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शहर की सडक़ों पर 20 मैरिज हॉल, पार्किंग की नहीं व्यवस्था, सार्वजनिक मार्ग में बाधा पर छह महीने की सजा का प्रावधान, लेकिन कार्रवाई न होने से सुधार नहीं

शहर में कुल 46 मैरिज गार्डनों में से प्रमुख मार्गों पर संचालित करीब 20 बड़े-छोटे मैरिज हॉल में पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं है।

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जाम की फाइल फोटो

देवउठनी ग्यारस से शादी का शुभ मुहूर्त शुरू हो रहा है। शादी-समारोहों के मौसम में शहर की सडक़ों पर ट्रैफिक जाम और पार्किंग की कमी का संकट हर साल की तरह इस बार भी शहरवासियों के लिए बड़ी परेशानी बना रहेगा। शहर में कुल 46 मैरिज गार्डनों में से प्रमुख मार्गों पर संचालित करीब 20 बड़े-छोटे मैरिज हॉल में पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं है। नतीजतन, बारात और मेहमानों के वाहनों का सडक़ों पर खड़ा होना आम बात बन चुका है। सार्वजनिक मार्गों में बाधा डालने पर छह माह की सजा का प्रावधान है, लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई न होने से स्थिति जस की तस बनी हुई है। वहीं, इन मैरिज गार्डनों के पास आवश्यक फायर नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी नहीं हैं, जिससे सुरक्षा मानकों की खुलेआम अनदेखी हो रही है।

समस्या का दायरा- कहां और कैसे लगता है जाम

शहर के नौगांव रोड, पन्ना रोड, सागर रोड, सटई रोड, देरी रोड, जवाहर रोड और पठापुर रोड जैसे मार्गों पर शाम के समय बारातों और समारोहों के कारण अक्सर जाम की स्थिति बन जाती है। बैंड-बाजे, डीजे, सजावट ट्रक और केटरिंग वाहनों के चलते न केवल आमजन को परेशानी होती है बल्कि एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी आपात सेवाएं भी फंस जाती हैं।

नियम क्या कहते हैं

नगर पालिका और शहरी नियोजन के नियमों के अनुसार, किसी भी व्यावसायिक भवन के कुल क्षेत्रफल का कम से कम 35 प्रतिशत हिस्सा पार्किंग के लिए आरक्षित होना अनिवार्य है। साथ ही, किसी भी सार्वजनिक मार्ग को अवरुद्ध करना दंडनीय अपराध है। बावजूद इसके अधिकांश विवाहस्थल बिना वैध अनुमति, अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र और पार्किंग के संचालन में हैं। शहर के विवाह स्थलों में से सिर्फ 2-3 ही ऐसे हैं जिनके पास वैध लाइसेंस और आवश्यक प्रमाणपत्र हैं।

नोटिस और घोषणाएं— लेकिन असर नहीं

वर्ष 2018, 2019 और 2021 में नगर पालिका, एसडीएम कार्यालय और ट्रैफिक पुलिस द्वारा कई बार नोटिस जारी किए गए, जिनमें पार्किंग की व्यवस्था और फायर एनओसी अनिवार्य करने के निर्देश दिए गए थे। परंतु अधिकांश संचालकों ने इन्हें नजरअंदाज किया। प्रशासनिक अमला जांच में ढिलाई बरतता रहा और कार्रवाई सिर्फ कागजों में सीमित रही।

कौन-कौन से मैरिज हॉल समस्या का कारण

रामराजा पैलेस, नैवेद्य, रीजेंसी, मधुवन गार्डन, मधुर मिलन, गजराज, विराज गार्डन, सेंगर वाटिका, ओमसाईराम, उमंग पैलेस, गुलाब, शिव वाटिका, सिद्धि विनायक और आईवीएस लोन जैसे हॉल बार-बार ट्रैफिक जाम की वजह बनते हैं। इनमें अधिकांश के पास न पार्किंग है न फायर एनओसी। नगर पालिका ने पूर्व में इन्हें नोटिस जारी किए, लेकिन अब तक कोई ठोस सुधार नहीं हुआ।

सागर और पन्ना रोड के निवासियों को रोजाना की समस्या

सागर और पन्ना रोड के रहवासियों का कहना है कि शादी के सीजन में रोज़ाना घंटों जाम में फंसना उनकी दिनचर्या बन गई है। लोगों का कहना है विवाह समारोह मनाना हर किसी का हक है, लेकिन दूसरों की परेशानी का कारण बनना नहीं।

प्रशासन की स्थिति

मैरिज हॉल संचालकों को बार-बार निर्देश दिए गए हैं और फायर एनओसी के बिना संचालन बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। जागरुकता अभियान भी चलाए गए हैं। आने वाले दिनों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

माधुरी शर्मा, सीएमओ

नगरपालिका को निर्देशित किया गया है। मैरिज हॉल में सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन कराने के लिए बीते दिनों में पुलिस के जरिए सीसीटीवी समेत अन्य व्यवस्थाओं का वेरीफिकेशन कराया गया था। सडक़ जाम करने और सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी।

अखिल राठौर, एसडीएम

संभावित समाधान

1. पार्किंग क्षेत्र का अनिवार्य अनुपालन और बिना पार्किंग वाले विवाहगृहों की बुकिंग रोकना।

2. नगर पालिका द्वारा सामूहिक पार्किंग-जोन का निर्माण और उसका उपयोग अनिवार्य करना।

3. ट्रैफिक और पुलिस का संयुक्त पूर्व-नियोजन।

4. बिना लाइसेंस और बिना फायर एनओसी वाले हॉलों पर तत्काल सीलिंग की कार्रवाई।

5. सार्वजनिक मार्ग बाधित करने पर छह महीने तक की सजा और जुर्माने का सख्ती से पालन।


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