
केन्द्र के बजट से पूर्व हुब्बल्ली (कर्नाटक) में आयोजित राजस्थान पत्रिका परिचर्चा में विचार रखते व्यापारी।
व्यापारियों का कहना है कि इस बार के बजट में आयकर स्लैब में बदलाव के साथ ही जीएसटी को सरल बनाया जाना चाहिए। व्यापारियों का मानना है कि इस बार का बजट आम जनता को राहत प्रदान करने वाला हो सकता है। साथ ही अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने वाले बजट की उम्मीद है। इस बजट से हर किसी को कोई न कोई उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को वित्त वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट संसद में पेश करेंगी। इस बजट से विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण घोषणाओं की उम्मीद है। बजट को लेकर आयोजित राजस्थान पत्रिका परिचर्चा में व्यापारियों ने अपनी राय रखी। प्रस्तुत हैं उनके विचार:
दस लाख तक की आय हो टैक्स-फ्री
हुब्बल्ली के बिजनेसमैन कांतिलाल राजपुरोहित ओडवाड़ा कहते हैं, वित्त मंत्री से उम्मीद की जा रही है कि वे आयकर स्लैब में बदलाव करेंगी। सरकार को 10 लाख रुपए तक की आय को पूरी तरह टैक्स-फ्री कर देना चाहिए। इससे मध्यम वर्ग के लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी, जो अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करेगा। बजट में विशेषकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा की जानी चाहिए। जिससे रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सकेगा। इसके साथ ही सड़कों, रेल और हवाई अड्डों के विकास के लिए निवेश अधिक किया जाएं जिससे लॉजिस्टिक्स में सुधार होने के साथ ही व्यापार को बढ़ावा मिल सकेगा। बुलेट ट्रेन परियोजनाओं और रेल नेटवर्क के आधुनिकीकरण को गति दी जानी चाहिए। स्वच्छता, भोजन और वाई-फाई जैसी सुविधाओं में सुधार किया जाना चाहिए। इसके साथ ही डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए भी योजनाओं को बढ़ावा मिलना चाहिए। सरकार को साइबर खतरों से निपटने के लिए बजट का एक हिस्सा डिजिटल सुरक्षा पर केंद्रित करना चहिए। हवाई सेवाओं में सुधार की विशेष जरूरत है। उत्तर से दक्षिण भारत की कनेक्टिविटी बढ़ाई जानी चाहिए। छोटे शहरों में भी जहां हवाई अड्डे हैं वहां बड़े शहरों से हवाई सेवाओं की कनेक्टिविटी में सुधार किया जाना चाहिए।
किसानों को राहत के लिए विशेष योजना का हो प्रावधान
रायबाग निवासी बिजनेसमैन नारायण मैत्री कहते हैं, वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष ब्याज दरों और जनसामान्य के लिए नई बचत योजनाओं की शुरुआत करनी चाहिए। बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) की राशि में बढ़ोतरी की जानी चाहिए। किसानों को पीएम किसान योजना के तहत सालाना छह हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। संसद की स्थाई समिति ने इस राशि को बढ़ाकर 12 हजार रुपए करने की सिफारिश की है। इससे किसानों को सालाना 12 हजार की सहायता मिल सकती है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक होगी। इसके साथ ही किसानों को अधिक बीमा कवरेज दिया जाना चाहिए। इससे प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई में सहायता मिल सकेगी। अधिक बारिश के कारण फसलों को नुकसान पहुंचा हैं, ऐसे में किसानों को राहत के लिए विशेष योजना लाई जानी चाहिए।
तय समय सीमा में हो बड़े प्रोजेक्ट
हुब्बल्ली के प्रशांत हडगल्ली कहते हैं, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए सब्सिडी और बैटरी निर्माण में निवेश बढ़ाने की योजनाएं लाई जानी चाहिए। साथ ही सरकार को शहरों केे विकास पर ध्यान देना चाहिए। काम तय समय सीमा में होने चाहिए। कई ब्रिज एवं अन्य बड़े काम को पूरा करने में बरसों लग जाते है। जो काम दो साल में होना चाहिए वह लम्बा खींचता जाता है और उसे पूरा होने में चार से पांच साल लग जाते हैं। इससे लागत भी बढ़ती है। ऐसे में हर कार्य के लिए समय सीमा जरूर तय की जानी चाहिए। फूड प्रोडक्ट की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। फूड सप्लाई की प्रोपर व्यवस्था होनी चाहिए।
Published on:
23 Jan 2025 05:35 pm
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