Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सिर्फ परिवीक्षा पूरी होने पर स्थायीकरण नहीं, कार्य और आचरण रिपोर्ट सही होना जरूरी… कर्मचारी की याचिका HC ने की खारिज

Bilaspur High Court: हाईकोर्ट ने एक मामले में आदेश दिया है कि सिर्फ परिवीक्षा अवधि पूरी होने पर स्थायीकरण और पदोन्नति का दावा अधिकार के रूप में नहीं किया जा सकता।

2 min read
Google source verification
हाईकोर्ट (Photo source- Patrika)

हाईकोर्ट (Photo source- Patrika)

Bilaspur High Court: हाईकोर्ट ने एक मामले में आदेश दिया है कि सिर्फ परिवीक्षा अवधि पूरी होने पर स्थायीकरण और पदोन्नति का दावा अधिकार के रूप में नहीं किया जा सकता। प्रतिकूल कार्य एवं आचरण रिपोर्ट के आधार पर प्रमोशन दिया जाना, या नहीं देना भेदभाव नहीं माना जाएगा।

प्रकरण के अनुसार हाईकोर्ट ने अनुवादक के पद को भरने के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था। अपीलकर्ता शैलेन्द्र सोनी और अन्य उम्मीदवारों ने पद के लिए आवेदन किया। परीक्षा के बाद, अपीलकर्ता और अन्य प्रतिवादी को 29 फरवरी 2012 को अनुवादक के पद पर नियुक्त किया गया। प्रतिवादी अपीलकर्ता से कनिष्ठ था। दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि पूरी होने के बाद शैलेन्द्र के साथ के अन्य परिवीक्षा कर्मी को 7 मार्च 2014 से पद पर स्थायी कर दिया गया। 27 जनवरी 2015 को उसको सहायक ग्रेड-I के पद पर पदोन्नत किया गया। हालाँकि, अपीलकर्ता की सर्विस की उस समय पुष्टि नहीं की गई।

देर से स्थायी होने के कारण प्रमोशन से वंचित

शैलेन्द्र का अनुवादक के पद पर स्थायीकरण देर से हुआ। इस कारण, उसके सहकर्मी को दी गई पदोन्नति के लिए वह अयोग्य हो गया। व्यथित होकर उसने 29 अप्रैल 2015 को एक अभ्यावेदन प्रस्तुत किया, जिसमें प्रतिवादी से अपनी वरिष्ठता बनाए रखने के लिए पूर्वव्यापी प्रभाव से स्थायीकरण और पदोन्नति का अनुरोध किया।

अभ्यावेदन पर विचार नहीं किया गया। इस पर शैलेंद्र ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की। सिंगल बेंच ने 16 जुलाई 2025 को याचिका खारिज कर दी। इससे व्यथित होकर, अपीलकर्ता कर्मचारी ने डिवीजन बेंच में अपील दायर की।

कार्य और आचरण रिपोर्ट अलग-अलग, इसलिए भेदभाव नहीं

डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद सिंगल बेंच के निष्कर्ष को उचित माना, जिसमें कहा गया था कि कार्य और आचरण रिपोर्ट और एसीआर अलग-अलग हैं। हाईकोर्ट प्रशासन ने तर्क दिया कि मार्च 2014 में अपीलकर्ता की दो साल की परिवीक्षा अवधि पूरी होने पर उसके कार्य और आचरण पर रिपोर्ट अच्छी और औसत नहीं पाई गई।