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क्षमा के साबुन से द्वेष भाव की गंदगी को मिटाएं

साधारण सोच वाला व्यक्ति न तो क्षमा कर सकता है और न ही क्षमा मांगने के लिए तत्पर होता है। क्षमा वीरों को शोभती है। वीर ही क्षमा कर सकता है और वीर ही क्षमा मांगता है। यह बातें श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, विल्सनगार्डन में आयोजित सामूहिक क्षमापना कार्यक्रम में साध्वी आगमश्री ने कही। […]

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साधारण सोच वाला व्यक्ति न तो क्षमा कर सकता है और न ही क्षमा मांगने के लिए तत्पर होता है। क्षमा वीरों को शोभती है। वीर ही क्षमा कर सकता है और वीर ही क्षमा मांगता है। यह बातें श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, विल्सनगार्डन में आयोजित सामूहिक क्षमापना कार्यक्रम में साध्वी आगमश्री ने कही। उन्होंने कहा कि क्षमा आत्मा में लगे हुए द्वेष भाव की गंदगी को मिटाने वाला साबुन है। जिसके हृदय में क्षमा का वास है, वहां पर धर्म का वास है। क्षमा आत्मा को सरल एवं शुद्ध बनाती है और शुद्ध हृदय में परमात्म गुणों का वास होता है। साध्वी धैर्याश्री ने क्षमापना के भावों से ओतप्रोत गीतिका प्रस्तुत की ।

तपस्वी बाबूलाल बाफना का मासखमण तपस्या के उपलक्ष्य में संघ के पदाधिकारियों ने अभिनंदन किया। चेयरमैन मीठालाल मकाणा ने स्वागत किया। नेमीचंद भंसाली ने आभार प्रकट किया। संघ सचिव सज्जन बोहरा ने संचालन किया। प्रचार-प्रसार मंत्री प्रकाशचंद बाफना ने संघ की गतिविधियों की जानकारी दी।