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राजस्थान: इकलौते भाई की मौत की खबर सुनी तो बड़ी बहन ने छोड़ दी दुनिया, दो परिवारों में मचा कोहराम

शादी का माहौल, नाचते-गाते परिवार के लोग, रिश्तेदारों की चहल-पहल और हर चेहरे पर खिलखिलाहट लेकिन इस बीच चाकसू के देवकिशनपुरा गांव में हुए हृदयविदारक हादसे ने खुशियों को मातम में बदल दिया।

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फोटो पत्रिका नेटवर्क

जयपुर। शादी का माहौल, नाचते-गाते परिवार के लोग, रिश्तेदारों की चहल-पहल और हर चेहरे पर खिलखिलाहट लेकिन इस बीच चाकसू के देवकिशनपुरा गांव में हुए हृदयविदारक हादसे ने खुशियों को मातम में बदल दिया। 11 साल के इकलौते भाई की अचानक बिगड़ी तबीयत के बाद मौत की खबर सुनते ही बड़ी बहन सदमे में चली गई और कुछ ही घंटों बाद वह दुनिया को अलविदा कह गई। एक साथ भाई-बहन की मौत के बाद जहां शादी की खुशियों को ग्रहण लग गया। वहीं मृतका के ससुराल महेशवास में भी कोहराम मच गया।

जानकारी के मुताबिक कालवाड़ के समीप महेशवास कलां के मोठूराम मीणा की ढाणी की बहू और चाकसू के देवकिशनपुरा गांव की बेटी सुनीता मीणा (35) पत्नी हनुमान मीणा शादी समारोह में अपने पीहर देव किशनपुरा आई हुई थी। परिवार के लोग शादी की तैयारियों में मशगूल थे। इसी दौरान उसके इकलौते भाई हरीश मीणा उर्फ कान्हा (11) पुत्र जगदीश नारायण की तबीयत बिगड़ गई। परिजन उसे उपचार के लिए अस्पताल ले गए जहां उसकी मौत हो गई।

जब परिवार के लोगों को हरीश की मौत की खबर मिली तो कोहराम मच गया। इकलौते भाई की मौत की सूचना मिलते ही बड़ी बहन सुनीता मीणा सदमे में आ गई और उसकी तबीयत बिगड़ गई। पति व परिजन उसे तत्काल जयपुर के सवाई मानसिंह चिकित्सालय में उपचार के लेकर पहुंचे, जहां बुधवार अलसुबह सुनीता मीणा ने दम तोड़ दिया।

गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार

भाई के गम में बहन की मौत की सूचना जैसे ही कालवाड़ के महेशवास कलां स्थित उसके ससुराल और पीहर देव किशनपुरा में पहुंची तो दोनों जगह कोहराम मच गया। ससुराल पक्ष के लोग सवाई मानसिंह चिकित्सालय पहुंचे और सुनीता के शव को महेशवास कलां लेकर पहुंचे। जहां बेहद गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया वहीं उसके इकलौते भाई हरीश हरीश उर्फ कान्हा का देवकिशनपुरा में अंतिम संस्कार किया गया।

चार बहनों का लाड़ला था हरीश

मृतका सुनीता के पति हनुमान मीणा ने बताया कि उसके ससुर जगदीश मीणा के पांच बेटे-बेटियों में हरीश सबसे छोटा इकलौता बेटा था और चारों बहनों का लाड़ला था। इकलौते बेटे की मौत से जहां देवकिशनपुरा गांव में जगदीश नारायण मीणा के घर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा वहीं महेशवास कलां में सुनीता की मौत से माहौल गमगीन हो गया। बड़ी संख्या में लोग ढांढस बंधवाने पहुंचे।