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Rajasthan News: पीएम समान निधि योजना में राजस्थान के दो लाख किसानों की रोकी किश्त, अब रिकवरी

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में किसान सहायता राशि का दोहरा लाभ उठाने का फर्जीवाड़ा पकड़ में में आने के बाद सरकार ने देश भर के 16 लाख, राजस्थान के करीब 2 लाख व चित्तौडग़ढ़ जिले के करीब साढ़े पांच हजार संदिग्ध किसानों की सम्मान निधि की 21वीं किश्त रोक दी है।

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पीएम ​किसान ​सम्मान निधि योजना में राजस्थान के 2 लाख किसानों की रोकी किश्त, पत्रिका फोटो

Chittorgarh News: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में किसान सहायता राशि का दोहरा लाभ उठाने का फर्जीवाड़ा पकड़ में में आने के बाद सरकार ने देश भर के 16 लाख, राजस्थान के करीब 2 लाख व चित्तौडग़ढ़ जिले के करीब साढ़े पांच हजार संदिग्ध किसानों की सम्मान निधि की 21वीं किश्त रोक दी है।

भारत सरकार की ओर से पब्लिक डिस्ट्रीब्युशन सिस्टम (पीडीएस) डाटा के कराए गए विश्लेषण में यह फर्जीवाड़ा सामने आया। परिवार में पति-पत्नी दोनों किसान सहायता का लाभ ले रहे थे। केन्द्र सरकार के किसान कल्याण मंत्रालय ने देशभर में ऐसे करीब 16 लाख 71 हजार 161 किसानों की सम्मान निधि की 21 वीं किश्त रोक दी हैं। इनमें प्रदेश के 1लाख 98 हजार 57 किसान व चित्तौडग़ढ़ के करीब 5500 किसान शामिल हैं, जिन्होंने दोहरा लाभ उठाया है। अब केन्द्र सरकार फर्जी तरीके से उठाई गई राशि वसूल करने के बाद ही किसानों को सहायता राशि की किश्त जारी करेगी।

फर्जीवाड़े की हर स्तर पर जांच तेज

अपात्रों ने कितनी किश्तें उठाई हैं, इसकी बड़े स्तर पर जांच जारी है। इस संबंध में तहसीलदार पटवारियों से वास्तविक रिपोर्ट लेकर पूरी जानकारी जिला प्रशासन को भेज रहे हैं। बड़े पैमाने पर हुए इस फर्जीवाड़े का सरकार रेकॉर्ड खंगाल रही है। बताया जा रहा है कि अपात्रों से मुय दस्तावेज नहीं लेकर राशन कार्ड आदि के जरिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि उठा ली गई। अब जांच के बाद ही पता चलेगा कि अवैध तरीके कौन कितने समय से इस योजना का दोहरा लाभ ले रहे थे।

पीडीएस के विश्लेषण में खुल गई पोल

योजना की गाइड लाइन के अनुसार प्रत्येक भूमि धारक परिवार के एक सदस्य को लाभ लेने का पात्र माना गया है। इसमें पति-पत्नी और नाबालिग बच्चे शामिल हैं। हाल ही केन्द्र सरकार ने पब्लिक डिस्ट्रीब्युशन सिस्टम (पीडीएस) डाटा का विश्लेषण कराया। इसमें खुलासा हुआ कि पति और पत्नी दोनों योजना का लाभ प्राप्त कर रहे थे। एक ही परिवार के संदिग्ध लाभार्थियों की जिलेवार सूची बनाकर संदिग्ध लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन करवाकर इन्हें अपात्र घोषित किया गया है। इनसे रिकवरी के बाद ही किसी एक पात्र को राशि की किश्त दी जाएगी। ऐसे मामलों में सत्यापन करने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि पात्र किसानों को किश्त मिल सके। पीएम किसान योजना में पूर्व में किसी के राशन कार्ड से तो किसी के अन्य दस्तावेज से पात्रता दी गई। वहीं सरकार की वर्ष 2019 की गाइड लाइन को ताक में रखकर अंधाधुंध दोहरे किसानों पात्रता दे दी । डाटा का विश्लेषण में मामला पकड़ में आने के बाद अब नए आवेदकों के दस्तावेज की जांच की जा रही है।