सर्दी का अलर्ट (फोटो-पत्रिका)
जयपुर। राजस्थान में बारिश का दौर लगभग थम गया है। मौसम विभाग ने आगामी 2 सप्ताह का पूर्वानुमान जारी किया है, जिसके मुताबिक आगामी 2 सप्ताह में बारिश होने की संभावना न के बराबर है। हालांकि, इस दौरान तापमान में गिरावट दर्ज होने का अलर्ट है। मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश में आगामी दिनों में 4 डिग्री तक तापमान में गिरावट हो सकती है।
दरअसल, इस बार 5 अक्टूबर से 7 अक्टूबर के बीच हुई बारिश के बाद तापमान में 2-3 डिग्री गिरावट दर्ज की गई। वहीं रात के तापमान में अधिक गिरावट हुई है। पिछले दिनों मौसम विभाग ने बताया था कि बारिश बंद होने के बाद तापमान में 2-3 डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, ताजा बुलेटिन में मौसम विभाग ने आगामी 2 सप्ताह के दौरान तापमान में लगातार गिरावट दर्ज होने की बात कही है।
मौसम विभाग के मुताबिक, आगामी दिनों में अब रात धीरे-धीरे अधिक सर्द होने लगेगी। हालांकि, दिन में धूप खिलने से मौसम साफ बना रहेगा। इस तरह के मौसम में आमतौर पर सावधानी नहीं बरतने पर झुकाम-बुखार की संभावना बनी रहती है। ऐसे में लोगों को अब सर्दी से बचने के लिए तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। इस साल नवंबर, दिसंबर और जनवरी में सामान्य से अधिक सर्दी पड़ने का अनुमान है। राजस्थान के अंदर अक्टूबर महीने में ही गुलाबी सर्दी का एहसास होने लगा है।
दूसरी तरफ, मौसम विभाग के जलवायु मॉडल का अध्ययन करने के बाद पर्यावरणविदों ने इस साल भयानक सर्दी पड़ने के संकेत दिए हैं। पर्यवरणविदों का मानना है कि इस बार ला-नीना बनने का 50 फीसदी से अधिक चांस है। ऐसे में इस साल राजस्थान समेत पूर्वी उत्तर भारत में हाड़ कंपाने वाली सर्दी पड़ने का अनुमान है। माना ये जा रहा है कि इस बार बारिश सामान्य से अधिक हुई है, ऐसे में यूपी, एमपी, दिल्ली-एनसीआर, उत्तराखंड, झारखंड, बिहार समेत कई राज्यों में सामान्य से अधिक सर्दी पड़ने की संभावना है।
दूसरी तरफ राजस्थान में इस बार 108 फीसदी बारिश हुई है। ऐसे में राजस्थान के अंदर भी इस साल कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना है। प्रशांत महासागर के भूमध्यरेखीय हिस्से में समुद्री सतह में तापमान के सामान्य से अधिक गिरावट होने की स्थिति को ला-नीना कहते हैं। जिसके इस बार 50 फीसदी से अधिक बनने की संभावना है, क्योंकि अक्टूबर महीने तक हो रही बारिश की वजह से समुद्री सतह मौजूदा समय में ही सामान्य से अधिक ठंडी है।
यदि यह -0.5 डिग्री सेल्सियश से नीचे लगातार तीन महीने तक बना रहता है तो इसे ला-नीना घोषित कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति में प्रशांत महासागर से चलने वाली ठंडी हवाएं पूरे देश में पहुंचती हैं और तापमान अचानक गिर जाता है। इसका असर भारत समेत दुनिया के कई देशों में पड़ता है। ला-नीना ही भारत में शीतलहर और बर्फबारी का कारण बनता है। इस दौरान राजस्थान जैसे गर्म प्रदेशों में भी जमकर सर्दी पड़ती है।
Published on:
09 Oct 2025 07:35 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग