
बीकानेर में अग्नि नृत्य करते सिद्ध समाज के लोग। मुंह में अंगारे लेकर कला का प्रदर्शन करता कलाकार। फोटो पत्रिका
Rajasthan : बीकानेर में जसनाथजी मंदिर में चोरी से आहत साधु-संतों का अनूठा विरोध। बीकानेर जिला और पुलिस प्रशासन के खिलाफ दहकते अंगारों को अपने मुंह में रख अग्नि नृत्य किया। मामला यह है कि बीकानेर के जसनाथजी मंदिर में ढाई साल पहले हुई चोरी की वारदात पुलिस आज तक नहीं खोल पाई है।
बताया जा रहा है कि चोर मंदिर से चालीस किलो चांदी का छत्र, सोने का मुकुट और ढाई लाख रुपए चोरी कर ले गए थे। इस मामले में जसनाथ सम्प्रदाय के लोग 24 दिन से जिला कलक्ट्रेट पर धरने पर बैठे है। सोमवार को सिद्ध समाज के लोगों ने अनूठा विरोध-प्रदर्शन किया। जिला कलक्ट्रेट पर जागरण का आयोजन किया गया।
इसमें सिद्ध समाज के बीरबल नाथ, रवींद्र सिद्ध, मोहननाथ आदि ने अग्नि नृत्य किया। इसे देखने बड़ी संख्या में लोग भी जुटे। यूथ कांग्रेस नेता भंवर कूकना और अजय सिद्ध की अगुवाई में पीसीसी महासचिव राजेंद्र मूंड, राजेश गोदारा, गिरधारी कूकना आदि भी मौजूद रहे।
संत श्री जसनाथजी ने 15वीं सदी में जसनाथ संप्रदाय की स्थापना की थी। यह संप्रदाय राजस्थान के बीकानेर, नागौर, हनुमानगढ़ और चूरू जिलों में व्यापक रूप से फैला हुआ है।
जसनाथ संप्रदाय की सबसे प्रसिद्ध और अद्भुत साधना अग्नि नृत्य है। इसमें साधु-संत जलते अंगारों पर नंगे पांव नृत्य करते हैं। यह नृत्य भक्ति, तपस्या और आस्था का प्रतीक माना जाता है। अग्नि नृत्य का इतिहास 500 साल पुराना है। बताया जाता है कि राजस्थान में अग्नि नृत्य की शुरुआत करीब 500 साल पहले 'जसनाथी समुदाय' के जाट सिद्धों ने की थी।
Updated on:
28 Oct 2025 11:26 am
Published on:
28 Oct 2025 11:22 am
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