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बिहार विधानसभा चुनाव: राजस्थान के ‘जादूगर’ ने सुलझाया महागठबंधन का पेंच, तेजस्वी यादव होंगे CM फेस

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' (INDIA) में सीट बंटवारे और नेतृत्व को लेकर चली आ रही उलझन आखिरकार सुलझ गई है।

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Former Rajasthan CM Ashok Gehlot

फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' (INDIA) में सीट बंटवारे और नेतृत्व को लेकर चली आ रही उलझन आखिरकार सुलझ गई है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।

पीसी में अशोक गहलोत ने बताया कि यह फैसला कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की सहमति के बाद गठबंधन के सभी सहयोगी दलों की मौजूदगी में लिया गया। गहलोत ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर 'इंडिया' गठबंधन बिहार में सरकार बनाता है, तो विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी उपमुख्यमंत्री होंगे।

गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि महागठबंधन एकजुट होकर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ रहा है। गठबंधन में 5-10 सीटों पर विवाद होना सामान्य है, लेकिन हमने सभी मुद्दों को सुलझा लिया है। बिहार की जनता के हित और राज्य के भविष्य को सर्वोपरि रखते हुए हमने यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि गठबंधन का लक्ष्य बिहार में विकास और जनकल्याणकारी नीतियों को लागू करना है।

गहलोत-लालू की मुलाकात ने बदला समीकरण

बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर तनाव देखा गया था। कुछ सीटों पर सहयोगी दलों के बीच मतभेद उभरे, जिसके कारण कार्यकर्ताओं और समर्थकों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत को जिम्मेदारी सौंपी।

गहलोत ने बीते बुधवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात की। इस बैठक में कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु भी मौजूद थे। बैठक में सीट बंटवारे, उम्मीदवारों की सूची और सरकार बनने की स्थिति में को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। इस मुलाकात के बाद गठबंधन ने एकजुटता के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया।

यहां देखें वीडियो-


'फ्रेंडली फाइट' ने बढ़ाई थी चुनौती

बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए महागठबंधन ने अब तक 256 उम्मीदवार उतारे हैं, जो गठबंधन के भीतर 'फ्रेंडली फाइट' की स्थिति का संकेत है। राजद ने 143 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं, जबकि कांग्रेस ने 61 और वीआईपी ने 15 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। इसके अलावा, वामपंथी दलों ने भी कई सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।

इस स्थिति के कारण कार्यकर्ताओं और समर्थकों में असमंजस की स्थिति थी। हालांकि, गहलोत ने दावा किया कि गठबंधन नेतृत्व जल्द ही इस भ्रम को दूर कर देगा। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता बिहार की जनता के मुद्दों को उठाना और उनके लिए काम करना है। सभी सहयोगी दल एकजुट हैं और प्रचार अभियान अब पूरे जोर-शोर से चल रहा है।

तेजस्वी के नेतृत्व पर भरोसा

तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना महागठबंधन के लिए एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। तेजस्वी ने पहले भी बिहार में उपमुख्यमंत्री के रूप में अपनी छवि एक युवा और ऊर्जावान नेता के रूप में बनाई है। उनकी लोकप्रियता, खासकर युवाओं और समाज के वंचित वर्गों में, गठबंधन के लिए फायदेमंद हो सकती है।

वहीं, मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाकर गठबंधन ने निषाद समुदाय और अन्य पिछड़े वर्गों को साधने की कोशिश की है।

प्रचार अभियान में आएगी तेजी

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और सभी दल अब प्रचार में जुट गए हैं। महागठबंधन ने बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों को अपने अभियान का केंद्र बनाया है। गठबंधन नेताओं का दावा है कि उनकी एकजुटता और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार की जनता का भरोसा जीतने में कामयाबी मिलेगी।

गहलोत ने कहा कि हमारा गठबंधन बिहार के लोगों के लिए एक बेहतर भविष्य का वादा करता है। हमारी नीतियां और नेतृत्व जनता के हित में होंगे।