Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान में यहां बन रहा दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क, 2,450 मेगावाट होगी बिजली उत्पादन क्षमता

राजस्थान के बीकानेर जिले में बन रहा पूगल सोलर पार्क दुनिया का सबसे बड़ा सोलर एनर्जी प्लांट होने वाला है। इस पार्क की एक विशेषता यह भी है कि यहां पर 5 हजार मेगावाट का बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम लगेगा, जो देश में पहली बार होने जा रहा है।

2 min read
Google source verification
solar plant

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-फ्रीपिक)

बीकानेर। राजस्थान एक बार फिर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश के लिए मिसाल बनने जा रहा है। बीकानेर जिले के पूगल क्षेत्र में विकसित किया जा रहा पूगल सोलर पार्क देश का पहला सोलर पार्क होगा, जिसमें बड़े पैमाने पर बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) को सौर ऊर्जा उत्पादन के साथ जोड़ा जा रहा है। यह पार्क 2,450 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता और 5,000 मेगावाट की स्टोरेज क्षमता वाला होगा, जिससे अतिरिक्त सौर ऊर्जा को संग्रहित कर गैर-धूप वाले घंटों में भी बिजली आपूर्ति की जा सकेगी।

इंडिया एनर्जी स्टोरेज एलायंस (IESA) के अध्यक्ष देबमल्य सेन ने बताया कि 'राजस्थान में प्रस्तावित यह सोलर-बीईएसएस प्लांट दुनिया के सबसे बड़े संयंत्रों में से एक होगा। यह भारत के लिए ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़ा गेम-चेंजर साबित होगा।'

प्रदेश को मिलेगी बिजली

यह महत्वाकांक्षी परियोजना राजस्थान सोलर पार्क डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (RSDCL) द्वारा लगाई जा रही है, जो राजस्थान नवीकरणीय ऊर्जा निगम लिमिटेड (RRECL) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा ने बताया कि इस पार्क से उत्पन्न ऊर्जा राज्य के घरेलू उपभोग के लिए इस्तेमाल होगी, जिससे राजस्थान आत्मनिर्भर ऊर्जा राज्य बनने की दिशा में और आगे बढ़ेगा।

यह भी पढ़ें : बीकानेर में साधु-संतों का अनूठा विरोध, दहकते अंगारों को मुंह में रख कर किया अग्नि नृत्य, जानें क्यों हुए मजबूर

4,780 हेक्टेयर भूमि पर बन रहा सोलर पार्क

करीब 4,780 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर फैल चुके इस प्रोजेक्ट की सभी भूमि संबंधित औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। इसे 'प्लग एंड प्ले मॉडल' के तहत विकसित किया जा रहा है, जिसमें सड़कें, ड्रेनेज सिस्टम, बाउंड्री फेंसिंग और पावर इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं पहले से तैयार की जा रही हैं, ताकि निवेशक आसानी से काम शुरू कर सकें।

ग्रिड से जुड़ेगा सोलर पार्क

इसके साथ ही राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम (RVPN) और RSDCL संयुक्त रूप से 765/400 केवी ग्रिड सबस्टेशन और ट्रांसमिशन लाइनें विकसित कर रहे हैं, जिससे पार्क से उत्पन्न बिजली को सुगमता से ग्रिड में जोड़ा जा सकेगा।

यह भी पढ़ें : 11वीं की छात्रा का वाट्सएप चैट और कॉल हिस्ट्री देखना प्रिंसिपल को पड़ा भारी, विभाग ने किया निलंबित

जहरीली गैसों के उत्सर्जन में आएगी कमी

अधिकारियों के अनुसार इस परियोजना से 1,000 से अधिक प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे और हर साल 2 लाख टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी। राज्य सरकार की पूर्ण बिजली खरीद सुनिश्चितता और तीव्र स्वीकृति प्रक्रिया के साथ पूगल सोलर पार्क भारत में बड़े पैमाने पर नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण का एक आदर्श मॉडल बनने जा रहा है।