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Aurangzeb Facts: औरंगजेब की कब्र के पास हैं दो और कब्र, जानिए मुगल शासकों की कब्रें और कहां-कहां

Aurangzeb Kabar News: खुल्दाबाद मेंऔरंगजेब की कब्र है जिसको हटाने की मांग हो रही है। आइए हम औरंगजेब की कब्र के साथ मुगलों की अन्य कब्रें कहां-कहां हैं, जानते हैं।

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भारत

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Ravi Gupta

Mar 21, 2025

Aurangzeb Ki Kabar Aurangzeb Facts in Hindi

Aurangzeb: औरंगजेब की कब्र से जुड़े तथ्य

Aurangzeb Kabar News: खुल्दाबाद का नाम शायद ही इससे पहले कोई जानता हो। ये वो जगह है जहां पर औरंगजेब की कब्र (Aurangzeb Ki Kabar) है। ये नागपुर से करीब 500 किलोमीटर दूर है लेकिन नागपुर हिंसा (Nagpur Violence) की लपटें यहां तक पहुंच गई। यही वजह है कि खुल्दाबाद (Khuldabad Tomb) जैसी 'अपता' सी जगह पर दफन औरंगजेब की कब्र को अब तोड़ने या मिटाने को लेकर कुछ हिंदू संगठन मांग कर रहे हैं। इसी सिलसिले में हम जान लेते हैं कि जहां पर औरंगजेब को दफन किया गया, वहां पर और किसकी कब्र है? साथ ही जान लें कि मुगल शासकों की कब्रें और कहां-कहां हैं? और जहां-जहां मुगल बादशाहों की कब्र है क्या उनको भी तोड़ने का काम किया जाएगा।

Aurangzeb GK: औरंगजेब की कब्र से जुड़ी ये बातें हम जानेंगे

  • औरंगजेब की कब्र कहां है?
  • औरंगजेब की कब्र के पास और किसकी कब्र है?
  • मुगल बादशाहों के कब्र कहां-कहां है?
  • औरंगजेब की कब्र बनाने का खर्च कितना?
  • औरंगजेब का पूरा नाम क्या था?

औरंगजेब की कब्र को लेकर अंतिम इच्छा

औरंगजेब ने कहा था कि उसे सादगी के साथ ज़ैनुद्दीन शिराजी के पास दफन किया जाए। ये औरंगजेब की अंतिम इच्छा थी जिसको मरणोपरांत पूरा भी किया गया। ज़ैनुद्दीन शिराजी को औरंजेब गुरु मानता था। बता दें, उस वक्त कब्र के निर्माण में 14 रुपए 12 आने की लागत आई थी। साथ ही आपको जानकर ये रकम भी औरंजेब ने खुद से कमाई थी। भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण के 'औरंगजेब का मकबरा' में ये दर्ज है कि कब्र का खर्च उठाने के लिए वो टोपी बनाने का काम किया था।

औरंगजेब की कब्र के पास दो और कब्रें

जैसा कि इतिहासकार बताते हैं औरंजेब ने खुद इच्छा जताई थी कि सैयद जैनुद्दीन सिराज की कब्र के पास ही दफन किया जाए। इसलिए औरंगजेब की कब्र वहीं पर बनी। साथ ही औरंगजेब के मकबरे के पास ही उनके बेटे आजम शाह का मकबरा है।

औरंगजेब की कब्र पर सब्जा का पौधा

औरंगजेब की कब्र खुले आसमान के नीचे है। कई मुगलों की कब्रें आलीशान रूप से बनाई गईं थीं लेकिन औरंगजेब ऐसा नहीं चाहता था। इसलिए इसे सिंपल ही रखा गया। इस कब्र के ऊपर सब्जा का पौधा है जिसे मीठी तुलसी भी कहते हैं।

कहां-कहां दफन हैं मुगल शासक?

  • जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर- काबुल (अफगानिस्तान)
  • नासिरुद्दीन मुहम्मद हुमायूं- निजामुद्दीन, (दिल्ली)
  • अबू अल-फतह जलाल अल-दीन मुहम्मद अकबर- सिकंदार (आगरा, उत्तर प्रदेश)
  • नूर-उद-दीन मुहम्मद सलीम (जहांगीर)- लाहौर (पाकिस्तान)
  • शहाब उद्दीन मुहम्मद शाहजहां- आगरा (ताजमहल, उत्तर प्रदेश)
  • अब्दुल मुजफ्फर मुहीउद्दीन औरंगजेब आलमगीर- खुल्दाबाद (औरंगाबाद, महाराष्ट्र)

औरंगजेब के बारे में खास बातें

  • औरंगजेब का पूरा नाम- अब्दुल मुजफ्फर मुहीउद्दीन औरंगजेब आलमगीर
  • औरंगजेब का जन्म- 1618
  • औरंगजेब की मृत्यु- 1707

ये भी पढ़िए- मुगलों को मुगल ही क्यों कहा जाता था? जानें इसके पीछे का तर्क और पाएं जवाब

साहित्य से प्रेम और धारदार हिंदी

औरंगजेब क्रूर शासन के लिए जाना जाता हो। मगर औरंगजेब को साहत्यि से लगाव रहा। औरंगजेब ने इस्लामी धार्मिक साहित्य के तुर्की साहित्य भी खूब पढ़ा। साथ ही हस्तलिपि विद्या में औरंगजेब को महारत हासिल थी। इसके अलावा कहा जाता है कि वो हिंदी भी बहुत अच्छी बोल लेता था।