Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

CG News: छत्तीसगढ़ के इस जिले में आज दिवाली, हर घर होंगे रोशन,सिदारदेव से जुड़ी है यह परम्परा

CG News: यहां के ग्रामीण लक्ष्मी पूजा के लिए पूरे गांव को दीपों से रोशन करेंगे। तब सिदारदेव की पूजा के बाद बुझी आग : गांव के सेवक राम सिन्हा ने बताया कि यहां एक बार प्रयास किया गया कि निश्चित तिथि पर ही त्योहार मनाएं।

2 min read

धमतरी

image

Love Sonkar

Oct 14, 2025

CG News: छत्तीसगढ़ के इस जिले में आज दिवाली, हर घर होंगे रोशन,सिदारदेव से जुड़ी है यह परम्परा

सिदारदेव मंदिर (Photo Patrika)

CG News: देशभर में दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी, लेकिन जिले की सीमा से दो किमी दूर धमतरी जिले के ग्राम सेमरा (सी) गांव में दिवाली 14 अक्टूबर को ही देखने को मिलेगी। जबकि 15 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा की जाएगी। इस गांव में यह परम्परा पहली बार नहीं, बल्कि वर्षों से निभाई जा रही है। इसकी शुरुआत कब हुई, वर्तमान में हर ग्रामीण इनसे अनजान है। एक बार कुछ लोगों ने इस परम्परा को तोड़ने का प्रयास तो किया, लेकिन अनिष्ट के बाद दोबारा किसी ने हिम्मत नहीं दिखाई।

अब 14 अक्टूबर को यहां के ग्रामीण लक्ष्मी पूजा के लिए पूरे गांव को दीपों से रोशन करेंगे। तब सिदारदेव की पूजा के बाद बुझी आग : गांव के सेवक राम सिन्हा ने बताया कि यहां एक बार प्रयास किया गया कि निश्चित तिथि पर ही त्योहार मनाएं। तब पंचांग देखकर होली मनाई जा रही थी। इसी दौरान गांव के एक घर में अचानक आग लग गई। काफी मशक्कत के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका। तब सिदारदेव की पूजा के बाद आग बुझी। इस घटना के बाद किसी ने भी परम्परा बदलने की कोशिश नहीं की।

सेमरा में सिरदार देव का मंदिर आस्था का केन्द्र हैं। गांव के लोग नया काम करने के पूर्व सिरदार देव का आशीर्वाद जरूर लेते हैं। इस मंदिर में महिलाओं को जाने की अनुमति नहीं है। दिवाली के समय आसपास गांव के लोग भी यहां की नजारा लेने पहुंचते हैं।

गांव के सिदारदेव से जुड़ी है यह परम्परा

मदनलाल सिन्हा ने बताया कि कई वर्ष पहले सिदार नाम के बुजुर्ग रहने आए थे। उनकी शक्तियों और बातों से गांव के लोगों की परेशानियां दूर होने लगी। समय के साथ लोगों में उनके प्रति आस्था और गहरी होने लगी। कुछ समय बाद सिरदार देव के मंदिर की स्थापना की गई। ऐसा बताया जाता है कि उनके जाने के बाद किसी किसान को स्वप्न देकर सिदार देव ने कहा था कि प्रतिवर्ष दीपावली, होली, हरेली व पोला ये चार त्योहार हिंदी पंचांग में तय तिथि से पूर्व ही मनाया जाए।ताकि इस गांव में उनका मान बना रहे। तभी से यह परम्परा चल रही है।