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देश में पोटाश खनन का श्रीगणेश हमारी धरा से, दो ब्लॉक का आवंटन सिरे चढ़ा

बीकानेर और हनुमानगढ़ जिले में पोटाश के भंडार, खनन के लिए दो ब्लॉक आवंटित, प्रदेश में फर्टीलाइजर उद्योग स्थापित होंगे, पोटाश पर विदेशी निर्भरता में आएगी कमी।

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बीकानेर. पोटाश के लिए विदेशी निर्भरता कम करने और देश में ही उर्वरक उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार ने महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है। इसके तहत देश में पोटाश खनन का श्रीगणेश राजस्थान से किया जा रहा है। केन्द्रीय खान मंत्रालय की ओर से निकाली गई निविदा में बीकानेर संभाग में मौजूद पोटाश क्षेत्र में दो ब्लॉक का आवंटन सिरे चढ़ गया है। ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) को हनुमानगढ़ जिले में जोरकियान-सतीपुरा-खुंजा एकीकृत पोटाश और हैलाइट ब्लॉक दिया गया है। जबकि निजी कम्पनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड को झंडावाली-सतीपुरा पोटाश और हैलाइट ब्लॉक दिया है।

कम्पनी को पोटाश खनन का समग्र लाइसेंस प्रदान कर दिया गया है। यह भारत सरकार की ओर से की गई पोटाश ब्लॉकों की पहली सफल नीलामी भी है। घरेलू पोटाश संसाधनों को अनलॉक कर बाहर निकालने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होने की उम्मीद है।

प्रदेश में शुुरुआत में 32.47 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पोटाश खनन की योजना बनाई गई है। इसमें बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ तहसील के लखासर में 18.30 वर्ग किलोमीटर और हनुमानगढ़ के रावतसर तहसील के भरूसरी में 14.17 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र शामिल है। इससे प्रदेश में उर्वरक उद्योग स्थापित होने और रोजगार पैदा होने की बड़ी संभावना जताई गई है।

भारत सरकार का महारत्न उपक्रम

सार्वजनिक क्षेत्र में भारत सरकार के उपक्रमों में ऑयल इंडिया लिमिटेड महारत्न में शामिल है। कम्पनी ने पोटाश खनन की नीलामी लेने के साथ ही अपने व्यवसाय पोर्टफोलियो में परिवर्तन किया है। कम्पनी ने केन्द्रीय खान मंत्रालय की ओर से आयोजित क्रिटिकल खनिजों की नीलामी के 5वें चरण में पोटाश ब्लॉक प्राप्त किया है।सबसे बड़ा भंडार राजस्थान मेंप्रदेश में पोटाश खनन की अपार संभावनाएं हैं। देश के भूगर्भ में उपलब्ध पोटाश का 95 प्रतिशत से अधिक हिस्सा राजस्थान में है। उप-सतही हैलाइट युक्त वाष्पीकरण बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू और नागौर जिलों में करीब 30 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में है। बीकानेर, हंसेरा, अर्जुनसर, घड़सीसर, जैतपुर, सतीपुरा, भारुसरी और लाखासर के आसपास 2 प्रतिशत पोटेशियम युक्त पोटाश वाले आठ बेसिन की पहचान हो चुकी है। इनमें से सतीपुरा, भारुसरी और लाखासर उप बेसिन को श्रेष्ठ माना गया है। इनमें तीन प्रतिशत पोटाश कट ऑफ ग्रेड करीब 2476.58 मिलियन टन का अनुमान है।

विकसित भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

केन्द्र सरकार की ओर से पोटाश खनन के लिए यह कदम विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। बीकानेर संभाग में फर्टिलाइजर के उद्योग विकसित होंगे। अभी हनुमानगढ़ जिले में झंडावाली-सतीपुरा और जोरकियान-सतीपुरा के दो ब्लॉक ऑयल इंडिया और हिन्दुस्तान जिंक को आवंटित किए है। बीकानेर जिले के लखासर के ब्लॉक की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही इसके ब्लॉक आवंटित किए जाएंगे।

- अर्जुनराम मेघवाल, केन्द्रीय कानून मंत्री एवं बीकानेर सांसद