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कषायों से मुक्ति ही उत्कृष्ट साधना का राजमार्ग 

जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ, जैन रत्न श्राविका मंडल ,जैन रत्न युवक परिषद के सानिध्य में जैन स्वाध्याय भवन राजाजीनगर में आयोजित पर्युषण पर्व आराधना और सांवत्सरिक क्षमापना पर जयपुर के स्वाध्यायी प्राचार्य प्रकाशचंद जैन ने कहा कि क्रोध ,मान ,माया और लोभ रूपी कषायों से मुक्ति ही उत्कृष्ट साधना का राजमार्ग है। उन्होंने कहा […]

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जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ, जैन रत्न श्राविका मंडल ,जैन रत्न युवक परिषद के सानिध्य में जैन स्वाध्याय भवन राजाजीनगर में आयोजित पर्युषण पर्व आराधना और सांवत्सरिक क्षमापना पर जयपुर के स्वाध्यायी प्राचार्य प्रकाशचंद जैन ने कहा कि क्रोध ,मान ,माया और लोभ रूपी कषायों से मुक्ति ही उत्कृष्ट साधना का राजमार्ग है। उन्होंने कहा कि क्रोध के परिणामों पर क्षणिक चिंतन मात्र से ही क्रोध को शिथिल या कम किया जा सकता है। आत्मा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कषायों की तुच्छता से वाकिफ होकर अकषायी बनने का सार्थक प्रयास ही श्रावक के लिए श्रेयस्कर है। प्राचार्य प्रकाश जैन , स्वाध्यायी कांता जैन और ज्योति जैन के सानिध्य में श्राविका मंडल की संरक्षक मंजू भंडारी , प्रमिला भंडारी , सुशीला भंडारी , गुणवंती सांखला , युवक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनीष सांखला के सहकार से अंतगढ़ दशासूत्र का व्याख्यान किया गया। उपाध्यक्ष सज्जन राज मेहता ने बताया कि दिन भर धर्म आराधना , तपस्या एवं सामायिक संवर करने वालों के लिए संघ की तरफ से पारणे की व्यवस्था रही। प्रार्थना , प्रवचन , प्राकृत भाषा के शिविर , कषायों पर नाटिका का मंचन भी हुआ । मुमुक्षु प्रतीक्षा ने 4 भावी आचार्य महेंद्र मुनि के गुणों की स्तुति की। संचालन उपाध्यक्ष गौतमचंद ओस्तवाल ने किया। अध्यक्ष निर्मल बम्ब ने स्वागत किया। मौके पर संरक्षक हुकमीचंद डोसी ,महावीरचंद मरलेचा , पदमराज मेहता , पूर्व अध्यक्ष भोपालचंद पगारिया , उपाध्यक्ष मनमोहनराज सुराणा , नंदकिशोर दुधेडिया , कोषाध्यक्ष प्रमोद सिंघवी ,सहमंत्री सुनील लोढा , श्राविका मंडल अध्यक्षा प्रभा गुलेच्छा, विहार समिति के संतोष डोसी , करण बम्ब , श्रावक रत्न जसवन्त राज छाजेड़ , किशन नाहटा , विशाल लुणावत और पदाधिकारी गण उपस्थित रहे ।