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राजस्थान के इस रेलवे स्टेशन का 18.43 करोड़ रुपए लागत से हो रहा कायाकल्प, वागड़-मेवाड़ की संस्कृति की दिखेगी झलक

अमृत स्टेशन योजना के तहत डूंगरपुर रेलवे स्टेशन पर 18.43 करोड़ रुपए की लागत से कायाकल्प किया जा रहा है। रेलवे स्टेशन बिल्डिंग में डिजाइन में वागड़-मेवाड़ की संस्कृति, विरासत और वास्तुकला की झलक देखने मिलेगी।

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डूंगरपुर रेलवे स्टेशन हेरिटेज लुक में आएगा नजर, पत्रिका फोटो

Heritage look to Dungarpur Railway Station: अमृत स्टेशन योजना के तहत देश के 500 से अधिक स्टेशनों को विकसित किया जा रहा है। इसमें अजमेर मण्डल का डूंगरपुर स्टेशन भी शामिल है। योजना के तहत डूंगरपुर रेलवे स्टेशन पर 18.43 करोड़ रुपए की लागत से कायाकल्प किया जा रहा है। रेलवे स्टेशन बिल्डिंग में डिजाइन में वागड़-मेवाड़ की संस्कृति, विरासत और वास्तुकला की झलक देखने मिलेगी। आगामी मार्च तक कार्य पूर्ण होने के साथ ही रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को उच्च स्तरीय यात्री सुविधाएं उपलब्ध होगी।

स्टेशन पर ये चल रहे काम

अमृत स्टेशन योजना के तहत डूंगरपुर स्टेशन पर जो कार्य हो रहे हैं, उसमें स्टेशन बिल्डिंग का काम पूरा कर लिया गया है। वहीं, 12 मीटर चौड़े फुट ओवर ब्रिज का लगभग 30 फीसदी काम पूर्ण कर लिया है। ओवर हेड वाटर टैंक का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। सर्कुलेटिंग एरिया, प्लेटफॉर्म शेल्टर प्लेटफार्म सर्फेसिंग और वेटिंग हॉल का काम भी पूर्ण कर लिया है। जबकि पार्किंग एरिया, साईंनेज, लिट और टॉयलेट आदि का काम जारी है।
इसके अलावा जन घोषणा प्रणाली, कोच स्थिति प्रदर्शन प्रणाली, मानक रैंप, दिव्यांगों के अनुकूल शौचालय, दिव्यांगों के अनुकूल जल बूथ आदि का काम भी पूरा कर लिया गया है। इसके अतिरिक्त स्टेशन पर स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया की सामने की चारदीवारी, प्लेटफॉर्म नंबर एक के छोर पर दो शौचालय, लैंडस्केपिंग /बागवानी, एस्केलेटर, हेल्प बूथ, दिव्यांगजन पार्किंग, कला एवं संस्कृति के कार्य, द्वितीय प्रवेश द्वार का विकास, एफओबी विस्तार और पोर्च का विस्तार कार्य भी प्रस्तावित है।

90 फीसदी कार्य पूरा

अमृत भारत स्टेशन के तहत चिन्हित डूंगरपुर स्टेशन के कायाकल्प का कार्य तीव्र गति से हो रहा है। डूंगरपुर स्टेशन पर विभिन्न निर्माण कार्य 90 फीसदी काम पूरा हो गया है। अधिकारी उमीद जता रहे हैं कि मार्च 2026 तक सपूर्ण कार्य पूरा हो जाएगा।

सुविधाओं के साथ बढ़े फेरे

डूंगरपुर रेलवे स्टेशन को हेरिटेज लुक के साथ ही यहां यात्रियों को सुविधाएं मुहैया होगी। लेकिन जयपुर, उदयपुर, असारवा आदि के फेरे बढ़ाने की दरकार है। साथ ही जयपुर रेल के कोच बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। वहीं, बड़ौदा, महाराष्ट्र का रुट शुरू होना जरूरी है। जब तक डूंगरपुर स्टेशन से बड़ौदा-महाराष्ट्र रुट शुरू नहीं होता है, तब तक रेलवे का विकास अधूरा ही आंका जाएगा।

वागड़-मेवाड़ की संस्कृति, विरासत और वास्तुकला की झलक

डूंगरपुर रेलवे स्टेशन बिल्डिंग में डिजाइन तैयार होंगे जिससे स्टेशन पर आने जाने वाले यात्रियों का वागड़-मेवाड़ की संस्कृति, विरासत और वास्तुकला की झलक देखने मिलेगी। वागड़-मेवाड़ क्षेत्र की वीरगाथाओं को ​दीवारों पर चित्रण किया जाएगा जिससे आमजन को यहां की संस्कृति, विरासत और वास्तुकला को नजदीक से देखने और समझने का अवसर मिलेगा।