
Thagi News: रतनपुर थाना क्षेत्र में जमीन बिक्री के नाम पर करीब एक दशक से चल रहे धोखाधड़ी के मामले का खुलासा हुआ है। पुलिस ने आरोपी बिल्डर आशीष जायसवाल के खिलाफ धोखाधड़ी के तहत अपराध दर्ज किया है। मामला मोहतराई स्थित विवादित साईं माया प्रोजेक्ट (पूर्व में द ब्रिज) का है, जहां दर्जनों खरीदारों से लाखों रुपए वसूले जाने के बाद भी रजिस्ट्री नहीं की गई।
शिकायतकर्ता नर्मदानगर बिलासपुर निवासी ब्रजभूषण यादव ने पुलिस को शिकायत में बताया कि उन्होंने वर्ष 2015 में मोहतराई स्थित प्लॉट नंबर 831 (रकबा 1200 वर्गफुट) को 4 लाख 20 हजार रुपए में नेहरूनगर बिलासपुर निवासी आशीष जायसवाल से खरीदा था। उस समय आरोपी ने कहा था कि सीजी रेरा से अप्रूवल मिलने के बाद रजिस्ट्री कर दी जाएगी। इस तरह बीते 10 वर्षों में न तो रजिस्ट्री कराई गई, न ही रकम लौटाई गई। आरोपी हर बार एग्रीमेंट की तारीख बढ़ाकर टालता रहा और 2024 में प्रोजेक्ट का नाम बदलकर ‘साईं माया प्रोजेक्ट’ कर दिया।
आवेदक का आरोप है कि आरोपी ने इसी तरह देवा सिंह जायसवाल, शशिकला देशमुख और रेखा रानी विश्वकर्मा सहित कई अन्य लोगों को भी प्लॉट बेचकर ठगी की। बार-बार आश्वासन और रेरा के नाम पर बरगलाने से परेशान पीड़ित ने आखिरकार प्रधानमंत्री कार्यालय में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई। जांच के बाद रतनपुर पुलिस ने पाया कि आरोपी ने जानबूझकर धोखाधड़ी की है। इस पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर जांच उपनिरीक्षक मेलाराम कठौतिया को सौंपी है।
पुलिस अब आरोपी से पूछताछ कर अन्य पीड़ितों की भी जानकारी जुटा रही है। अधिकारियों ने आम नागरिकों से अपील की है कि बिना रेरा अप्रूवल और वैध दस्तावेजों के किसी भी प्रॉपर्टी में निवेश न करें, ताकि ऐसे धोखेबाज बिल्डरों के जाल में फंसने से बचा जा सके।
Published on:
25 Oct 2025 12:34 pm
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