
बीकानेर. मूंगफली की सरकारी समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद शुरू होने से पहले ही बवाल मच गया है। खरीद में गड़बड़ी और मुनाफाखोरों की सेंधमारी का मामला उजागर होने के साथ ही विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि भी सक्रिय हो गए हैं। सनद रहे, पिछले साल खरीदी गई मूंगफली को नेफैड ने बहुत कम दाम पर नीलाम किया था। अब इस पुरानी मूंगफली को इस साल सरकारी खरीद में बेचने की साजिश की खबरें सामने आई हैं।
श्रीडूंगरगढ़ विधायक ताराचंद सारस्वत, नोखा के पूर्व विधायक बिहारीलाल बिश्नोई, भाजपा जिलाध्यक्ष श्यामसुंदर पंचारिया और भाजपा नेता रविशेखर मेघवाल ने इस मामले में मुख्य सचिव, सीएमओ, सहकारिता के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और एमडी राजफैड से चर्चा की और फर्जी गिरदावरी के लिए पटवारियों पर कार्रवाई की मांग की।
सूत्रों के अनुसार, जिले में 70 हजार से अधिक किसानों का पंजीकरण पोर्टल पर हुआ है, लेकिन केवल 20 फीसदी ही सही गिरदावरी की गई। इससे वास्तविक पात्र किसान सरकारी खरीद का लाभ नहीं ले पा रहे हैं।ज्यादातर बरानी भूमि पर मूंगफली की बुवाई दिखाकर फर्जी गिरदावरी से टोकन कटवाए गए हैं। वहीं, जनप्रतिनिधि क्षेत्र में कुल उत्पादन का कम से कम 25 प्रतिशत हिस्सा एमएसपी पर खरीद के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं।
तहसील बुवाई हेक्टेयर में उत्पादन मीट्रिक टन
श्रीडूंगरगढ़ 74939 224818
नोखा 33729 101186
जसरासर 21986 65958
पूगल 16545 49634
खाजूवाला 565 1695
दंतौर 3753 11259
छतरगढ़ 9582 28745
लूणकरनसर 10484 31452
बीकानेर 48108 144324
कोलायत 17527 52282
हदां 4330 12989
बज्जू 48796 146388
कुल 290343 871029
(उत्पादन अनुमान कृषि विभाग के अनुसार)
भारतीय किसान संघ ने जिले में कम से कम एक लाख टोकन जारी करने की मांग की है। प्रत्येक टोकन पर 40 क्विंटल मूंगफली खरीदी जाती है। जिलाध्यक्ष शंभूसिंह राठौड़ ने बताया कि वर्तमान में केवल 72,500 टोकन जारी किए गए हैं, जिससे करीब 30 लाख क्विंटल मूंगफली ही सरकारी खरीद के लिए उपलब्ध होगी।जबकि जिले में कुल उत्पादन 87 लाख क्विंटल का अनुमान है। संघ का कहना है कि कम से कम 40 फीसदी उत्पादन सरकार को खरीदना चाहिए। अभी फर्जी गिरदावरी से पंजीयन बड़ी संख्या में हुए है। जिन्हें जांच कर हटाया भी जाना है। ऐसे में किसानों को सुविधा के लिए अतिरिक्त टोकन जारी करने चाहिए।
मूंगफली की सरकारी खरीद व्यवस्था में सेंध लगाकर फर्जीवाड़ा करने वालों पर सरकार को सख्ती करनी चाहिए। फर्जी गिरदावरी और गिरदावरी में कांट-छांट कर अपलोड करने के मामले भी सामने आए है। ऐसे में खरीद में पारदर्शिता के लिए तुलाई से पहले दस्तावेजों का पुन: सत्यापन होना चाहिए। साथ ही जो फर्जीवाड़ा करता पकड़ में आए, उनके खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया जाए। इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
- शंभूसिंह राठौड़, जिलाध्यक्ष भारतीय किसान संघ बीकानेर
हमारा उद्देश्य तो यही है कि वास्तविक किसान को एमएसपी का लाभ मिले। यदि गिरदावरी में फर्जीवाड़ा हो रहा है तो इसकी प्रशासन को जांच करानी चाहिए। सेंटर पर मूल गिरदावरी से मिलान करने के बाद ही मूंगफली तुलाई की जाएगी। अभी तक टोकन के पंजीयन हुए है, उनके डाटा उपलब्ध है। उनकी जांच भी कराई जा सकती है।- शिशुपाल सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक राजफैड
Published on:
27 Oct 2025 06:02 pm
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