
बैसाख का महत्व अप्रैल मई की छुट्टियां
चैत्र माह का समापन हो चुका है, वहीं बुधवार से बैसाख माह की शुरुआत हो गई है। हिंदू नववर्ष का यह दूसरा माह है। देव आराधना, कथा कीर्तन के लिए यह माह विशेष फलदायी रहेगा। इस माह में अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती 5 कई त्योहार आएंगे। इसके अलावा खरीदारी और शुभ कार्यों के लिए भी विशेष फलदायी रहेगा।
पं. लेखराज शर्मा का कहना है कि बैसाख का माह अत्यंत शुभ फलदायी होता है। इस माह में 8 बार सर्वार्थ सिद्धि योग, 2 बार अमृत सिद्धि योग और 2 बार त्रिपुष्कर योग रहेगा। बैसाख माह बुधवार से शुरू होकर 23 मई तक रहेगा। इस माह में वल्लभाचार्य, आदि शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, बगलामुखी और नरसिंह जयंती भी रहेगी। इसी माह में अनेक व्रत पर्व भी रहेंगे।
पं. लेखराज शर्मा का कहना है कि बैसाख का माह श्रेष्ठ फलदायी माना जाता है। इस माह में भगवान विष्णु की पूजा करना शुभ होता है। साथ ही भगवान भोलेनाथ के लिए जलधारी भी रखी जाती है। इस माह में तुलसी और पीपल के पेड़ की पूजा करने का भी विधान है। पूरे माह आराधना करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है।
बैसाख माह में शुक्ल पक्ष तृतीया पर अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। इसे आखा तीज भी कहा जाता है। पूरे साल में यह दिन अबूझ मुहूर्त होता है। इसलिए यह दिन खरीदारी, नवीन कार्य की शुरुआत,शादी विवाह सहित मांगलिक कार्यों के लिए अबूझ माना जाता है। अक्षय तृतीया 10 मई को रहेगी। साथ ही इस बार गुरु और शुक्र अस्त होने के कारण मई, जून में विवाह नहीं है, क्योकि विवाह के लिए गुरु, शुक्र का उदित होना जरूरी होता है, लेकिन अबूझ मुहूर्त होने से कई लोग विवाह करेंगे।
Updated on:
25 Apr 2024 01:51 pm
Published on:
25 Apr 2024 01:50 pm
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