
(सोर्स: सोशल मीडिया)
MP News: तीन राज्यों और पांच जिलों को जोड़ने वाला प्रस्तावित अटल प्रोग्रेस-वे अलाइनमेंट के पेच में फंस गया है। ढाई साल से प्रगति पूरी तरह ठप है। अब किसानों और संबंधित जिलों के लोगों में भी बेचैनी होने लगी है। इस मार्ग से इटावा से भिण्ड, मुरैना होकर राजस्थान के कोटा तक सीधा 4 लेन मार्ग मिलने पर कोटा तक की 11 घंटे की यात्रा छह घंटे में पूरी हो सकेगी।
कुल 404 किमी लंबा प्रोग्रेस-वे भारतमाला परियोजना में शामिल है, लेकिन मार्च 2023 में खेतों की जगह बीहडों से होकर एलनाइमेंट की घोषणा के बाद स्थानीय स्तर पर एनएचएआइ के अधिकारियों पर कोई नए दिशा-निर्देश नहीं आए हैं। लेकिन किसान असमंजस में हैं। छह हजार करोड़ रुपए की प्रारंभिक प्रस्तावित लागत का यह अटल प्रोग्रेस-वे अब 23 हजार 645 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। मप्र में 313.81 किमी, राजस्थान में 72 किमी एवं उत्तरप्रदेश में 22.96 किमी का निर्माण होना है।
खेतों से होकर निर्माण पर वन विभाग की 454.51 हेक्टेयर भूमि अधिगृहित की जानी है। राजस्थान में कोटा जिले के सीमाल्या गांव के पास मुंबई-बड़ोदरा एनएच- 27 से शुरू होकर मप्र के तीन जिलों को कवर करते हुए उत्तरप्रदेश के इटावा जिले में निनावा तक प्रस्तावित इस मार्ग के निर्माण भिण्ड और इटावा जिले के लोगों को कोटा जाने सीधा शॉर्टकट और सुगम आवागमन उपलब्ध हो सकेगा।
अटल प्रोग्रेस-वे में जिले की 29 ग्राम पंचायतों, दो जनपदों के 41 गांव प्रभावित हो रहे हैं। इनमें अटेर में कछपुरा, उदोतगढ़, कनेरा, अहरौली काली, शुक्लपुरा, खड़ेरी, चौहों, तरसोखर, निवारी, बलारपुरा, जहोरा, प्रतापपुरा, बड़पुरा, रिदौली, गोहदूपुरा, जौरी-कोतवाल, सुरपुरा, दुल्हागन, मटघाना, भिण्ड में गोपालपुरा, भववासी, भदाकुर, नाहरा एवं सराय गांव शामिल हैं।
बीते 7 साल से फाइलों में ही घूम रहे चंबल एक्सप्रेस-वे से श्योपुर जिले को बेहतर कनेक्टिविटी की उमीद है। ये एक्सप्रेस-वे श्योपुर जिले की सीमा में लगभग 95 किलोमीटर की लंबाई का प्रस्तावित है और 57 गांवों से होकर निकलेगा। जिसके लिए जिले में कुल 598.321 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण होनी थी, जिसमें 90.878 हेक्टेयर सरकारी और 507.443 हेक्टेयर निजी जमीन थी। ये एक्सप्रेस-वे मुरैना-भिंड से सीधे जोड़ता, जबकि इधर कोटा राजस्थान की ओर श्योपुर जिले को दिल्ली-मुंबई सुपर एक्सप्रेस-वे तक का भी सफर आसान होता।
खेतों से होकर निर्माण के प्रस्ताव में मध्यप्रदेश में 188.1, उत्तरप्रदेश में 180.76 एवं राजस्थान में 492.51 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है। इसमें राजस्थान में 70.78, मप्र में 1604 एवं उत्तरप्रदेश में 36.35 हेक्टेयर शासकीय भूमि, राजस्थान में 380.93, मप्र 1180 एवं उत्तरप्रदेश में 134.7 हेक्टेयर निजी, जल संरचनाओं से लगी राजस्थान में 40.8 हेक्टेयर राजस्थान में, 404 हेक्टेयर एमपी में और 9.71 हेक्टेयर भूमि यूपी में अधिग्रहित की जानी है। लेकिन निजी भूमि के अधिग्रहण का भिण्ड में और निजी व वन भूमि का विरोध मुरैना में हो रहा है।
दोबारा एलाइनमेंट की घोषणा के बाद कोई अधिकृत पत्र इस संबंध में नहीं आया है। उच्च स्तर पर कोई प्रक्रिया संचालित हो तो हमारे पास अपडेट नहीं है। - उमाकांत मीणा, ईई, एनएचएआइ, ग्वालियर
भिण्ड, मुरैना और श्योपुर जिलों में अटल प्रोग्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद तीनों जिलों में किसानों ने खेतों से होकर निर्माण के प्रस्ताव का विरोध किया, धरना-आंदोलन हुए तो मार्च 2023 में मुयमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं केंद्रीय मंत्री रहते हुए नरेंद्र सिंह तोमर ने बीहड़ों से होकर दोबारा एलाइनमेंट कराने की घोषणा की, लेकिन नए दिशा-निर्देश अब तक नहीं मिले।
Published on:
24 Oct 2025 02:31 pm
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