवाना हुआ। यह बस थोड़ी देर में आग त्रासदी का शिकार हो गई। जैसे ही यह सूचना दीपक के परिवार तक पहुंची, वे बदहवास हो गए। उन्होंने जवाहिर चिकित्सालय में पता किया लेकिन वह वहां लाए गए घायलों में शामिल नहीं था। दीपक के मामा भगवानराम ने बताया कि दीपक को किसी काम के लिए जोधपुर भेजा था। भगवानराम के भतीजे विशाल ने दीपक को इसी बस में बैठा कर रवाना किया था। हादसा घटित होने के बाद दीपक की मां ने डीएनए जांच के लिए सेम्पल दिया, लेकिन वह जोधपुर में रखे किसी शव से मैच नहीं हुआ। भगवानराम ने बताया कि पूरा परिवार तीन गाडिय़ां लेकर जोधपुर आया हुआ है। यहां दीपक के छोटे भाई गोपाल का सेम्पल भी चिकित्सकों ने लिया है। भगवानराम ने बताया कि उनका पूरा परिवार अभी तक असमंजस में है। पता नहीं चल पा रहा है कि, दीपक कहां है? अब वे सभी लोग जैसलमेर के लिए रवाना हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार कक्षा 10 में पढऩे वाले दीपक को जोधपुर किसी कार्यवश भेजा था लेकिन अब उसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिलने से सभी परिवारजनों की दशा खराब हो गई है। दीपक के माता-पिता संविदा पर सफाईकर्मी का काम करते हैं।