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बिजली लाइन के नीचे ‘मकान’ बनाना प्रतिबंधित, हाइकोर्ट ने खारिज की याचिका

MP News: बिजली कंपनी की ओर से तर्क दिया, विद्युत लाइन 25 से 30 वर्ष पुरानी है.....

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फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: हाईकोर्ट की एकल पीठ ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ता ने मकान के ऊपर से निकली 33 केवी लाइन को हटाने की मांग की थी। न्यायमूर्ति अमित सेठ की एकलपीठ ने कहा, प्रतिवादियों द्वारा प्रस्तुत तथ्यों का याचिकाकर्ता ने खंडन नहीं किया है। अत: इस स्थिति में न्यायालय से सीधे राहत नहीं दी जा सकती। साथ ही, अदालत ने याचिकाकर्ता को यह स्वतंत्रता दी कि वह मुख्य महाप्रबंधक के समक्ष नया प्रतिवेदन प्रस्तुत कर सकता है, जिसे प्राधिकरण नियमानुसार विचार कर उचित निर्णय लेगा।

दरअसल राजकुमार राठौर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता ने मां वैष्णोपुरम एबी रोड, गदाईपुरा हजीरा, ग्वालियर स्थित राठौर धर्मकांटा से लेकर रेलवे लाइन तक लगभग 0.4 किमी लंबी 33 केवी की उच्चदाब विद्युत लाइन को एनजेआर-5 मानचित्र के अनुसार स्थानांतरित करने की मांग की थी।

निर्माण पर स्पष्ट रोक

बिजली कंपनी की ओर से तर्क दिया, विद्युत लाइन 25 से 30 वर्ष पुरानी है। जिस भूमि पर याचिकाकर्ता ने मकान बनाया है, वह अनधिकृत कॉलोनी में आती है जो कृषि भूमि पर विकसित हुई है। मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम 2012 के नियम-52 के अनुसार बिजली लाइन के समीप भवन निर्माण पर स्पष्ट रोक है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कॉलोनी में विकास के बाद लाइन हटाना आवश्यक हो, तो उसका व्यय कॉलोनाइजर अथवा निवासियों को स्वयं उठाना होता है।