75 वर्ष के दूल्हे ने मूंछ पर ताव देते हुए 45 साल की दुल्हन से रचाई शादी ( photo - Patrika )
CG Ajab Gajab: ‘ना उम्र की सीमा हो, ना जन्म को हो बंधन, जब प्यार करे कोई तो देखे केवल मन’ उक्ति को चिंगराजपारा अटल आवास निवासी 75 वर्षीय दादूराम गंधर्व ने सचरितार्थ कर दिखाया। ( CG News ) करवाचौथ से एक दिन पहले उन्होंने 45 वर्षीय प्रेमिका आरती त्रिवेदी से शिव मंदिर में सात फेरे लेकर जिंदगी के नए सफर की शुरुआत की। जब बैंड-बाजा बजा, दूल्हा गुलाबी साफे में मुस्कुराता हुआ पहुंचा और दुल्हन लाल साड़ी में शर्माती हुई मंडप में आई तो पूरा मोहल्ला तालियों की गडगड़ाहट से गूंज उठा।
रोजी-मजदूरी करने वाले दादूराम और घरों में काम करने वाली आरती की पहचान मोहल्ले में ही हुई थी। हालचाल पूछने से शुरू हुई बातचीत धीरे-धीरे अपनापन और फिर प्यार में बदल गई। कभी दादूराम सब्जी या दवा लेकर आते, तो आरती उनके लिए खाना भेज देतीं। मंदिर, बाजार, गलियों में साथ देखा जाने वाला यह रिश्ता आखिरकार प्यार की डोर में बंध ही गया। दोनों ने सात फेरे लेकर इस प्यार को मरते दम तक पति-पत्नी बन निभाने कसा निर्णय लिया।
करवा चौथ से एक दिन पहले गुरुवार को गोधुली बेला में मोहल्ले के ही शिव मंदिर में पूरे विधि-विधान से विवाह संपन्न हुआ। वरमाला डालते ही तालियां बजीं, सिंदूर चढ़ाते ही शंखनाद हुआ और सात फेरों के बीच मोहल्ले की महिलाओं ने मंगलगीत गाए। विवाह के बाद मिठाइयां बंटी, ढोल-नगाड़े बजे और बच्चे फूल बरसाने लगे।
हर कोई इस अनोखे प्रेम विवाह का गवाह बनना चाहता था। विवाह में मोहल्ले के लोग बाराती बनकर शामिल हुए। किसी ने ढोल बजाया, किसी ने फूल बरसाए। बुजुर्गों ने आशीर्वाद दिया और महिलाओं ने गीत गाए। हर चेहरे पर मुस्कान थी। चिंगराजपारा की यह प्रेम कहानी अब पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गई है। कोई इसे ‘अजब प्रेम की गजब कहानी’कह रहा है, तो कोई मुस्कुराकर बोल रहा ‘दिल जवान हो तो हर दिन बसंत होता है…।’
विवाह के दूसरे दिन यानी शुक्रवार को नव-विवाहिता आरती ने विधि-विधान से अपने आशिक मिजाज पति की दीर्घायु के लिए करवा चौथ का व्रत रखा। उन्होंने कहा कि ‘भगवान की कृपा से यह दूसरा मौका मिला है। अब जीवन के हर पल में खुशी चाहती हूं।’
दूल्हा बने दादूराम के चेहरे पर खुशी छलक रही थी। इस उम्र में शादी करने के बारे में पूछने पर वे मुस्कुराते हुए बोले - ‘उम्र तो बस गिनती है, प्यार की कोई उम्र नहीं होती। दिल जवान होना चाहिए। अब हम दोनों बाकी जिंदगी सुकून से साथ बिताएंगे।
45 वर्षीय आरती ने सकुचाते हुए बताया-‘पहली शादी 1993 में हुई थी, लेकिन पति की शराबखोरी और झगड़ों से तंग आकर 10 साल पहले रिश्ता खत्म कर दिया। दोनों बच्चे अब बड़े हैं। दादूराम ने मुझे हमेशा सम्मान और सुकून दिया। सोचा, क्यों न बाकी जिंदगी साथ बिताई जाए।
Updated on:
11 Oct 2025 01:53 pm
Published on:
11 Oct 2025 01:52 pm
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