झोल मिटने से किसानों को राहत, एमएसपी पर कपास खरीद का श्रीगणेश
-जंक्शन मंडी में सरकारी खरीद शुरू होने से किसानों को अब मिलेगा फायदा
-पूर्व में किसानों को प्रति क्विंटल पांच सौ से सात सौ रुपए का हो रहा था नुकसान
हनुमानगढ़. भारतीय कपास निगम और स्थानीय कॉटन फैक्ट्री संचालकों के बीच रेट को लेकर चल रहा झोल खत्म होने के बाद अब किसानों को राहत मिली है। विवाद खत्म होने के बाद मंगलवार को जंक्शन मंडी में एमएसपी पर कपास की खरीद शुरू कर दी गई। इससे किसानों को अब समर्थन मूल्य का लाभ मिल सकेगा। पूर्व में एमएसपी पर खरीद नहीं होने से किसानों को पांच सौ से सात सौ रुपए प्रति क्विंटल का नुकसान हो रहा था। कृषि उपज मंडी परिसर में समर्थन मूल्य पर नरमा की खरीद प्रारंभ कर दी गई। जिसमें पहले दिन मंगलवार को 12 एमओडी के किसान बलवीर राम पूनिया का लगभग 30 क्विंटल नरमा विक्रय के लिए आया। जिसे समर्थन मूल्य 7860 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा गया। केंद्रीय कपास निगम की टीम ने मंडी में आई ढेरियों का निरीक्षण भी किया। मंडी समिति के सचिव विष्णुदत्त शर्मा ने किसानों को मिठाइयां खिलाकर कपास की सरकारी खरीद का श्रीगणेश करवाया। किसान बलबीर राम पूनिया एवं व्यापारी महेंद्र मित्तल दोनों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया। इसके बाद समर्थन मूल्य पर खरीद प्रारंभ की गई। इस अवसर पर कृषि विपणन विभाग के क्षेत्रीय उपनिदेशक देवीलाल कालवा, व्यापार मंडल अध्यक्ष कुलवीर सिंह, व्यापारी नितिन गोयल, लेखाधिकारी मांगीलाल शर्मा, पर्यवेक्षक आसाराम सहित मुख्य व्यापारी उपस्थित रहे। भारतीय कपास निगम की तरफ से वरिष्ठ वाणिज्यिक अधिकारी केवल कृष्ण शर्मा उपस्थित रहे। मंडी सचिव ने बताया गया कि हनुमानगढ़ मंडी यार्ड के साथ ही हनुमानगढ़ मंडी क्षेत्र की नरमा कपास की छह मिलों पर किसान अपना नरमा बेच सकेंगे जिनमें मित्तल ट्रेडर्स, सी बी गोयल कोटस्पीन, गुरबख्श राय कॉटन इंडस्ट्रीज, शंकर आयल मिल, विजय कॉटन इंडस्टरीज, मथुरा दास जग्गा कॉटन फैक्ट्री में किसान बंधु अपना स्लाट कपास किसान एप के माध्यम से बुक करा कर समर्थन मूल्य पर विक्रय का लाभ प्राप्त कर सकेंगें। सीसीआई के अधिकारी केवल कृष्ण शर्मा ने बताया कि उत्तरी भारत जिसमें पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान की लगभग 90 मंडियां में कपास की सरकारी खरीद को लेकर केंद्र घोषित किए गए हैं। इसमें हनुमानगढ़ जंक्शन मंडी में सबसे पहले समर्थन मूल्य पर नरमा की खरीद का प्रथम शुभारंभ हुआ है। पूर्व में राजस्थान पत्रिका ने किसानों का दर्द समझते हुए लगातार समाचारों का प्रकाशन किया। इसके बाद अब सरकारी तंत्र ने सक्रियता दिखाते हुए कपास की सरकारी खरीद शुरू करवाई है।
Published on:
14 Oct 2025 09:03 pm
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