फॉल्ट रेक्टिफिकेशन टीम की सुरक्षा में लापरवाही, पत्रिका फोटो
जयपुर शहर में दिवाली पर सजावट और रोशनी के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति को लेकर जयपुर डिस्कॉम व्यवस्था में जुटा हुआ है लेकिन डिस्कॉम के अधीन जयपुर समेत 18 सर्कल में फॉल्ट रेक्टिफिकेशन टीम (एफआरटी) संचालन में गंभीर लापरवाही दिख रही है। लापरवाही का ऐसा ही हाल शनिवार को जगतपुरा पुलिया से पहले ट्रांसफार्मर पर दिखा। यहां एफआरटी कर्मी पोल व ट्रांसफार्मर पर चढ़े हुए थे, लेकिन इनके हाथों में न रबर के ग्लव्स थे और न ही पैरों में रबर के जूते। वहां से गुजर रहे लोग पोल पर कर्मचारियों की लापरवाही देख हतप्रभ रह गए और बोले, करंट आ गया तो क्या करोगे। क्या किसी की जान इतनी सस्ती है।
नियमानुसार सेवा प्रदाता कंपनी को सभी एफआरटी कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरणों के तहत हाथों के ग्लव्स, रबर के जूते, सिर पर लगाने के लिए हेलमेट उपलब्ध कराना जरूरी है, लेकिन शहर में अधिकांश एफआरटी कर्मचारियों के पास ये सुरक्षा उपकरण नहीं हैं। ये कर्मचारी चंद रुपए के लिए जान दांव पर लगा कर शहर की बिजली सप्लाई को सुचारू रख रहे हैं।
फॉल्ट रेक्टिफिकेशन टीम (एफआरटी) बिजली आपूर्ति और संबंधित समस्याओं को ठीक करने वाली टीम है। ये टीमें बिजली की कटौती, फॉल्ट और अन्य बिजली से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए तैनात की जाती हैं, ताकि उपभोक्ताओं को त्वरित और कुशल सेवा मिल सके।
शहर में एफआरटी संचालक की मॉनिटरिंग में उच्च अधिकारी लगातार सुस्ती बरत रहे हैं। यही वजह है कि एफआरटी पर पूरे संसाधन नहीं होने के बाद भी लगातार भुगतान हो रहा है। कुछ माह पहले एफआरटी की रियल टाइम मॉनिटरिंग हुई तो संसाधन कम मिले थे।
गौरतलब है कि बीते 7 अगस्त को दुर्गापुरा में एक कर्मचारी विद्युत पोल पर कार्य कर रहा था। इसी दौरान अचानक बिजली सप्लाई शुरू हो गई और उसे करंट लग गया और वह पोल पर ही झूल गया। लोगों की सतर्कता से उसे बेहोशी की हालत में पोल से उतार कर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बिना सुरक्षा उपकरणों के एफआरटी कर्मचारी काम कर रहे हैं तो लापरवाही है। सेवा प्रदाता फर्म से आज रिपोर्ट ली जाएगी। - बी.एस. मीणा, मुख्य अभियंता आइटी, जयपुर डिस्कॉम
Published on:
13 Oct 2025 10:01 am
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