WHO ने तीन कफ सिरप को लेकर हेल्थ अलर्ट जारी किया है (Photo: Patrika)
WHO Alert on 3 Cough Syrups : भारत के दो राज्य राजस्थान व मध्य प्रदेश में कफ सिरप से हुए दो दर्जन से अधिक बच्चों की मौत के बाद लगातार दवा बनाने वाली कंपनियों पर लगातार एक्शन लिए जा रहे हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत के तीन खांसी की सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया है। ये कड़ा एक्शन है जिसका प्रभाव दवा कंपनियों पर तत्काल प्रभाव से दिखेगा।
मंगलवार को मिली जानकारी के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तीन कफ सिरप को लेकर हेल्थ अलर्ट जारी किया है। इन सिरप में डाइ-इथिलीन ग्लाइकोल (DEG) की मात्रा अनुमानित सीमा से अधिक पाई गई है।
WHO का यह अलर्ट तब आया जब उसने भारत की केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) से यह जानकारी मांगी कि क्या ये कफ सिरप अन्य देशों में भेजे गए थे। भारत सरकार ने WHO को बताया कि ये सिरप निर्यात के लिए नहीं बनाए गए थे और इनके अवैध निर्यात का कोई सबूत भी नहीं है।
WHO ने साफ तौर पर कहा है, “8 अक्टूबर को CDSCO ने WHO को रिपोर्ट दी कि भारत में कम से कम तीन खांसी की दवाओं में डाइ-इथिलीन ग्लाइकोल पाया गया है।”
भारत में बनी तीन दूषित कफ सिरप को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी जारी की है। इनमें सबसे गंभीर मामला तमिलनाडु की Sresen Pharmaceutical कंपनी के Coldrif Syrup का है, जिसमें 48.6 प्रतिशत डाइ-इथिलीन ग्लाइकोल (DEG) पाया गया।
अन्य दो खतरनाक कफ सिरप गुजरात की Rednex Pharmaceutical की Respifresh Syrup शामिल है, जिसमें 1.3 प्रतिशत DEG पाया गया, और Shape Pharma की ReLife Syrup, जिसमें 0.6 प्रतिशत DEG मिला।
बता दें, CDSCO ने पुष्टि की है कि संबंधित राज्यों ने तुरंत इन कंपनियों के उत्पादन पर रोक लगा दी है और उनके उत्पाद लाइसेंस भी निलंबित कर दिए गए हैं। साथ ही खतरनाक कफ सिरप को बाजार से वापस मंगाने (रिकॉल) की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
आपको ये भी समझ लेना चाहिए कि ये कफ सिरप क्यों खतरनाक है। बता दें, इन सिरप में डाइ-इथिलीन ग्लाइकोल (DEG) की मात्रा अनुमानित मात्रा से कई गुना अधिक मिली है। इस कारण माना जा रहा है कि बच्चों की मौत हुई और फिर इन 3 कफ सिरप पर कार्रवाई की जा रही है।
पत्रिका के साथ बातचीत में डॉ. हिमांशु गुप्ता और डॉ. ज्योति पटोदिया ने बताया कि बच्चों के लिए डाइ-इथिलीन ग्लाइकोल (DEG) वाले कफ सिरप सुरक्षित नहीं माने जाते हैं। हम इस तरह के सिरप को कभी खाने की सलाह नहीं देते हैं। इसको लेकर डब्ल्यूएचओ ने लोगों से अपील की है कि वे इन सिरप का इस्तेमाल न करें और अगर किसी को इससे संबंधित लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
Updated on:
14 Oct 2025 03:25 pm
Published on:
14 Oct 2025 01:46 pm
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