Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

स्पेशल ट्रेनों में यात्रियों का जेब खर्च बढ़ा, अब 30 फीसदी तक पड़ रही मार

Festive Season Train Fares: स्पेशल ट्रेनों के नाम पर यात्रियों की जेब पर 30 फीसदी तक अत्यधिक भार डाला जा रहा है।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Supriya Rani

Nov 16, 2024

Jaipur News: रेलवे जहां यात्री सुविधाओं में विस्तार के दावे कर वाहवाही लूट रहा है वहीं स्पेशल के नाम पर यात्रियों की जेब पर 30 फीसदी तक अत्यधिक भार भी डाल रहा है। दरअसल, जयपुर से उदयपुर, हैदराबाद, बांद्रा टर्मिनस, पुणे समेत कई शहरों में जाने वालीं ट्रेनें हमेशा ही फुल रहती हैं। त्योहारी सीजन हो या फिर गर्मी की छुट्टियां हर सीजन में स्पेशल ट्रेनें संचालित की जा रही हैं।

चौंकाने वाली बात है कि कोरोना काल में रेलवे ने करीब एक दर्जन ट्रेनें शुरू की थीं, जो अब भी स्पेशल बनकर ही दौड़ रही हैं, जबकि उनको सामान्य किया जाना था। अभी उनमें सफर करने पर दूसरी ट्रेनों की तुलना में यात्रियों को 30 फीसदी तक अधिक किराया चुकाना पड़ रहा है। यात्री जेब पर पड़ रहे अतिरिक्त भार की शिकायत कई बार रेलवे अधिकारियों से कर चुके हैं। इसके बावजूद अभी तक समाधान नहीं हो सका। इतना ही नहीं रेलवे ने दिवाली के दौरान 50 से अधिक त्योहार स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है।

जरूरत के हिसाब से करते अवधि में विस्तार

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि व्यस्तम रूट पर अत्यधिक यात्रीभार होने पर स्पेशल ट्रेनें संचालित की जाती हैं। यदि उन्हें लंबे समय तक संचालित करना हो तो मांग के अनुरूप उनकी संचालन अवधि का विस्तार कर दिया जाता है। जरूरत न होने पर उन्हें बंद कर देते हैं। हालांकि कुछ ट्रेनों को लंबे समय तक स्पेशल बनाकर ऑक्यूपेंसी देखी जाती है फिर उन्हें नियमित कर दिया जाता है। वर्तमान में संचालित हो रहीं कई स्पेशल ट्रेनें दो वर्ष से ज्यादा समय से दौड़ रही हैं पर उन्हें अब तक नियमित नहीं किया गया है।

पहले आदेश किए फिर वापस ले लिए

कुछ समय पूर्व रेलवे ने इन स्पेशल ट्रेनों में से कई ट्रेनों के नंबर से शून्य हटाकर उनके स्पेशल से नियमित करने के आदेश जारी किए थे लेकिन कुछ समय बाद उसे वापस ले लिया।

यह भी पढ़ें: दिन में सूने मकानों में रैकी करते और रात को देते थे वारदात को अंजाम, ऐसे हुआ भंडाफोड़