Doctor Manish Agarwal (Patrika Photo)
मनीष चतुर्वेदी
जयपुर। एसएमएस अस्पताल के न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ मनीष अग्रवाल को एक लाख रुपए रिश्वत लेते पकड़ा गया है। एसीबी टीम की ओर से आरोपी से पूछताछ की जा रहीं है। जिसके चलते अब कई डॉक्टर और कर्मचारी एसीबी के रडार पर है। जिनसे भी एसीबी पूछताछ करेगी। इससे ज्यादा चौकानें वाली बात यह है कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रशासन के पास तीन दिन पहले ही यह शिकायत आ चुकी थी। प्रिंसिपल डॉ दीपक माहेश्वरी ने शिकायत मिलने पर जांच कमेटी का गठन कर दिया था। मामले की जांच भी शुरू हो गई थी। लेकिन डॉ मनीष अग्रवाल के सामने जांच कमेटी फिकी पड़ गई। सब मालूम होते हुए भी डॉ मनीष अग्रवाल ने रिश्वत लेने में कोई चूक नहीं की। दंबगई के साथ अपने निवास पर आरोपी ने एक लाख रुपए की रिश्वत ली।
एसीबी की ओर से आरोपी डॉक्टर मनीष का मोबाइल खंगाला गया है। घर के तलाशी में कई अहम दस्तावेज एसीबी को हाथ लगे है। ऐसे में एसएमएस अस्पताल के कई डॉक्टर और खास कर्मचारी अब एसीबी के निशाने पर है। एसीबी एएसपी संदीप सारस्वत ने बताया कि इस मामले में प्रिंसिपल डॉ दीपक माहेश्वरी सहित अन्य से एसीबी पूछताछ करेगी। आरोपी डॉ मनीष को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ दीपक माहेश्वरी ने बताया कि डॉ मनीष अग्रवाल के खिलाफ तीन दिन पहले मुझे शिकायत मिल गई थी। मैंने मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन भी किया था। कमेटी जांच कर रही है। लेकिन इस बीच यह प्रकरण हो गया। अब मैं क्या करता।
आरोपी डॉ मनीष अग्रवाल के पास सेंट्रल मेडिकल स्टोर के इंचार्ज सहित कई महकमों की जिम्मेदारी थी। जिसमें करोड़ों रुपए की परचेजिंग पॉवर डॉ मनीष के पास थी। यहां तक की निर्माणाधीन आईपीडी टॉवर में करीब 200 करोड़ रुपए के उपकरणों की खरीद होनी थी। जिसकी खरीद भी डॉ मनीष को करनी थी। इसके अलावा एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अधीन सभी सरकारी अस्पतालों में दवा व उपकरण की बिलिंग को पास करने की जिम्मेदारी भी डॉ मनीष के पास थी। इसके अलावा ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रोग्राम के प्रभारी भी है। कई विभागों में डॉ मनीष के पास अहम जिम्मेदारी थी। जिसके हर विभाग की एसीबी जांच करेगी।
एक व्यक्ति ने बुधवार को शिकायत दर्ज कराई थी कि पिछले 3 महीनों से उसके बिल पास नहीं हो रहे हैं। उसका न्यूरो सर्जरी में काम आने वाले ब्रेन कॉइल की सप्लाई का काम है। कंपनी को 2 साल का टेंडर दिया गया था। मरीजों की जरूरत के अनुसार कंपनी से सामान मंगवाया जाता था। डॉ. मनीष अग्रवाल बिल पास करने के लिए 1 लाख रुपए की मांग कर रहे थे। जब कंपनी का प्रतिनिधि बिल लेकर डॉ. मनीष अग्रवाल के ऑफिस पहुंचा तो डॉ. मनीष ने बिल फेंक दिए और कहा कि ये बिल अभी पास नहीं होंगे। डॉ. मनीष ने कर्मचारी से यह भी कहा कि वह उनसे पर्सनली आकर मिले। गुरुवार शाम को डॉ. मनीष अग्रवाल ने शिकायतकर्ता को मिलने के लिए घर बुलाया था। यहां एसीबी की टीम ने डॉ. मनीष अग्रवाल को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया।
Updated on:
10 Oct 2025 10:12 am
Published on:
10 Oct 2025 10:11 am
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग