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जयपुर। एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा वार्ड के आईसीयू में रविवार रात में आग लगी। जिसमें सरकारी आंकड़ों के मुताबित छह लोगों की मौत हो गई। वहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स (पत्रिका नहीं) के मुताबित 8 लोगों की मौत हुई है।
सरकारी सिस्टम की बड़ी लापरवाही सामने आई तो राज्य सरकार ने मुआवजे की घोषणा की। हादसे में मारे गए सभी मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। लेकिन अब सवाल यह है कि मुआवजा 8 मृतकों के परिजनों को मिलेगा या सिर्फ 6 के परिजनों को?
क्योंकि एसएमएस अस्पताल प्रशासन के अनुसार छह मृतको के परिजनों को ही मुआवजा देना तय माना जा रहा है। ऐसे में दो मृतकों के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया जा सकता है।
पत्रिका ने इस संबंध में हेल्थ सैकेट्री गायत्री राठौड़, अधीक्षक डॉ मृणाल जोशी को फोन किया। लेकिन किसी ने फोन रिसीव नहीं किया और सवालों के जवाब देने से बचते नजर आए।
— रूकमणी (45) पत्नी बच्चू सिंह निवासी वार्ड 26, भरतपुर
— पिंटू गुर्जर (25) पुत्र कानाराम गुर्जर निवासी जलालपुर, श्रीमाधोपुर, सीकर
— बहादुर (40) पुत्र बिरदी चंद निवासी कपूरवाला, सांगानेर
— खुशमा (54) पत्नी पूरण सिंह, नागला चतरसाल, वार्ड 6, भरतपुर
— दिलीप सिंह राठौड़ (40) पुत्र विजेंद्र सिंह निवासी रायसर, आंधी, जयपुर
— श्रीनाथ सिंह (54) पुत्र चतर सिंह निवासी सालाबाद, बयाना, भरतपुर
कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आठ मौत हुई है। इनमें दो मौत आगरा निवासी सर्वेश और सवाई माधोपुर निवासी दिगंबर वर्मा की भी हुई है। लेकिन एसएमएस अस्पताल प्रशासन की ओर से अग्निकांड में जारी मृतकों की सूची में यह दो नाम नहीं है। यानी की यह दो मृतक मुआवजे से वंचित हो सकते है।
पत्रिका ने सोमवार को इस बारे में तत्कालीन अधीक्षक डॉ सुशील भाटी से बात की थी। उन्होंने कहा था कि ट्रोमा में आग लगने से सिर्फ छह मौत हुई है। अन्य मौत के कारण अलग है। वह ट्रोमा में शामिल नहीं है।
Updated on:
07 Oct 2025 01:06 pm
Published on:
07 Oct 2025 12:16 pm
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