
Dev Deepawali 2024: देव दीपावली पर क्या करें
Dev Deepawali 2024 Rare Yoga: मान्यता के अनुसार देव दीपावली पर देवता दिवाली मनाते हैं। इसके लिए देवता आज के दिन बनारस के गंगा तट पर पहुंचते हैं और दीये जलाते हैं। विशेष बात ये है कि आज के दिन बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर समेत अन्य प्रमुख मंदिरों में भगवान शिव के साथ विष्णु जी की पूजा की जाती है।
इसके अलावा काशी के घर-घर दीये जलाए जाते हैं, गंगा में दीपदान किया जाता है और घरों में लोग लक्ष्मीजी की पूजा करते हैं, गंगा स्नान और दान पुष्य करते हैं। सत्य नारायण की कथा का आयोजन करते हैं, जप-तप आदि किया जाता है। दिवाली की तरह ही उत्सव मनाया जाता है। लेकिन खास बात यह है कि 15 नवंबर शुक्रवार को देव दीपावली पर दो शुभ योग बन रहे हैं। आइये जानते हैं कौन से शुभ योग बनेंगे..
Rare shani yoga: भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रमा मेष राशि में होकर मंगल के साथ राशि परिवर्तन योग बनाएंगे, साथ ही मंगल और चंद्रमा के एक दूसरे से चतुर्थ दशम होने से धन योग भी बनेगा। इसके साथ ही चंद्रमा और गुरु के एक दूसरे से द्विद्वाश योग होने से सुनफा योग भी बनेगा।
वहीं शनिदेव अपनी मूल त्रिकोण राशि में विराजमान हैं इसलिए इस दिन शश राजयोग भी बन रहा है, जो फिर 30 साल के बाद ही बनेगा। ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा पर जो भी उपाय और दान पुण्य के कार्य करेंगे तो आपको उसका 100 गुना अधिक फल मिलेगा।
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कार्तिक महीना सभी महीनों में बेहद शुभ फलदायक है। यह भगवान विष्णु को अति प्रिय है, इसकी पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने और गरीबों को दान करने से पूरे महीने किए गए पूजा-पाठ के बराबर फल मिलता है। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान, दीपदान, पूजा, आरती, हवन और दान-पुण्य करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
Kartik Purnima Par Jaroor Karen Ye Kam: सभी तीर्थों का ध्यान करेंः इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़नी और सुननी चाहिए। जरूरतमंद लोगों को फल, अनाज, दाल, चावल, गरम वस्त्र आदि का दान करना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा पर अगर नदी में स्नान करने नहीं जा पा रहे हैं तो घर ही सुबह जल्दी उठें और पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान करते समय सभी तीर्थों का और नदियों का ध्यान करना चाहिए।
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सूर्य को अर्घ्य देंः सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। जल तांबे के लोटे से चढ़ाएं। अर्घ्य देते समय सूर्य के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
गौशाला को दान करेंः किसी गौशाला में हरी घास और धन का दान करें।
शिव पूजा करेंः कार्तिक पूर्णिमा के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें, कर्पूर जलाकर आरती करें। शिव जी के साथ ही गणेश जी, माता पार्वती, कार्तिकेय स्वामी और नंदी की भी विशेष पूजा करें।
हनुमान जी की पूजा करेंः हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा पढ़ें या सुंदरकांड का पाठ करें।
Updated on:
15 Nov 2024 12:36 pm
Published on:
15 Nov 2024 12:35 pm
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