सरहदी जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में दीपावली का पर्व इस बार छह दिनों तक मनाया जाएगा। अमावस्या दो दिन पडऩे से दीपोत्सव पांच की बजाय छह दिन का होगा। लक्ष्मी पूजन 20 अक्टूबर को किया जाएगा। प्रतिवर्ष कार्तिक अमावस्या के दिन लक्ष्मी पूजन कर दीपावली का पर्व मनाया जाता है, जो धनतेरस से आरंभ होकर भाई दूज तक चलता है। इस वर्ष पंचांग भेद के कारण दीपावली की तारीख को लेकर भ्रम की स्थिति बनी थी, लेकिन ज्योतिषियों के अनुसार 20 अक्टूबर को ही लक्ष्मी पूजन श्रेष्ठ रहेगा। अमावस्या 20 अक्टूबर दोपहर 2.25 बजे से प्रारंभ होकर 21 अक्टूबर दोपहर 4 बजे तक रहेगी। प्रदोष काल 20 अक्टूबर की शाम रहेगा, इसलिए इसी दिन पूजा करना शुभ माना गया है।
18 अक्टूबर - धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा होगी। इस दिन नए सामान, आभूषण, वाहन और बर्तन खरीदने की परंपरा है।
19 अक्टूबर - रूप चतुर्दशी या नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी। इस दिन उबटन लगाकर स्नान करने की परंपरा है।
20 अक्टूबर - दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन किया जाएगा।
21 अक्टूबर - कार्तिक अमावस्या पर स्नान और दान-पुण्य किया जाएगा।
22 अक्टूबर - गोवद्र्धन पूजा का पर्व मनाया जाएगा।
23 अक्टूबर - भाई दूज के साथ दीपोत्सव का समापन होगा।
बाजारों में बढ़ी रौनक, उमड़ा खरीदारी का उत्साह
दीपोत्सव के आगमन से बाजारों में रौनक बढ़ गई है। बर्तन, कपड़ों, आभूषणों, मिठाइयों और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की दुकानों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। धनतेरस से लगातार छह दिनों तक खरीदारी की उम्मीद से व्यापारी भी तैयारी में जुटे हैं।
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:48 से दोपहर 12:34 तक है। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त शाम 7:08 से रात 8:18 तक तक है। प्रदोष काल शाम 5:46 से रात 8:18 तक रहेगा। वृषभ काल शाम 7:08 से रात 9:03 तक होगा।
Published on:
17 Oct 2025 11:43 pm
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