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Signs of Poor blood circulation in legs : पैरों में पहले ही दिख जाते हैं खराब ब्लड सर्कुलेशन के ये 5 संकेत, कभी न करें नजरअंदाज

Signs of poor circulation in feet : पैरों में सूजन, ठंडक या झुनझुनी खराब ब्लड सर्कुलेशन के लक्षण हैं। जानिए 5 संकेत और ब्लड फ्लो सुधारने के आसान उपाय।

3 min read

भारत

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Manoj Vashisth

Oct 15, 2025

Signs of poor circulation in feet,

Signs of poor circulation in feet, (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)

Poor blood circulation in legs : हमारा शरीर एक अद्भुत मशीन है और इस मशीन को चलाने के लिए सबसे जरूरी है खून का सही बहाव यानी कि ब्लड सर्कुलेशन। खून ही वह लाइफलाइन है जो हमारे हर अंग तक ज़रूरी ऑक्सीजन और पोषण पहुंचाता है। पर ज़रा सोचिए, अगर ये बहाव धीमा पड़ जाए या कहीं अटकने लगे, तो क्या होगा?

हैरानी की बात है कि शरीर में कहीं भी आई इस रुकावट की पहली दस्तक अक्सर हमारे पैरों में सुनाई देती है। चूंकि पैर दिल से सबसे ज्यादा दूर होते हैं, इसलिए खराब सर्कुलेशन के लक्षण सबसे पहले और तेज़ी से यहीं दिखना शुरू हो जाते हैं। लोग अक्सर इसे मामूली थकान या उम्र का असर मानकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन यही लापरवाही आगे चलकर डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, नस ब्लॉकेज (PAD) जैसी गंभीर बीमारियों का रूप ले सकती है।

आइये जानते हैं पैरों में दिखने वाले ऐसे 5 संकेत, जिन्हें पहचानना आपके लिए जीवनरक्षक हो सकता है:

सूजन: जब पैर बन जाते हैं 'गुब्बारे'

क्या आपके पैरों या टखनों में अक्सर सूजन रहती है? अगर दबाने पर स्किन में गड्ढा-सा बन जाता है और वो कुछ देर तक बना रहता है (जिसे 'पिटिंग एडीमा' कहते हैं), तो ये साफ़ संकेत है कि नसों से फ़्लूइड निकलकर टिश्यूज में जमा हो रहा है। यह खराब सर्कुलेशन, किडनी या दिल की कमजोरी की तरफ इशारा कर सकता है। लंबे समय तक खड़े रहने या बैठे रहने से यह सूजन और बढ़ जाती है।

बर्फ जैसे ठंडे पैर: क्या खून वहां पहुंच नहीं रहा?

अगर आपके पैर खासकर पैर के पंजे, हमेशा दूसरों को छूने पर बर्फ जैसे ठंडे लगते हैं, तो इसे सिर्फ़ सर्दी न समझें। इसका मतलब है कि पैरों तक पर्याप्त गर्म, ताजा खून नहीं पहुंच पा रहा है। यह पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) का एक मजबूत संकेत हो सकता है, जहां धमनियों में प्लाक जमने से खून का रास्ता संकरा हो जाता है।

रात में भयानक ऐंठन: दूसरा दिल थक रहा है

सोते समय या थोड़ी देर चलने के बाद पैरों की पिंडलियों, जांघों या तलवों में अचानक तेज़ दर्द वाली ऐंठन (मरोड़) उठना आम नहीं है। मांसपेशियों को जब जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन नहीं मिलता, तो वे सिकुड़ने लगती हैं। यह ऐंठन बताती है कि आपकी मांसपेशियों को ख़ून का बहाव कम मिल रहा है। इसे हल्के में लेना ख़तरनाक हो सकता है।

त्वचा का रंग बदलना और ना भरने वाले घाव

खराब सर्कुलेशन के कारण पैरों की त्वचा का रंग नीला पड़ना (साइनोसिस) या बैंगनी/लाल होना भी दिख सकता है। जरूरी पोषण न मिलने से त्वचा सूखी, पतली और चमकदार दिखने लगती है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि पैरों पर अगर कोई छोटा सा कट या घाव लग जाए, तो वो जल्दी ठीक नहीं होता या ठीक होने में महीनों लग जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि घाव भरने के लिए जरूरी तत्व वहां तक पहुंच ही नहीं पाते।

सुन्नपन या झुनझुनी (Tingling Sensation)

पैरों में बार-बार सुन्नपन महसूस होना या पिन और सुई चुभने जैसी झुनझुनी होना भी खराब ब्लड सर्कुलेशन का एक लक्षण है। जब नसों को पर्याप्त खून नहीं मिलता, तो वे ठीक से काम नहीं कर पातीं, जिससे ये अजीब सी सेंसेशन होती है।

ऐसे करें लाइफलाइन को मजबूत: रोकथाम और उपाय

अच्छी खबर यह है कि सही तरीक़ों से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है।

नियमित व्यायाम सबसे जरूरी: रोजाना सिर्फ 30 मिनट तेज चलना, जॉगिंग या साइकिलिंग करें। ये आपके दिल को पंप करने में मदद करता है और नसों को खोलता है।

पिंडलियों की ताकत: हमारी पिंडलियों की मांसपेशियों को 'दूसरा दिल' कहा जाता है, क्योंकि ये पैरों से खून को वापस दिल तक धकेलती हैं। इन्हें मजबूत बनाने के लिए 'टो राइज़' (पंजों पर बार-बार उठना) जैसी एक्सरसाइज करें।

डाइट है महामंत्र: अपने खाने में नमक (सोडियम) की मात्रा कम करें ताकि सूजन न बढ़े। साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, खट्टे फल और बेरीज़ (ब्लूबेरी आदि) जैसी चीज़ें जिनमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, वे ब्लड फ़्लो को बेहतर बनाते हैं।

तम्बाकू और प्रॉसेस्ड फूड से दूरी: धूम्रपान नसों को सिकोड़ता है, और तले-भुने, प्रॉसेस्ड खाने से धमनियों में ब्लॉकेज हो सकता है। इनसे बचें।

पानी है दवा: खूब सारा पानी पीने से ख़ून पतला रहता है और उसका बहाव आसान होता है।

पैरों में दिखने वाले इन संकेतों को कभी भी हल्के में न लें। अगर आप इनमें से कोई भी लक्षण लगातार महसूस कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। समय रहते सावधानी बरतने से आप अपने शरीर की 'लाइफलाइन' को स्वस्थ और ऊर्जा से भरपूर रख सकते हैं।