नियोनटल डायबिटीज | प्रतीकात्मक फोटो | Photo- Grok AI
New Diabetes neonatal in Babies : नए प्रकार के डायबिटीज (नियोनटल) का शिशुओं में मिलना चिंता का विषय है। वैज्ञानिकों की इस खोज ने चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि, दुनिया के 589 मिलियन लोग मधुमेह से प्रभावित हैं। शिशुओं को भी ये चपेट में ले रहा है। यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर मेडिकल स्कूल (यूके) और यूनिवर्सिटी लिब्रे डी ब्रुसेल्स (बेल्जियम) की टीम ने शोध के द्वारा इस बात की पुष्टि की है।
दोनों विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने नई डीएनए तकनीक और स्टेम सेल रिसर्च के जरिए शिशुओं में डायबिटीज का एक नया प्रकार खोजा है। ये शोध जर्नल ऑफ क्लिनिकल इन्वेस्टिगेशन (Journal of Clinical Investigation) में प्रकाशित है। वैज्ञानिकों ने पाया कि TMEM167A नामक जीन में गड़बड़ी (mutation) के कारण कुछ बच्चों में जन्म के तुरंत बाद या छह महीने से पहले ही डायबिटीज विकसित हो रहे हैं।
वैज्ञानिकों ने छह ऐसे बच्चों का अध्ययन किया जिन्हें डायबिटीज के साथ-साथ मस्तिष्क से जुड़ी समस्याएं, जैसे- एपिलेप्सी (दौरे पड़ना) और माइक्रोसेफली (सिर का आकार छोटा होना) भी शामिल थीं। यहां पर डीएनए जांच में सभी में TMEM167A जीन में परिवर्तन पाया गया।
बेल्जियम की यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर मिरियम स्नोप की टीम ने स्टेम सेल से इंसुलिन बनाने वाली बीटा कोशिकाएं तैयार कीं और CRISPR तकनीक के जरिए इस जीन को एडिट किया। उन्होंने पाया कि जब TMEM167A जीन में गड़बड़ी होती है, तो ये कोशिकाएं ठीक से इंसुलिन नहीं बना पातीं। इससे सेल्स पर तनाव बढ़ता है और वे धीरे-धीरे मरने लगती हैं। यही कारण है शिशुओं के नए डायबिटीज का।
नेशनवाइड चिल्ड्रेन ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, ये नया डायबिटीज 6 माह तक के शिशुओं में देखा गया है। हालांकि, इसे टाइप 1 डायबिटीज के रूप में देखा जाता है पर, ये सही नहीं। क्योंकि, टाइप 1 डायबिटीज 6 माह से अधिक उम्र के बच्चों में भी होता है।
लगभग आधे शिशुओं में पाए जाने वाला नवजात डायबिटीज (Neonatal Diabetes) जीवनभर रहने वाली बीमारी होती है। इसे स्थायी नवजात मधुमेह (Permanent Neonatal Diabetes Mellitus) कहा जाता है। यह दुनिया के कुछ हिस्सों में हर 2.6 लाख में से एक बच्चे को प्रभावित करती है।
डिस्क्लेमर-ये लेख Journal of Clinical Investigation के शोध पत्र के आधार पर है। ये जानकारी सामान्य जागरूकता के लिए है। अगर आपके बच्चे में ऐसे लक्षण दिखते हैं तो पहले डॉक्टर से संपर्क करें।
Updated on:
09 Oct 2025 03:59 pm
Published on:
09 Oct 2025 03:58 pm
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