Sunday Ki Chutti Kyon Hoti Hai(AI Image-Gemini)
Sunday Ki Chutti Kyon Hoti Hai: अक्सर हमारे मन में कई सवाल आते हैं, जिनसे हम रोजमर्रा की जिंदगी में रूबरू होते हैं। लेकिन उस सवाल का जवाब बहुत आसान और सामान्य होने के बावजूद हम नहीं जान रहे होते हैं। जैसे क्या आप जानते हैं कि स्कूलों में छुट्टी रविवार को ही क्यों होती है? क्या आपने इस बात पर कभी गौर किया कि छुट्टी के लिए रविवार का ही दिन क्यों चुना गया? आइये इस सवाल का जवाब और इतिहास जानते हैं।
भारत में रविवार की छुट्टी की परंपरा ब्रिटिश शासन के दौरान शुरू हुई थी। अंग्रेज भारत में अपने साथ यूरोपीय रीति-रिवाज भी लाए थे। ईसाई धर्म में रविवार को “Lord’s Day” यानी प्रभु का दिन माना जाता है। इस दिन चर्च जाकर प्रार्थना करने और विश्राम करने की परंपरा है, क्योंकि बाइबिल के अनुसार ईश्वर ने दुनिया की रचना छह दिनों में की और सातवें दिन विश्राम किया। इसीलिए ईसाई धर्म में सातवां दिन विश्राम के लिए रखा गया।
ब्रिटिश शासन में काम करने वाले अधिकतर अधिकारी और सैनिक ईसाई थे। वे रविवार को धार्मिक कारणों से काम नहीं करते थे। धीरे-धीरे यही परंपरा सरकारी दफ्तरों, स्कूलों और अन्य संस्थानों में भी लागू कर दी गई। उस दौर में भारतीय कर्मचारियों को भी रविवार को छुट्टी मिलने लगी। समय के साथ यह व्यवस्था पूरे देश में सामान्य हो गई।
ब्रिटिश काल से पहले भारत में रविवार की कोई तय छुट्टी नहीं थी। अलग-अलग राज्यों और समुदायों में अपनी-अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अवकाश रखा जाता था। उदाहरण के लिए, हिंदू धर्म में सोमवार को भगवान शिव का दिन माना जाता है, तो कुछ स्थानों पर सोमवार को विश्राम का रिवाज था। मुसलमानों के लिए शुक्रवार जुमे की नमाज का दिन होता है, इसलिए कई इस्लामी देशों में शुक्रवार साप्ताहिक अवकाश होता है। लेकिन भारत में ब्रिटिश प्रशासन आने के बाद और उनके प्रभाव के कारण रविवार को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में स्वीकार कर लिया गया। आजादी के बाद भी यह परंपरा जारी रही और स्कूल-कॉलेज में भी इस व्यवस्था को अपनाया गया।
आज के समय में रविवार सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि मानसिक और शारीरिक विश्राम का दिन माना जाता है। यह दिन लोगों को पूरे हफ्ते की थकान मिटाने, परिवार के साथ समय बिताने और आगामी सप्ताह की तैयारी करने का मौका देता है। इन सबके साथ कई अन्य कारणों से स्कूलों में रविवार को छुट्टी का प्रावधान है।
Published on:
15 Oct 2025 01:55 pm
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