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पायलट को जवाब दें गहलोत… क्यों रोके छात्रसंघ चुनाव? NSUI के प्रदर्शन पर डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा का बड़ा बयान

Jaipur NSUI Protest: एनएसयूूआइ के प्रदर्शन पर उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि पायलट का आंदोलन हमारे नहीं, गहलोत के खिलाफ है। गहलोत ही पायलट को जवाब दें कि उन्होंने छात्रसंघ चुनाव क्यों रोके?

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समर्थकों के साथ प्रदर्शन करते सचिन पायलट। फोटो: पत्रिका

जयपुर। एनएसयूूआइ के प्रदर्शन पर उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि पायलट का आंदोलन हमारे नहीं, गहलोत के खिलाफ है। गहलोत ही पायलट को जवाब दें कि उन्होंने छात्रसंघ चुनाव क्यों रोके? कांग्रेस अब छात्रसंघ चुनाव के नाम पर राजनीति कर रही है। उच्च शिक्षा विभाग में उनकी फाइल पड़ी है। उन्होंने ने ही छात्रसंघ चुनाव रोकने का आदेश दिया था।

दरअसल, छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर जयपुर में मंगलवार को एनएसयूूआइ कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। इस दौरान सचिन पायलट ने कहा कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है जो छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए जा रहे है। सलाह देने वाले सीएम को बोल रहे हैं कि चुनाव मत कराओ। यह सीख दिल्ली से आ रही है। अगर चुनाव का नहीं करा रहे हैं तो इसका कारण बताएं।

इन विधायकों ने भी उठाई छात्रसंघ चुनाव की मांग

विधायक अभिमन्यु पूनिया ने कहा कि आज एक भी छात्र पर मुकदमा लगाया गया तो कांग्रेस पार्टी इसका करारा जवाब देगी। लाडनूं विधायक मुकेश भाकर ने कहा कि सरकार को हर कीमत पर चुनाव कराने होंगे। शाहपुरा विधायक मनीष यादव ने कहा कि हम लड़ेंगे, बढ़ेंगे, लेकिन हार नहीं मानेंगे।

छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर जयपुर में प्रदर्शन

गौरतलब है कि प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर मंगलवार को एनएसयूूआइ कार्यकर्ताओं ने राजधानी जयपुर में विरोध-प्रदर्शन किया। शहीद स्मारक पर छात्र सभा में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट सहित कई विधायक और पार्टी के नेता पहुंचे।

एनएसयूूआइ कार्यकर्ताओं ने जब सीएम आवास का घेराव करने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछार की। सचिन पायलट पर भी वाटर कैनन चलाई। इस दौरान पुलिस और एनएसयूूआइ कार्यकर्ताओं के बीच हल्की धक्का-मुक्की हुई। विरोध बढ़ता देख पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।

जानें क्यों लगी थी छात्रसंघ चुनाव पर रोक?

साल 2023 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने छात्रसंघ चुनावों पर रोक लगाई थी। तब तर्क दिया गया था कि छात्रसंघ चुनावों में धनबल और बाहुबल का दुरुपयोग हो रहा है। साथ ही, लिंगदोह समिति की सिफारिशों का उल्लंघन और परिसरों में हिंसा की घटनाएं भी बढ़ रही थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि छात्रसंघ चुनाव विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तरह महंगे हो गए हैं। ऐसे में छात्रसंघ चुनावों पर रोक लगाई थी।