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गली-गली बच्चों को खोजेंगे शिक्षक, ताकि ताकि बढ़े स्कूलों में नामांकन

प्रवेशोत्सव का दूसरा चरण जुलाई में, अभिभावकों को बताएंगे सरकारी स्कूल की उपलब्धियां। प्रवेशोत्सव का दूसरा चरण 1 जुलाई से 24 जुलाई तक चलेगा, जिसमें शिक्षकों को विद्यार्थियों को स्कूल लाने के लिए सक्रिय भूमिका निभानी होगी।

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बीकानेर. सरकारी स्कूलों में गिरते नामांकन को देखते हुए शिक्षा विभाग ने एक बार फिर घर-घर जाकर अभिभावकों से संपर्क साधने की योजना बनाई है। प्रवेशोत्सव का दूसरा चरण 1 जुलाई से 24 जुलाई तक चलेगा, जिसमें शिक्षकों को विद्यार्थियों को स्कूल लाने के लिए सक्रिय भूमिका निभानी होगी। गर्मी की छुट्टियों से पहले पहले चरण के तहत घर-घर सर्वे किया गया था, लेकिन भारत-पाक तनाव के चलते सीमावर्ती जिलों में यह अभियान अधूरा रह गया। अब छुट्टियों के बाद एक बार फिर से यह अभियान तेज किया जाएगा।

20 लाख ड्रॉपआउट छात्र हैं प्राथमिकता

बीते वर्षों में करीब 20 लाख विद्यार्थी सरकारी स्कूलों से ड्रॉपआउट हो चुके हैं। विभाग की प्राथमिकता है कि पहले इन बच्चों को स्कूल से जोड़ा जाए, फिर नए नामांकन पर ध्यान दिया जाए।

1 जुलाई से दूसरा चरण, 25 जुलाई से फिर सर्वे

शिक्षक जुलाई की तेज गर्मी में घर-घर जाकर छात्रों के प्रवेश के लिए अभिभावकों को प्रेरित करेंगे। इसके बाद 25 जुलाई से 18 अगस्त तक एक और चरण चलेगा, जिसमें बचे हुए बच्चों को चिह्नित कर स्कूल में जोड़ा जाएगा।

शिक्षक बताएंगे स्कूल की खूबियां

सर्वे के दौरान शिक्षक अभिभावकों को विद्यालय की बोर्ड परीक्षा परिणाम, सुविधाएं, पूर्व विद्यार्थियों की उपलब्धियां और सरकारी योजनाओं की जानकारी देंगे। इसके लिए पेम्पलेट्स और जानकारी से लैस किया गया है।

नामांकन बढ़ाने का प्रयास

स्कूलों में नामांकन बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे घर-घर जाकर अभिभावकों से संवाद करें और बच्चों को स्कूल लाएं। - आशीष मोदी, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा