उत्तराखंड के तमाम इलाकों में आज और कल दीवाली मनाई जाएगी
Diwali 2025:दीवाली की तिथि को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। उत्तराखंड में भी दीवाली की तिथि को लेकर लोग असमंजस में पड़े हुए हैं। हालांकि बदरीनाथ धाम में आज ही दीवाली मनाई जाएगी। खासतौर पर उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में दीवाली की तिथि को लेकर बड़ी असमंजस की स्थिति पैदा हुई है। यहां पर पर्वतीय इलाकों में कल यानी मंगलवार को ही दीवाली मनाई जाएगी। वहीं कई स्थानों पर आज भी दीवाली मनाई जाएगी। इसे लेकर विद्वान अलग-अलग तर्क दे रहे हैं। हल्द्वानी की ज्योतिष डॉ. मंजू जोशी ने स्पष्ट किया कि 20 अक्तूबर को अमावस्या तिथि दोपहर 3:46 बजे से शुरू हो रही है। इस दिन प्रदोष काल (लगभग 2 घंटा 24 मिनट) उपलब्ध है और मध्यरात्रि में भी अमावस्या तिथि व्याप्त रहेगी।उनके अनुसार शास्त्रानुसार लक्ष्मी पूजन को प्रदोष काल व मध्य रात्रि में अमावस्या का होना अनिवार्य है। इसलिए उन्होंने दीवाली 20 अक्तूबर को मनाने का तर्क दिया है। आचार्य पवन पाठक ने शास्त्रों का हवाला देते हुए 20 अक्तूबर को ही महालक्ष्मी पूजन व दीपोत्सव मनाने पर जोर दिया। कहा कि धार्मिक ग्रंथों के उल्लेखानुसार, माता लक्ष्मी घनघोर अमावस्या की रात में ही पृथ्वी पर विचरण करती हैं। अमावस्या की प्रदोषकालीन स्थिति (सूर्यास्त के बाद का शुभ समय) 20 अक्तूबर की रात्रि को ही बन रही है।
ज्योतिष अशोक वार्ष्णेय के मुताबिक उत्तराखंड और देश के लगभग 50 प्रतिष्ठित पंचांगों ने 21 अक्तूबर को शास्त्र सम्मत तिथि मानते हुए दीपावली मनाने का निर्णय दिया है। देश के अनेक शीर्ष ज्योतिष विद्वानों ने विगत सप्ताह बैठक आयोजित कर 21 अक्तूबर को ही दीवाली मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि 20 अक्तूबर को अमावस्या दोपहर 3:45 बजे से शुरू होकर 21 अक्तूबर को शाम 5:55 बजे तक रहेगी। वहीं 21 अक्तूबर को कई अत्यंत शुभ और दुर्लभ योग बन रहे हैं। ज्योतिष त्रिभुवन उप्रेती के मुताबिक कुमाऊं के प्रतिष्ठित पंचांगों में दीवाली का त्योहार 21 अक्तूबर को निर्धारित किया है। उनके अनुसार, हल्द्वानी समेत पर्वतीय क्षेत्रों में 21 अक्तूबर को ही दिवाली मनाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आम राय नहीं बन पाती है, तो निश्चित रूप से यह त्योहार दो दिन मनाया जाएगा, जिसमें मैदानी क्षेत्र 20 को भी पूजन कर रहे हैं।
दीवाली की तिथि को लेकर आम लोगों में असमंजय की स्थिति बनी हुई है। इसी को देखते हुए कुछ लोग आज तो कुछ कल दीवाली मनाएंगे। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, जो लोग 20 अक्तूबर को पूजन करेंगे, उनके लिए लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में शाम 7:08 बजे से 8:18 बजे तक रहने वाला है। वहीं 21 अक्तूबर को पूजन करने का शुभ मुहूर्त शाम 5:33 बजे से रात 8:57 बजे तक रहने वाला है।
Published on:
20 Oct 2025 07:27 am
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